प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आधिकारिक आंकड़ों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के मौलिक सिद्धांतों को अपनाने को मंजूरी दे दी गई।
आधिकारिक आंकड़ों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के मौलिक सिद्धांतों को अपनाने से अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों को अंगीकार करने के साथ-साथ आधिकारिक आंकड़ों के संग्रह, संकलन और प्रसार की पद्धतियों में व्यवसायिक स्वतंत्रता, तटस्थता, जवाबदेही और पारदर्शिता आयेगी। इन सिद्धांतों को अपनाने से प्रणालियों, प्रक्रियाओं और संस्थानों में इन सिद्धांतों के अनुरूप सुधार लाने के लिए आधिकारिक आंकड़ों पर राष्ट्रीय नीति तैयार करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अनुमोदित आधिकारिक आंकड़ों के 10 मौलिक सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
सिद्धांत-1 आधिकारिक आंकड़े सरकार, अर्थव्यवस्था और जनता को आर्थिक, जनसंख्या संबंधी, सामाजिक और पर्यावरण की स्थिति के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराते हुए लोकतांत्रिक समाज की सूचना प्रणाली में एक अपरिहार्य घटक उपलब्ध कराते हैं। इस लक्ष्य के लिए, आधिकारिक आंकड़े जो व्यवहारिक उपयोगिता की कसौटी पर खरे उतरते हैं, उन्हें आधिकारिक आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक सूचना के लिए नागरिकों की पात्रता का सम्मान करते हुए तटस्थ आधार पर उपलब्ध कराया जाता है।
सिद्धांत-2 आधिकारिक आंकड़ों में विश्वास बरकरार रखने के लिए आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों को सांख्यिकीय डाटा के संग्रह, प्रोसेसिंग, भंडारण और प्रस्तुति की पद्धतियों और प्रक्रियाओं के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों और पेशेवर नैतिकता सहित कड़े व्यवसायिक मापदंडों के मुताबिक फैसला करना चाहिए।
सिद्धांत-3 आंकड़ों की सही व्याख्या में सहायता प्रदान करने के लिए आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों को आंकड़ों के स्रोतों, पद्धतियों और प्रक्रियाओं के बारे में वैज्ञानिक मापदंडों के अनुरूप सूचना प्रस्तुत करनी चाहिए।
सिद्धांत-4 आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियां आंकड़ों की अशुद्ध व्याख्या और दुरूपयोग पर टिप्पणी करने की हकदार होंगी।
सिद्धांत-5 सांख्यिकीय उद्देश्यों के आंकड़े सभी प्रकार के स्रोतों, चाहे वे सांख्यिकीय सर्वेक्षण हों अथवा प्रशासनिक रिकॉर्ड, से संग्रह किये जाने चाहिए। आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों को गुणवत्ता, सामयिकता, लागत और उत्तरदाता पर बोझ के संदर्भ में स्रोत का चयन करना चाहिए।
सिद्धांत-6 सांख्यिकीय संकलन के लिए आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों द्वारा संग्रह किये गये वैयक्तिक आंकड़े, चाहे वे साधारण अथवा कानूनी व्यक्तियों के संबंधित हों, वे पूरी तरह गोपनीय रखे जाने चाहिए और उनका इस्तेमाल पूरी तरह सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए।
सिद्धांत-7 सांख्यिकीय प्रणालियां जिन कानूनों, नियमों और उपायों के अंतर्गत कार्य करती हैं उन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
सिद्धांत-8 सांख्यिकीय प्रणाली में निरंतरता और दक्षता लाने के लिए देश के भीतर आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों के बीच तालमेल अनिवार्य है।
सिद्धांत-9 प्रत्येक देश की आंकड़े जुटाने वाली एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली अवधारणाएं, वर्गीकरण और पद्धतियां समस्त आधिकारिक स्तरों पर सांख्यिकीय प्रणालियों की निरंतरता और दक्षता को प्रोत्साहन देती हैं।
सिद्धांत-10 आंकड़ों में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग सभी देशों में आधिकारिक आंकड़ों की प्रणालियों में सुधार लाने में योगदान देता है।
पृष्ठभूमि:
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय इन सिद्धांतों के ज्यादातर संघटकों का अनुपालन पहले से ही अनुपालन कर रहा है, क्योंकि वे गुणात्मक सुधार लाते हैं और सांख्किीय प्रणाली के लिए अच्छे हैं ।
विदेश मंत्रालय के संदर्भ पर, आधिकारिक आंकड़ों के मौलिक सिद्धांतों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के मसौदे पर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने प्रस्ताव का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने प्रस्ताव के सिद्धांतों का जनवरी 2014 में अनुमोदन किया।
तद्नुसार, मार्च, 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग के 46वें सत्र में इस मामले की समीक्षा की गई। इस सत्र में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। आधिकारिक आंकड़ों के मौलिक सिद्धांतों के कार्यान्वयन की दिशा में हुई प्रगति के बारे में भारत को संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय प्रभाग को रिपोर्ट करना है। 2017 में होने वाले संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग के 48वें सत्र में इस पर विचार-विमर्श होगा। भारत सरकार द्वारा इन सिद्धांतों को अपनाया जाना, उनके कार्यान्वयन की दिशा में मौलिक आवश्यकता है और उसके अनुपालन की जानकारी देना अंतर्राष्ट्रीय दायित्व है।