देश में अभिनव मोबिलिटी सॉल्यूशंस विकसित करने को बढ़ावा
स्वच्छ, आपस में जुड़ी, साझा एवं समग्र गतिशीलता पहलों को बढ़ावा देने के लिए मिशन बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों के लिए ‘चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम’ शुरू किया जाएगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित को मंजूरी दी हैः
स्वच्छ, आपस में जुड़ी, साझा, सतत एवं समग्र गतिशीलता पहलों को बढ़ावा देने के लिए ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ की शुरुआत करने को स्वीकृति दी गई है।
भारत में कुछ व्यापक निर्यात-प्रतिस्पर्धी क्षमता वाले एकीकृत बैटरी एवं सेल-निर्माता गीगा संयंत्रों की स्थापना में सहयोग देने के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) वर्ष 2024 तक 5 वर्षों के लिए मान्य है।
इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी समूची मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में होने वाले उत्पादन के स्थानीयकरण के लिए पीएमपी बनाने को मंजूरी दी गई है जो वर्ष 2024 तक 5 वर्षों के लिए मान्य है।
दोनों ही पीएमपी योजनाओं को ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशनः
संरचनाः
अंतर-मंत्रालय संचालन समिति के साथ बहु-विषयक ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ की अध्यक्षता नीति आयोग के सीईओ करेंगे।
संचालन समिति में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारी उद्योग विभाग तथा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव और औद्योगिक मानक ब्यूरो के महानिदेशक शामिल होंगे।
भूमिकाः
इस मिशन के तहत परिवर्तनकारी गतिशीलता के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों, इन वाहनों के कलपुर्जों और बैटरियों से जुड़े चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रमों के लिए विभिन्न रणनीतियों की सिफारिशें पेश की जाएंगी एवं इन्हें अपेक्षित गति प्रदान की जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी समूची मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में होने वाले उत्पादन के स्थानीयकरण के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) शुरू किया जाएगा। ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ के तहत पीएमपी की रूपरेखा तय की जाएगी एवं इस तरह के कार्यक्रम से जुड़े विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा।
स्थानीयकरण के प्रत्येक चरण में हासिल किए जा सकने वाले मूल्य वर्धन के विवरण को इस मिशन के तहत अंतिम रूप दिया जाएगा और इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों और बैटरियों के लिए एक स्पष्ट ‘मेक इन इंडिया’ रणनीति तैयार की जाएगी।
भारत में गतिशीलता या आवागमन में व्यापक बदलाव लाने के लिए विभिन्न पहलों को एकीकृत करने हेतु इस मिशन के तहत मंत्रालयों/विभागों और राज्यों के महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।
रोडमैपः
गीगा-पैमाने पर बैटरी विनिर्माण पर अमल के लिए एक चरणबद्ध खाका या रोडमैप पर विचार किया जाएगा। इसके तहत आरम्भ में वर्ष 2019-20 तक विशाल मॉड्यूल एवं पैक एसेम्बली प्लांटों और इसके बाद वर्ष 2021-22 तक सेल के एकीकृत विनिर्माण पर फोकस किया जाएगा।
इस मिशन के तहत बैटरियों से जुड़े पीएमपी का ब्यौरा तैयार किया जाएगा। यह मिशन भारत में बैटरी विनिर्माण उद्योग का समग्र एवं व्यापक विकास सुनिश्चित करेगा।
इस मिशन के तहत वह आवश्यक रोडमैप तैयार किया जाएगा जो भारत को अभिनव एवं प्रतिस्पर्धी मल्टी-मोडल मोबिलिटी सॉल्यूशन्स विकसित करने के लिए अपने विशाल आकार से व्यापक लाभ उठाने में समर्थ बनाएगा और इनका उपयोग विभिन्न संदर्भों में वैश्विक स्तर पर किया जा सकेगा।
यह मिशन देश में घरेलू विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए एक सतत मोबिलिटी या गतिशीलता माहौल सुनिश्चित कर एवं ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहित कर ‘नए भारत’ में परिवर्तनकारी गतिशीलता से जुड़े रोडमैप को परिभाषित करेगा।
प्रभावः
यह मिशन उन मोबिलिटी सॉल्यूशंस को विकसित करने में तेजी लाएगा जो उद्योग जगत, अर्थव्यवस्था और समूचे देश के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होंगे।
इन मोबिलिटी सॉल्यूशंस से शहरों में आबोहवा बेहतर होगी और इसके साथ ही तेल आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं स्टोरेज सॉल्यूशंस के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
इस मिशन के तहत ऐसी रणनीति एवं रोडमैप तैयार किया जाएगा जो भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण माहौल विकसित करने हेतु अपने विशाल आकार से व्यापक लाभ उठाने में समर्थ बनाएगा।
इस दिशा में उठाए जाने वाले विभिन्न कदमों से सभी नागरिक लाभान्वित होंगे क्योंकि इसका लक्ष्य ‘आसान जीवन’ को बढ़ावा देना तथा देश के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर करना और ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए विभिन्न कौशलों से जुड़े रोजगार अवसर मुहैया कराना है।
पृष्ठभूमिः
सितंबर 2018 में आयोजित वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत में गतिशीलता के भविष्य के लिए 7 ‘सी’ पर आधारित विजन की रूपरेखा पेश की थी जिनमें कॉमन, कनेक्टेड, कन्वीनियंट, कंजेशन-फ्री, चार्ज्ड, क्लीन और कटिंग-एज मोबिलिटी शामिल हैं। मोबिलिटी या गतिशीलता में अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने की असीम क्षमता है।
किफायती, सुगम्य, समावेशी एवं सुरक्षित मोबिलिटी सॉल्यूशंस आर्थिक विकास की गति तेज करने और ‘आसान जीवन’ सुनिश्चित करने में अत्यंत मददगार साबित होते हैं। साझा, आपस में जुड़े और स्वच्छ मोबिलिटी सॉल्यूशंस विश्व भर में बड़ी तेजी से कारगर मोबिलिटी सॉल्यूशंस के महत्वपूर्ण सिद्धांत बनते जा रहे हैं। जलवायु से जुड़े लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए भारत को कारगर रणनीतियां अपनाने की जरूरत है, ताकि वह विश्व में मोबिलिटी क्रांति के एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में स्वयं को प्रस्तुत कर सके।
अतः इसे ध्यान में रखते हुए एक ऐसे समर्पित बहु-विषयक मिशन शुरू करने की जरूरत महसूस की गई जो सहकारी संघवाद तथा व्यापक हितधारक एवं अंतर-मंत्रालय सलाह-मशविरा को सुविधाजनक बनाएगा और निम्नलिखित पर फोकस करके मोबिलिटी से जुड़े परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाने के लिए सम्पूर्ण नीतिगत रूपरेखा को अमल में लाएगाः
विनिर्माण
विनिर्देश एवं मानक
वित्तीय प्रोत्साहन
समग्र मांग का सृजन एवं अनुमान
नियामकीय रूपरेखा
अनुसंधान एवं विकासॉ
ये पहल आने वाले दशकों में भारत में बड़ी तेजी से हो रहे शहरीकरण के लिए अत्यंत उपयोगी एवं लाभप्रद साबित होंगी।