प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एचएमटी लिमिटेड में बकाया वेतन/भत्तों के भुगतान और कर्मचारियों से संबंधित अन्य बकाया राशि के लिए बजटीय सहायता को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने 2007 के अनुमानित वेतनमान के आधार पर आकर्षक वीआरएस/वीएसएस का प्रस्ताव देकर एचएमटी ट्रैक्टर डिवीजन को बंद करने को भी अपनी मंजूरी दे दी है।
बकाया वेतन, भत्तों एवं सांविधिक देय राशि के भुगतान, वीआरएस/वीएसएस अनुग्रह राशि के भुगतान और बैंक, लेनदारों आदि की ओर ट्रैक्टर डिवीजन की देनदारियां चुकाने में 718.12 करोड़ रुपये का वित्तीय असर (नकद खर्च) पड़ेगा।
कैबिनेट ने बेंगलुरू और कोच्चि में एचएमटी के कुछ चुनिंदा छोटे भूखंडों को व्यापक जनहित में उपयोग करने के लिए विभिन्न सरकारी संस्थाओं को स्थानांतरित किए जाने को भी अपनी मंजूरी दे दी है।
पृष्ठभूमि
एचएमटी लिमिटेड, भारत सरकार के भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इसकी स्थापना 1953 में बेंगलुरू में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के लिए औद्योगिक ढांचे के निर्माण हेतु आवश्यक मशीनी उपकरण उपलब्ध कराना है।
एचएमटी ने देश में इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षमताओं के विकास की नींव रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एचएमटी ट्रैक्टर के निर्माण के लिए 1971 में हरियाणा के पिंजोर में एचएमटी ट्रैक्टर डिवीजन की स्थापना की गई। उदारीकरण के बाद बदले आर्थिक परिवेश में बढ़ती लागत, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा और सस्ती दरों पर आयतित माल की उपलब्धता के चलते नब्बे के दशक में इस कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट आना शुरू हो गया। विगत समय में गिरावट के दौर को दुरुस्त करने के कई प्रयास किए गए लेकिन परिस्थितियां बदलने में सफलता नहीं मिली। एचएमटी लिमिटेड का लाभकारी ट्रैक्टर बिजनेस खरीद में निरंतर आती गिरावट, क्षमता के कम इस्तेमाल और कार्यशील पूंजी आदि की कमी के चलते प्रभावित हुआ। यह भी देखा गया कि इस सेक्टर में नगण्य बाजार हिस्सेदारी के साथ ट्रैक्टर व्यवसाय में बने रहना एचएमटी लिमिटेड के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य और टिकाऊ विकल्प नहीं हो सकता। इसलिए ट्रैक्टर व्यवसाय को बंद कर इस सेक्टर से बाहर निकलना और मशीनी उपकरणों के कोर सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करना ज्यादा विवेकपूर्ण होगा।
ट्रैक्टर डिवीजन लगातार घाटे में चल रहा था और अपने कर्मचारियों को वेतन और अन्य सांविधिक भुगतान करने में असमर्थ था। पिंजोर स्थित ट्रैक्टर डिवीजन के कर्मचारियों को जुलाई 2014 से वेतन नहीं मिला है। नवंबर 2013 से उनके अन्य सांविधिक भुगतान भी लंबित है। एचएमटी लिमिटेड के दूसरे डिवीजनों (कार्पोरेट हेड ऑफिस (सीएचओ), कॉमन सर्विस डिवीजन (सीएसडी) और फूड प्रोसेसिंग मशीनरी यूनिट (एफपीए) औरंगाबाद में भी कर्मचारियों को सांविधिक भुगतान (सेवांत लाभ, पीएफ, ग्रेच्युटी, छुट्टी नकदीकरण आदि) लंबित है। कंपनी की बिगड़ती स्थिति और कर्मचारियों को वेतन/भत्तों और अन्य सेवानिवृत्ति भुगतान की देनदारियों को देखते हुए एचएमटी लिमिटेड के ट्रैक्टर डिवीजन को बंद करने का फैसला किया गया है। इसके लिए कर्मचारियों को आकर्षक वीआरएस/वीएसएस और सभी देनदारियां चुकाने का प्रस्ताव है।