प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में काबुल में अफगानी संसद भवन के निर्माण को पूरा करने के लिए 31 दिसबंर, 2015 से 969 करोड़ रुपये की संशोधित परियोजना लागत को पूर्व कार्योत्तर अनुमोदन दे दिया गया।
परंपराओं और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए अफगानिस्तान के लिए एक नए संसद भवन का निर्माण किया गया है। यह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और पुनर्वास में भारत के प्रयासों का हिस्सा है। यह परियोजना अफगानिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत बनाने और उसके पुनर्निर्माण में भारत के योगदान का एक दृश्यात्मक प्रतीक है। अफगानी संसद भवन का निर्माण दिसंबर 2015 में पूरा हो चुका है। इसे भारत-अफगानिस्तान विकास सहयोग से किया गया है। इस समय भवन में ध्वनि प्रणाली और फर्नीचर के कुछ हिस्सों सहित छोटा मोटा काम पूरा किया जा रहा है। संसद भवन 31 मार्च 2016 को अफगान अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
पृष्ठभूमि:-
25 दिसंबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त रूप से इस भवन का उद्घाटन किया गया था। इस अवसर पर नए परिसर में मेशरानो जिरगा (ऊपरी सदन) और वोलेसी जिरगा (लोक सभा) के सदस्यों को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वहां की जनता और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को बधाई दी थी।