प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू में भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम) की स्थापना व संचालन को मंजूरी दी है। ओल्ड गर्वमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के परिसर में अस्थायी तौर से 2016-17 से अकादमिक शुरुआत हो गई है।
इस परियोजना में अस्थायी परिसर के लिए 61. 90 करोड़ शामिल है। शुरुआती चार साल 2016-2020 तक यह परिसर अस्थायी ही रहेगा। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम(पीजीडीपी) में अभी 54 छात्र पढ़ रहे हैं। इस तरह से छात्रों की संख्या धीरे धीरे बढ़ रही है। चार साल में इन छात्रों की संख्या बढ़ कर 120 हो जाएगी। इस बीच, जम्मू में एक परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया चलती रहेगी। कश्मीर क्षेत्र में भी इसकी शाखा खुलेगी। स्थायी परिसर के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत आईआईएम जम्मू सोसायटी के गठन को भी मंजूरी दी है। आईआईएम जम्मू का संचालन इस सोसायटी और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा किया जाएगा। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का गठन भारत सरकार करेगी। संस्थान के संचालन एवं इससे जुड़े प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी इसी बोर्ड की होगी।
यह योजना जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज का हिस्सा है। एनआईटी श्रीनगर का आधुनिकरण किया गया है और जम्मू में आईआईटी की स्थापना की गई है। साथ दो नए एम्स की स्थापना की गई है, जिसमें एक कश्मीर क्षेत्र में होगा तो दूसरा जम्मू में होगा। इससे जम्मू कश्मीर में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हो सकेगी।
पृष्टभूमि
भारतीय प्रबंधन संस्थान देश का प्रतिष्ठित संस्थान है जो दुनियाभर में प्रबंधन के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए जाना जाता है। प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण एवं शिक्षा मुहैया कराने को लेकर इसकी एक अलग पहचान है। अभी देश में उन्नीस आईआईएम हैं, जो अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ, इंदौर, कोझीकोड, शिलांग, रांची, रायपुर, रोहतक, काशीपुरस, त्रिची और उदयपुर में स्थित हैं। अन्य छह जिनकी शुरुआत 2015 में हुई थी वह अमृतसर, सिरमोर, नागपुर, बोधगया, संभलपुर और विशाखापत्तनम में स्थित हैं।