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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और उरुग्वे के बीच सीमा शुल्क मामलों में पारस्परिक सहायता के लिए हुए समझौते को मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और उरुग्वे के बीच सीमा शुल्क मामलों में पारस्परिक सहायता के लिए हुए समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस करार से दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने और माल की कुशल निकासी सुनिश्चित होने की उम्मीद है।

विशेष रूप से घोषित मूल्य पर सीमा शुल्क की सत्यता की जानकारी के आदान-प्रदान के क्षेत्र में इस समझौते का मसौदा भारतीय सीमा शुल्क की चिंताओं और आवश्यकताओं का ख्याल रखते हुए तैयार किया गया है। इससे दोनों देशों के बीच कारोबार, माल की मूल और इसके विवरण से संबंधित प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता सुनिश्चित हो सकेगी।

पृष्टभूमिः

मर्कोसुर के सदस्यों के बीच उरुग्वे भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है। मर्कोसुर लातिन अमेरिका का एक व्यापारिक खंड है। भारत ने मर्कोसुर के साथ एक तरजीही व्यापार समझौता(पीटीए) किया है जो 1 जून 2009 से प्रभावी है। भारत और उरुग्वे के बीच व्यापार का धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है। यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक कानूनी ढांचा मुहैया कराएगा। यह वैध व्यापार की सुविधा, सीमा शुल्क कानून, सीमा शुल्क अपराधों की रोकथाम और उसकी जांच के उचित मंच प्रदान करने में मददगार साबित होगा। प्रस्तावित समझौते के मसौदे को दोनों देशों के संबंधित सीमा शुल्क अधिकारियों की सहमति से अंतिम रूप दिया जा चुका है।