प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल ऑटोमोटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (एनएटीआरआईपी) के लिए 3727.30 करोड़ रुपये के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी दी है। इस स्वीकृति से एनएटीआरआईपी के तहत इन परियोजनाओं का पूरा होना सुनिश्चित होता है जो कि भारत में वैश्विक परीक्षा केन्द्रों की स्थापना के लिए भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे मोटर वाहन उद्योग, पूर्ण परीक्षण और संगतता केन्द्रों की अनुसंधान एवं विकास संबंधित जरूरतें संबोधित होंगी। ये परियोजना स्थल हरियाणा के आईसीएटी-मानेसर स्थित उत्तरी ऑटो-क्लस्टर, चेन्नई (तमिलनाडु) के जीएआरसी-ओरेगदम स्थित दक्षिणी ऑटो क्लस्टर और पश्चिमी ऑटो क्लस्टर के लिए वीआरडीई-अहमदनगर व एआरएआई-पुणे मौजूदा केंद्रों पर हैं।
एनएटीआरआईपी परियोजना में करने की जरूरत है:
• चूंकि भारत 1998 के डब्ल्यूपी-29 के तहत वाहन विनिर्देशों के समानीकरण में संयुक्त राष्ट्र नियमन पर हस्ताक्षरकर्ता है तो मोटर वाहनों के डिजाइन, निर्माण, परीक्षण और संचालन में सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण आदि को सुनिश्चित करने में सर्वोत्त्म वैश्विक प्रथाओं को अपनाना।
• भारतीय मोटर वाहन और पुर्जा निर्माताओं को निर्यात में वैश्विक प्रतिस्पर्धा वाला बनाने के लिए ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2016-26 को समर्थन करना जिसमें उनका लक्ष्य अगले 10 सालों में अपने कुल उत्पादन में निर्यात को 35-40 प्रतिशत तक बढ़ाना हो।
• भारतीय वाहनों से सुरक्षा के वैश्विक मानकों (यूएन ब्रासीलिया प्रस्ताव की तर्ज पर) का पालन करवाना ताकि सड़क दुर्घटनाओं और हताहतों की ऊंची संख्या को कम किया जा सके (2015 में यह संख्या 5.01 लाख और 1.46 लाख थी)।
• ओईएम और बिक्री पश्चात के पुर्जों के लिए वाहनों के घटकों के प्रमाणीकरण और विकास के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की मदद करना।
इसमें मूलभूत घटकों में शामिल है पावरट्रेन के लिए विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं, पैसिव सेफ्टी टेस्ट-1 (दुर्घटना परीक्षण सहित), प्रौद्योगिकी साबित करने के लिए पटरियां (इसमें इंदौर में हाई स्पीड ट्रैक शामिल है), थकान और प्रमाण पत्र, विद्युत चुंबकीय संगतता परीक्षण, शोर कंपन और कठोरता परीक्षण, सीएडी एंड सीएमई और इन्फोट्रोनिक्स। इनमें से कई प्रयोगशालाएं पहले से ही परिचालन कर रही हैं। ये बुनियादी ढांचे वाहन और पुर्जा निर्माताओं को सक्षम करेंगे कि वे उन मोटर वाहन उत्पादों का विकास कर सके और उनके लिए देश में सर्टिफिकेट हासिल कर सके जो उनके वैश्विक मानकों की पुष्टि करते हों। इससे “मेक इन इंडिया” लक्ष्य भी लागू हो सकेगा।
एनएटीआरआईपी केंद्रों को स्थानीय और वैश्विक प्रतिस्पर्धा वाला बनाने और उन्हें स्थापित ऑटो केन्द्रों के साथ पूरी तरह से एकीकृत करने के लिए यह निम्नलिखित सार ऑटोमोटिव ग्राहक आधार और सेवाओं का है। ताकि “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम पर जोर देते हुए भारतीय उद्योग विश्व स्तरीय और निर्यात प्रतिस्पर्धा वाला बने।
(क) ग्राहकों के लिए सेवा श्रेणियां:
चार पहिया वाहन निर्माता/ वाणिज्यिक वाहन निर्माता/ तीन पहिया वाहन निर्माता/ दुपहिया निर्माता/ निर्माण उपकरण वाहन निर्माता/ कृषि उपकरण (ट्रैक्टर) निर्माता/ ई-रिक्शा निर्माता/ बस बॉडी निर्माता/ सीएनजी-एलपीजी किट रेट्रो फिटर्स/ मोटर वाहन और गैर- मोटर वाहन इंजन निर्माता/ डीजी सेट निर्माता/ ऑटोमोटिव उपकरण निर्माता।
ख) प्रस्तुत सेवाएं:
1. कई वाहन श्रेणियों का प्रमाणन जिसमें सीएमवीआर-1989 के मुताबिक एचईवी / ईवी / डीजल / गैस / सीएनजी / एलपीजी वगैरह शामिल हैं।
2. सीएमवीआर-1989 और संबंधित आईएस / एआईएस के अनुसार अधिसूचित घटकों का प्रमाणन।
3. अन्य अधिकृत एजेंसियों के साथ भारतीय निर्माताओं द्वारा यूरोप / दक्षिण अफ्रीका / मलेशिया / इंडोनेशिया / ब्राजील आदि में भेजे जाने वाले वाहनों और पुर्जों का निर्यात प्रमाणन।
4. मोटर वाहन उद्योग, ओईएम और घटकों के लिए विकासात्मक परीक्षण, उनके उत्पाद के विकास की जरूरतों के लिए।
5. मोटर वाहन उद्योग के लिए विशिष्ट उत्पाद विकास परियोजनाओं का निष्पादन।
6. विकासात्मक वाहन / बेड़ा परीक्षण, प्रदर्शन मूल्यांकन और सहनशीलता परीक्षण।
7. प्रौद्योगिकी विकास और अनुसंधान व विकास परियोजनाएं।
8. नए नियमों को तैयार करने के लिए डाटा संग्रह।