प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप असम के मौजूदा परिसर में 12.7 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता का एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसकी अनुमानित कुल परियोजना लागत 10,601.40 करोड़ रुपये है तथा ऋण इक्विटी अनुपात 70:30 है। यह नई निवेश नीति, 2012 (7 अक्टूबर, 2014 को इसके संशोधनों सहित) के तहत एक संयुक्त उद्यम (जेवी) के माध्यम से स्थापित किया जाएगा। नामरूप-IV परियोजना के चालू होने की संभावित समय-सीमा 48 महीने है।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के दिशा-निर्देशों में निर्धारित सीमाओं में छूट देते हुए राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) की 18 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी को भी मंजूरी दी; और नामरूप-IV उर्वरक संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन।
प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में इक्विटी पैटर्न निम्नानुसार होगा:
(i) असम सरकार: 40%
(ii) ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल): 11%
(iii) हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल): 13%
(iv) नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल): 18%
(v) ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल): 18%
बीवीएफसीएल की इक्विटी हिस्सेदारी मूर्त परिसंपत्तियों के बदले में होगी।
इस परियोजना से देश में विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में घरेलू यूरिया उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। यह पूर्वोत्तर, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में यूरिया उर्वरकों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। नामरूप-IV इकाई की स्थापना अधिक ऊर्जा कुशल होगी। इससे क्षेत्र के लोगों के लिए अतिरिक्त प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। इससे देश में यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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एमजी/केसी/केके/ओपी