प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय दूरसंचार सेवा, ग्रुप ‘ए’ की कैडर समीक्षा को मंजूरी दे दी है।
इस प्रस्ताव की महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैः
a. टेलीकॉम महानिदेशक के एक शीर्ष स्तर के पद का सृजन।
b. ड्यूटी पदों की संख्या 853 निर्धारित कर दी गई हैं।
c. प्रतिनियुक्ति रिजर्व के 310 पद आईटीएस की प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। • अन्य विभागों/संगठनों के अधिकारी
d. बीएसएनएल/एमटीएनएल में आईटीएस अधिकारियों की पोस्टिंग के लिए कम होने वाले विशेष रिजर्व उपलब्ध कराए जाएंगे।
e. कैडर क्षमता को वर्तमान की कार्य क्षमता 1690 तक सीमित कर दिया है।
इस मंजूरी से दूरसंचार विभाग के मुख्यालय और फील्ड यूनिटों में कार्यात्मक आवश्यकता के आधार पर कैडर की संरचना को मजबूत बनाया जा सकेगा। यह बीएसएनएल/एमटीएनएल में कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करेगा। यह आईटीएस अधिकारियों की मौजूदा स्थिरता को भी कम करेगा।
पृष्ठभूमिः
दूरसंचार से संबंधित नीति, दूरसंचार के क्षेत्रों में सरकार के तकनीकी और प्रबंधकीय कार्यों को पूरा करने के लिए 1965 में भारतीय दूरसंचार सेवा समूह ‘ए’ का गठन किया गया था। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित होने वाले आईटीएस अधिकारी दूरसंचार विभाग (डीओटी) और इसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (बीएसएनएल, एमटीएनएल और टीसीआईएल), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई), दूरसंचार विवाद निपटान प्रशासनिक न्यायाधिकरण (टीडीसैट) में प्रबंधन और प्रशासनिक पदों पर काम करते हैं। ये अधिकारी अन्य केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/स्वायत्त निकायों और राज्य सरकारों में भी प्रतिनियुक्ति पर काम करते हैं।
यह कैडर समीक्षा 28 साल बाद की गई है। इससे पहले पिछली कैडर समीक्षा 1988 में की गई थी। पिछली कैडर समीक्षा के बाद से दूरसंचार सेवा के प्रावधान कार्यों को दूरसंचार विभाग से अलग कर दिया है लेकिन दूरसंचार लाइसेंस, निगरानी, लाइसेंस शर्तों के प्रवर्तन, नेटवर्क सुरक्षा, अंतरसक्रियता, मानकीकरण, वैध अवरोधन और सार्वभौमिक सेवा दायित्व आदि से संबंधित नए कार्य शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा, कई अन्य कार्य हैं जो पहले के संचालन में सन्निहित थे लेकिन अब विस्तार क्षेत्र के साथ-साथ उनके महत्व में काफी वृद्धि हुई है। मजबूत दूरसंचार बुनियादी ढांचा एक डिजिटल सोसायटी की रीढ़ है। इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं – विनियमन, प्रवर्तन और सुरक्षा के जटिल मुद्दों को सामने लाने के लिए दूरसंचार विभाग में तकनीकी पर्यवेक्षण के उच्च स्तर की आवश्यकता होती है। इसलिए, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों की कैडर संरचना का प्रस्ताव किया गया है, जिन्हें दूसरसंचार विभाग की भूमिका और दायित्वों के निर्वहन के लिए आवश्यक माना जाता है। इसके अलावा, बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरुद्धार में अधिकारियों की भूमिका का भी ध्यान में रखा गया है।
इन तथ्यों के साथ-साथ इस सेवा के विभिन्न ग्रेडों में स्थिरता के कारण आईटीएस की संरचना की समीक्षा जरूरी हो गई।
कैडर क्षमता को वर्तमान कार्यशक्ति तक ही सीमित कर दिया गया है और कैडर समीक्षा से सरकार पर कोई ताजा वित्तीय प्रतिबद्धता नहीं आएगी।