प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी।
इस विधेयक के जरिये सरकार ने उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए एक ढांचा तैयार किया है। यह विधेयक हाशिये पर आ चुके बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके साथ होने वाले भेदभाव और शोषण को रोकने में मदद करेगा। यह व्यापक समग्रता को बढ़ावा देगा और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज के उपयोगी सदस्य बनाएगा।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति देश के सबसे हाशिये पर मौजूद समुदायों में शामिल है क्योंकि वे लिंग की स्टीरियोटाइप श्रेणी ‘पुरुष’ और ‘महिला’ में फिट नहीं बैठते। फलस्वरूप उन्हें सामाजिक बहिष्कार से लेकर भेदभाव तक, शिक्षा सुविधाओं के अभाव, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है।
यह विधेयक सभी हितधारकों को इसके सिद्धांतों को लागू करने के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह बनाएगा। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से जुड़े मुद्दों पर अधिक से अधिक जवाबदेही तय करेगा।