प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन का उद्देश्य निम्नलिखित सुधार करना है:
हर साल देश में 5 लाख सड़क दुर्घटनाओं की सूचना आती है जिसमें 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। सरकार इन दुर्घटनाओं और मृत्यु संख्या को अगले पांच साल में 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सड़क सुरक्षा के मुद्दे का समाधान निकालने के लिए राजग सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद ही एक ‘मसौदा सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक’ तैयार किया गया था। हालांकि, ज्यादातर राज्यों ने अपने आपत्ति जाहिर किए।
सड़क सुरक्षा के मुद्दे का समाधान करने और परिवहन विभागों का सामना करने के दौरान नागरिकों की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों के परिवहन मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) का गठन किया। राजस्थान के परिवहन मंत्री माननीय यूनुस खान की अध्यक्षता में इस जीओेएम की तीन बैठकें आयोजित हुईं। विभिन्न राजनीतिक दलों के कुल 18 परिवहन मंत्रियों ने बैठकों में भाग लिया और उन्होंने तीन अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कीं। े
इस जीओएम ने सिफारिशें कीं कि सड़क सुरक्षा के गंभीर मुद्दे का निवारण करने और परिवहन परिदृश्य में सुधार लाने के लिए सरकार को तुरंत ही वर्तमान मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने चाहिए। जीओएम की सिफारिशों और अन्य अहम जरूरतों के आधार पर, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कैबिनेट के विचार के लिए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2016 प्रस्तुत किया। आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को स्वीकृत कर दिया है।
वर्तमान मोटर वाहन अधिनियम में 223 धाराएं हैं जिनमें से इस विधेयक का लक्ष्य 68 धाराओं में संशोधन करना है। इसमें अध्याय 10 हटा दिया गया है और अध्याय 11 को नए प्रावधानों से बदला जा रहा है ताकि तीसरे पक्ष के बीमा दावों और निपटान की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।
इन महत्वपूर्ण प्रावधानों में हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करना शामिल है। इसमें सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु पर 10 लाख रुपये के मुआवजे के भुगतान के लिए भी प्रावधान है।
इस विधेयक में 28 नई धाराओं की प्रविष्टि का प्रस्ताव है। ये संशोधन मुख्य रूप से सड़क सुरक्षा में सुधार से जुड़े मसलों, परिवहन विभाग से व्यवहार के दौरान नागरिकों की सुविधा, ग्रामीण परिवहन का सुदृढीकरण करने, आखिरी मील तक कनेक्टिविटी व सार्वजनिक परिवहन, स्वचालन व कंप्यूटरीकरण और ऑनलाइन सेवाओं की सक्षमता पर केंद्रित है।
सड़क सुरक्षा, यात्रियों की सुविधा, आखिरी मील तक परिवहन, सार्वजनिक परिवहन और ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को स्टेज कैरिज और अनुबंध कैरिज परमिट में छूट देकर देश में परिवहन परिदृश्य में सुधार लाने का प्रस्ताव इस विधेयक में है।
इस विधेयक में प्रस्ताव दिया गया है कि राज्य सरकार एक गुणक निर्दिष्ट कर सकती है, जो एक से कम और दस से अधिक नहीं हो, जिसे इस विधेयक के अंतर्गत हर जुर्माने और ऐसे ही संशोधित जुर्माने पर लागू किया जा सके।
इस विधेयक में प्रस्तावित है कि राज्य सरकार पैदल चलने वालों के सार्वजनिक स्थल और परिवहन के ऐसे ही जरियों में गतिविधियों को विनियमित कर सकती है।
ई-गवर्नेंस का उपयोग कर हितधारकों के लिए सेवाओं के वितरण में सुधार करना इस विधेयक के प्रमुख उद्देश्यों में से है। ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस देना, ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता अवधि बढ़ाना, परिवहन लाइसेंस के लिए शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता को खत्म करने जैसी सुविधाएं इसमें शामिल हैं।
इस विधेयक में प्रस्ताव है कि किशोरों द्वारा किए गए अपराध के मामलों में अभिभावक / मालिक को दोषी माना जाए और किशोरों पर जेजे एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाए। मोटर वाहन का पंजीकरण रद्द कर दिया जाए।
नए वाहनों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार करने के लिए डीलर के छोर पर पंजीकरण को सक्षम किया जा रहा है और अस्थायी पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में यातायात नियमों के उल्लंघन के खिलाफ निवारक के रूप में कार्य करने के लिए दंड बढ़ाने का प्रस्ताव इस विधेयक में है। किशोरों द्वारा गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने, खतरनाक ड्राइविंग, ओवर-स्पीडिंग, अधिक भार जैसे अपराधों के संबंध में सख्त प्रावधान प्रस्तावित किए जा रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक तौर पर उल्लंघनों का पता लगाने के प्रावधान के साथ-साथ हेलमेट के लिए सख्त प्रावधान भी लाए गए हैं।
सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद करने के लिए “अच्छे नागरिक के दिशा-निर्देश” विधेयक में शामिल किए गए हैं। इस विधेयक में परिवहन वाहनों के लिए स्वचालित फिटनेस परीक्षण का प्रावधान भी है जो 1 अक्टूबर 2018 से प्रभावी होगा। इससे परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार कम होगा जबकि वाहन की सड़क पात्रता में सुधार आएगा।
सुरक्षा / पर्यावरण नियमों का जानबूझकर उल्लंघन करने और साथ ही बॉडी बिल्डरों और स्पेयर पार्ट आपूर्तिकर्ताओं के लिए दंड भी प्रस्तावित किया जा रहा है।
पंजीकरण और लाइसेंस देने की प्रक्रिया की समरसता लाने के लिए “वाहन” और “सारथी” जैसे मंचों के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर और वाहन पंजीकरण के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने का प्रस्ताव है। इससे देश भर में इस प्रक्रिया में एकरूपता की सुविधा होगी।
वाहनों के परीक्षण और प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जाना प्रस्तावित है। इन परीक्षण एजेंसियों द्वारा वाहनों को मंजूरियां अब इस अधिनियम के दायरे में लाई गई हैं।
ड्राइविंग प्रशिक्षण की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है जिससे परिवहन लाइसेंस तेजी से जारी करने की सक्षमता प्राप्त होगी। इससे देश में वाणिज्यिक चालकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
दिव्यांगों के लिए परिवहन समाधानों को सुविधाजनक बनाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस देने के मामले में और दिव्यांगों के उपयोग हेतु वाहनों को फिट बनाने में विद्यमान बाधाओं को दूर कर दिया गया है।
माननीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2016 को सड़क सुरक्षा एवं परिवहन के क्षेत्र में हुआ सबसे बड़ा सुधार करार दिया है। उन्होंने मार्गदर्शन और समर्थन के लिए माननीय प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। इन संशोधनों को तैयार करने में राज्य परिवहन मंत्रियों के समूह द्वारा किए गए प्रयासों के लिए उन्होंने विशेष प्रशंसा व्यक्त की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि संसद में अगले सप्ताह इन संशोधनों पर विचार किया जाएगा और उन्होंने सभी दलों से अपील की है कि इस विधेयक को समर्थन दें जो कि सुरक्षित और लोक-अनुरूप परिवहन व्यवस्था मुहैया करवाने के लिए सही दिशा में उठाया गया कदम है।
मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2016 के अंतर्गत विभिन्न जुर्मानों में प्रस्तावित संशोधन
177 |
सामान्य |
100 रुपये |
500 रुपये |
177ए |
सड़क विनियमन उल्लंघन के नियम |
100 रुपये |
500 रुपये |
178 |
बिना टिकट यात्रा |
200 रुपये |
500 रुपये |
179 |
अधिकारियों के आदेशों की अवज्ञा |
500 रुपये |
2000 रुपये |
180 |
बिना लाइसेंस वाहनों का अनधिकृत प्रयोग |
1000 रुपये |
5000 रुपये |
181 |
बिना लाइसेंस ड्राइविंग |
500 रुपये |
5000 रुपये |
182 |
अयोग्यता के बावजूद वाहन चालन |
500 रुपये |
10,000 रुपये |
182बी |
आकार से बड़े वाहन |
नया |
5000 रुपये |
183 |
गति से ऊपर चलाना |
400 रुपये |
1000 रुपये एलएमवी के लिए, 2000 रुपये मध्यम यात्री वाहन के लिए |
184 |
खतरनाक ड्राइविंग पर जुर्माना |
1000 रुपये |
5000 रुपये तक |
185 |
शराब पीकर ड्राइविंग |
2000 रुपये |
10,000 रुपये |
189 |
स्पीडिंग / रेसिंग |
500 रुपये |
5000 रुपये |
192ए |
बिना परमिट वाहन |
5000 रुपये तक |
10,000 रुपये तक |
193 |
एग्रीगेटर (लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन) |
नया |
25,000 रुपये से 1,00,000 रुपये |
194 |
ओवरलोडिंग |
2000 रु. और 1000 रु. प्रति अतिरिक्त टन |
20,000 रुपये और 2000 रु. प्रति अतिरिक्त टन |
194ए |
यात्रियों की ओवरलोडिंग |
|
1000 रुपये प्रति अतिरिक्त यात्री |
194बी |
सीट बेल्ट |
100 रुपये |
1000 रुपये |
194सी |
दुपहिया की ओवरलोडिंग |
100 रुपये |
2000 रुपये, 3 महीने लाइसेंस अयोग्य घोषित |
194डी |
हेलमेट |
100 रुपये |
1000 रुपये, 3 महीने लाइसेंस अयोग्य घोषित |
194ई |
आपातकालीन वाहनों को मार्ग प्रदान न करना |
नया |
10,000 रुपये |
196 |
बिना बीमा वाहन चलाना |
1000 रुपये |
2000 रुपये |
199 |
किशोरों द्वारा अपराध |
नया |
अभिभावक/मालिक दोषी माना जाएगा। 25,000 रुपये का दंड और 3 साल कारावास। किशोर पर जेजे एक्ट के तहत केस चलेगा। मोटर वाहन का पंजीकरण रद्द होगा। |
206 |
दस्तावेज ज़ब्त करने की अधिकारियों की शक्ति |
|
धारा 183, 184, 185, 189, 190, 194सी, 194डी, 194ई के तहत ड्राइविंग लाइसेंस रद्द |
210बी |
नियुक्त अधिकारियों द्वारा किए अपराध |
|
प्रासंगिक धारा के अंतर्गत दोगुना जुर्माना |
धारा |
पुराना प्रावधान/ जुर्माना |
नया प्रस्तावित प्रावधान/ न्यूनतम जुर्माना |
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