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कैबिनेट ने केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड के विलय के प्रस्ताव को स्वीकृत दी


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड(सीआईडब्ल्यूटीसी) के विलय प्रस्ताव को स्वीकृत प्रदान कर दी। 24 दिसंबर 2014 को लिए गए कैबिनेट फैसले के मुताबिक सीआईडब्ल्यूटीसी के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना 2015 में लागू कर दी गई थी। भारत सरकार ने कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 22 फरवरी 1967 को सीआईडब्ल्यूटीसी की स्थापना की थी। इस दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश की ओर से एक योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद सीआईडब्ल्यूटीसी ने रीवर स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड की संपत्ति एवं देनदारियों को संभाला था।

सीमा और बुनियादी ढांचे की बाधाओं के कारण सीआईडब्ल्यूटीसी का संचालन कभी व्यावाहिरक नहीं बन सका और यह कंपनी अपनी स्थापना के समय से ही घाटे में चल रही है। अभी इस कंपनी में सिर्फ पांच कर्मी हैं।

जब भी संभव हो बीमार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को पुनर्जीवित करने और असाध्य मामलों को समाप्त करने के सरकार के निर्णय के तहत चल-अचल संपत्ति के निपटान होने के बाद सीआईडब्ल्यूटीसी को समाप्त कर दिया जाएगा। लोगों को इसका लाभ मिले और इसके बेहतर उपयोग के लिए संपत्ति को मुक्त करना होगा। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण इसकी संपत्तियों को लेगा और ब्रह्मपुत्र रीवर(एनडब्ल्यू-4) को इसे सौंप देगा।