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ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल ने की प्रधानमंत्री से मुलाकात

ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल ने की प्रधानमंत्री से मुलाकात


ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज 7, लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर राज्य के पंचायत नेताओं का शीर्ष संगठन है। यह संगठन 4,000 सरपंचों और 29,000 पंचों सहित जम्मू-कश्मीर के 4,000 ग्राम पंचायतों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन श्री शफीक मीर ने की।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राज्य से जुड़े विकास मुद्दों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी और कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर के पंचायतों को सशक्त न किए जाने के कारण केंद्रीय सहायता का लाभ राज्य के गांवों तक नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि भारत के संविधान के 73वें और 74वें संशोधन में विस्तार करने पर विचार किया जाए जो जम्मू-कश्मीर राज्य के स्थानीय निकायों से संबंधित है। उन्होंने राज्य में पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव जल्द से जल्द कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि 2011 के चुनाव में मतदाताओं ने जबरदस्त उत्साह के साथ मतदान किया था।

उन्होंने कहा कि राज्य के इन संवैधानिक प्रावधानों में विस्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी विकास गतिविधियां शुरू करने के लिए पंचायत सशक्त होंगे। सदस्यों ने उम्मीद जताई कि इससे राज्य में विकास प्रक्रिया को गति मिलेगी और राज्य के लोगों को केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को राज्य के मौजूदा हालात से अवगत कराया। उन्होंने राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा स्कूलों को जलाए जाने की घोर निंदा की।

जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस संगठन ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं में अपने विश्वास को दोहराया। श्री शफीक मीर ने कहा कि राज्य में लोगों की एक बड़ी आबादी शांति और गरिमा की जिंदगी जीना चाहती है। उन्होंने कहा कि क्षुद्र स्वार्थों ने युवाओं का शोषण किया है और वे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर पहल करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर गौर करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर का विकास और वृद्धि उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र आर्थिक विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है क्योंकि अधिकांश लोग गांवों में रहते हैं। उन्होंने मानवीय दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि हमेशा ‘विकास’ और ‘विश्वास’ जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए केंद्र सरकार की विकास गतिविधियों की आधारशिला रहेगी।