प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला के संदर्भ में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 22,919 करोड़ रुपये के वित्त पोषण के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों की विनिर्माण योजना को मंजूरी दी।
इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों के विनिर्माण हेतु इको-सिस्टम में बड़े निवेश (वैश्विक/घरेलू) को आकर्षित करके पुर्जों के विनिर्माण के लिए एक सशक्त इको-सिस्टम विकसित करना, क्षमता और योग्यता विकसित करके घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) को बढ़ाना और भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के साथ जोड़ना है।
लाभ:
इस योजना के अंतर्गत 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने, 4,56,500 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन करने तथा अतिरिक्त 91,600 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार तथा अनेक अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की परिकल्पना की गई है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
i. यह योजना भारतीय निर्माताओं को पुर्जों और सब-असेंबली की विभिन्न श्रेणियों के लिए विशिष्ट अक्षमताओं को दूर करने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन प्रदान करती है ताकि वे तकनीकी क्षमताएं हासिल कर सकें और व्यापक तौर पर अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण के लक्ष्य तक पहुंचा जा सके। योजना के तहत शामिल लक्ष्य खंड और दिए जाने वाले प्रोत्साहन की प्रकृति इस प्रकार है:
ए
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सब-असेंबली |
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1
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डिस्प्ले मॉड्यूल सब-असेंबली
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कारोबार से जुड़ा प्रोत्साहन
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2
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कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबली
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बी
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केवल पुर्जे |
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3 |
इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए गैर-सरफेस माउंट डिवाइस (गैर-एसएमडी) निष्क्रिय पुर्जे |
कारोबार से जुड़ा प्रोत्साहन
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4
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इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल्स
अनुप्रयोग
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5 |
मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी)
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6
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डिजिटल अनुप्रयोगों के लिए ली-आयन सेल (भंडारण और मोबिलिटी को छोड़कर)
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7
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मोबाइल, आईटी हार्डवेयर उत्पादों और संबंधित उपकरणों के लिए एनक्लोजर
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सी
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चयनित पुर्जे |
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8
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उच्च घनत्व इंटरकनेक्ट (एचडीआई) /उन्नत सेमी-एडिटिव प्रोसेस (एमएसएपी)/लचीला पीसीबी |
हाइब्रिड प्रोत्साहन
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9
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एसएमडी निष्क्रिय पुर्जे |
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डी
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इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए आपूर्ति श्रृंखला इको-सिस्टम और पूंजीगत उपकरण |
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10
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सब-असेंबली (ए) और केवल पुर्जे (बी) और (सी) के निर्माण में प्रयुक्त पुर्जे |
पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन
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11
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इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में प्रयुक्त पूंजीगत सामान, जिसमें उनकी सब-असेंबली और पुर्जे शामिल हैं |
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क्र.सं.
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विभिन्न खंडों में लक्ष्य
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प्रोत्साहन की प्रकृति |
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ii. योजना की अवधि छह (6) वर्ष है, जिसमें एक (1) वर्ष की जेस्टेशन शामिल है।
iii. प्रोत्साहन के एक हिस्से का भुगतान रोजगार संबंधी लक्ष्य की प्राप्ति से जुड़ा हुआ है।
पृष्ठभूमि:
इलेक्ट्रॉनिक्स वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक कारोबार वाले और सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने और किसी देश के आर्थिक और तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद है। चूंकि इलेक्ट्रॉनिक्स अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में व्याप्त है, इसलिए इसका आर्थिक और रणनीतिक महत्व है। भारत सरकार की विभिन्न पहलों के बल पर, पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इलेक्ट्रॉनिक सामानों का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 में 1.90 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 17 प्रतिशत से अधिक की वर्ष दर वर्ष वृद्धि पर 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात भी वित्त वर्ष 2014-15 में 0.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 20 प्रतिशत से अधिक की वर्ष दर वर्ष वृद्धि पर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
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एमजी/केसी/एसकेएस/एचबी
A strong impetus to self-reliance and making India a hub for electronics component manufacturing!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2025
The Cabinet approval for Electronics Component Manufacturing Scheme will attract investments and boost job creation. It will encourage innovation as well.https://t.co/Kx2stb4NPD