प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने को लेकर मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की ओर से दी सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी। उप समूह ने केंद्र प्रायोजित 66 योजनाओं की जांच की थी और सिफारिश की थी कि सामान्य तौर पर इनकी संख्या 30 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के साथ राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले उप समूहों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ क्षेत्रीय स्तर पर विचार विमर्श किए जाने के बाद कई विवादास्पद मुद्दों पर आपसी सहमति बनी।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने के विशेष हस्तक्षेप से बेहतर परिणामों के साथ संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगी। इससे लक्षित समूह तक इसका समुचित लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो सकेगा।
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8 फरवरी 2015 को हुई पहली बैठक में उप-समूह गठित करने के सिलसिले में फैसला लिया गया था। उप-समूह के मार्गदर्शक सिद्धांत के चलते राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच मुद्दे सुलझ गए और दोनों टीम इंडिया की तरह सहकारी संघवाद की दिशा में काम कर रहे हैं। इससे विजन-2022 के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है जिस समय हम स्वतंत्रता का 75वां साल मना रहे होंगे। विजन के उद्देश्य हैं; (अ) नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना ताकि आत्म-सम्मान के साथ जीवन जीने को सुनिश्चित किया जा सके और (बी) समूचित अवसर प्रदान करना ताकि प्रत्येक नागरिक अपनी क्षमताओं के अनुरूप उसका उपयोग कर सके ।
4. उप-समूह की सिफारिशें
योजनाओं की संख्याः कुल योजनाओं की संख्या 30 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए
बी) योजनाओं का वर्गीकरणः मौजूदा योजनाओं को मुख्य और वैकल्पिक योजनाओं में विभाजित किया जाए।
1)मुख्य योजनाएः केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राष्ट्रीय विकास मुख्य एजेंडा होना चाहिए ताकि केंद्र और राज्य साथ मिलकर टीम इंडिया की तरह काम कर सकें।
2) मुख्य योजनाओं का केंद्र बिंदु: जो योजनाएं सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक समावेश के लिए बनीं हैं उन्हें मुख्य योजनाओं में भी मुख्य बनाना चाहिए। साथ ही मौजूद कोष का इस्तेमाल राष्ट्रीय विकास एजेंडा के लिए किया जाना चाहिए।
3) वैकल्पिक योजनाएः राज्य योजनाओं को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। इन योजनाओं के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय राज्यों को एकमुशत कोष जारी करेगा।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं के राष्ट्रीय विकास कार्यसूची के अनुसार सूची
(अ)
|
|
मुख्य योजनाओं |
|
1
|
|
राष्ट्रीय
|
|
2
|
|
महात्मा |
|
3
|
|
अनुसूचित
|
|
4
|
|
अनुसूचित |
|
5
|
|
अल्पसंख्यकों
|
|
6
|
|
पिछड़े |
|
(बी)
|
|
मुख्य
|
|
7
|
|
हरित
|
|
8
|
|
श्वेत
|
|
9
|
|
नीली
|
|
10
|
|
प्रधानमंत्री |
|
|
अ
|
हर खेत को
|
|
|
ब
|
हरेक बूंद
|
|
|
स
|
एकीकृत |
|
|
ड
|
त्वरित
|
|
11
|
|
प्रधानमंत्री
|
|
12
|
|
प्रधानमंत्री
|
|
|
अ
|
पीएमएवाई –ग्रामीण
|
|
|
ब
|
पीएमएवाई –शहरी
|
|
13
|
|
राष्ट्रीय
|
|
14
|
|
स्वच्छ
|
|
|
अ
|
एसबीएम-ग्रामीण
|
|
|
ब
|
एसबीएम-शहरी
|
|
15
|
|
राष्ट्रीय
|
|
|
अ
|
राष्ट्रीय
|
|
|
ब
|
राष्ट्रीय शहरी
|
|
|
स
|
तृतीयक
|
|
|
ड
|
स्वास्थ्य
|
|
|
इ
|
आयुष पर
|
|
16
|
|
राष्ट्रीय
|
|
17
|
|
राष्ट्रीय
|
|
|
a
|
सर्व
|
|
|
b
|
राष्ट्रीय
|
|
|
c
|
शिक्षक प्रशिक्षण
|
|
|
d
|
राष्ट्रीय उच्च
|
|
18
|
|
मिड डे मील |
|
19
|
|
समेकित बाल
|
|
|
अ
|
आंगनवाड़ी
|
|
|
ब
|
राष्ट्रीय
|
|
|
स
|
मातृत्व
|
|
|
ड
|
किशोरियों
|
|
|
इ
|
एकीकृत बाल
|
|
|
फ
|
राष्ट्रीय
|
|
20
|
|
महिलाओं के लिए
|
|
21
|
|
राष्ट्रीय
|
|
|
अ
|
राष्ट्रीय |
|
|
ब
|
राष्ट्रीय शहरी
|
|
22
|
|
रोजगार और
|
|
|
अ
|
रोजगार
|
|
|
ब
|
प्रधानमंत्री
|
|
23
|
|
पर्यावरण, वन
|
|
|
अ
|
एक हरित |
|
|
ब
|
वन्यजीव
|
|
|
स
|
प्राकृतिक |
|
|
द
|
राष्ट्रीय |
|
24
|
|
शहरी
|
|
25
|
|
पुलिस बलों |
|
26
|
|
न्यायपालिका
|
|
(स)
|
|
वैकल्पिक
|
|
27
|
|
सीमा
|
|
28
|
|
श्यामा
|
|
क्रम सं. |
|
केंद्र प्रायोजित योजनाएं(सीएसएस) |
---|
अनुदान का ढांचा इस प्रकार होगाः
मुख्य योजनाओं का केंद्र बिंदु:
मौजूदा मुख्य योजनाओं में मुख्य की फंडिंग जारी रहेगी।
मुख्य योजनाएं:
(अ) पूर्वोत्तर के 8 राज्यों व 3 हिमालयीय राज्यों के लिएः केंद्रःराज्यः90:10 का अनुपात होगा
(ब)अन्य राज्यों के लिए- केंद्रः राज्यः60:40
(स) केंद्र शासित प्रदेशों के लिए (विधानमंडल के बिना): केंद्र 100% और विधानमंडल के साथ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए फंडिंग का ढांचा पहले जैसा ही जारी रहेगा।
वैकल्पिक योजनाएं:8
पूर्वोत्तर के 8 राज्यों व 3 हिमालयी राज्यों के लिए-केंद्रःराज्य 80 और 20 की हिस्सेदारी होगी
ब) अन्य राज्यों के लिए – केंद्र और राज्यों के बीच 50-50 की हिस्सेदारी होगी
स) केंद्र शासित राज्य-(1) (विधानमंडल के बिना) केंद्र-100प्रतिशत
(2) (विधानमंडल सहित) केंद्रःकेंद्र शासित प्रदेशों की हिस्सेदारी 80 और 20 की होगी
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए फंड में लचीलापन
अ. केंद्र प्रायोजित योजनाओं की रूपरेखा के मुताबिक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्यों को अपने मन मुताबिक बदलाव करने की मंत्रालय अनुमित देंगे।
ब. इसके अलावा, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत समग्र वार्षिक आवंटन का राज्यों के लिए वर्तमान 10% से बढ़ाकर 25% एवमं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 30% बढ़ा दिया गया है। ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जा सके।