प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति महामहिम शावकत मिर्जियोयेव ने अहमदाबाद में 18 जनवरी को ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-2019’ के दौरान द्विपक्षीय बैठक की। इससे पहले, 17 जनवरी को राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव एक बड़े और उच्च स्तरीय शिष्टमंडल के साथ गांधीनगर पहुंचे। उनकी अगवानी गुजरात के राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली ने की।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने गुजरात में राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव और उनके शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत किया। श्री मोदी ने 30 सितंबर-1 अक्टूबर, 2018 की राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव की भारत की पिछली राजकीय यात्रा के दौरान उनके साथ हुई बैठक में लिए गए विविध फैसलों के कार्यान्वयन की दिशा में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। श्री मिर्जियोयेव की राजकीय यात्रा के दौरान गुजरात और उज्बेकिस्तान के आन्दीझान क्षेत्र के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उज्बेक शिष्टमंडल में आन्दीझान क्षेत्र के गवर्नर की मौजूदगी का संज्ञान लेते हुए आशा व्यक्त की कि राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव की यात्रा से भारत और उज्बेकिस्तान के क्षेत्रों के बीच सहयोग- आन्दीझान और गुजरात के बीच आपसी सम्पर्क भी मजबूत हुआ है।
प्रधानमंत्री ने पहले भारत-मध्य एशिया संवाद को समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव का आभार प्रकट किया। विदेश मंत्री स्तर का यह संवाद उज्बेकिस्तान के समरकंद में 12-13 जनवरी, 2019 को हुआ था, जिसमें अफगानिस्तान में शांति और विकास को समर्थन देने के बारे में महत्वपूर्ण चर्चाएं भी हुई थीं।
राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने वाइब्रेंट गुजरात समिट में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। श्री मिर्जियोयेव ने प्रधानमंत्री को बताया कि उज्बेकिस्तान, भारत से होने वाले निवेश को उच्च प्राथमिकता देता है और उन्होंने भारत के साथ उज्बेकिस्तान के भावी सहयोग से संबंधित प्राथमिकता वाले कुछ क्षेत्रों के रूप में आईटी, शिक्षा, फॉर्मास्युटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, कृषि-व्यापार और पर्यटन जैसे कुछ क्षेत्रों का भी उल्लेख किया।
राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव ने प्रधानमंत्री को प्रथम भारत-मध्य एशिया संवाद की सफलता पर मुबारकबाद दी, जिसने मध्य एशिया क्षेत्र और अफगानिस्तान में शांति के लिए भागीदार देशों के साझा प्रयास पर भारत का सकारात्मक प्रभाव परिलक्षित हुआ है।
दोनों नेताओं की मौजूदगी में भारत के आणविक ऊर्जा विभाग और उज्बेकिस्तान की नोवोई मिनरल्स एंड मेटलार्जिकल कम्पनी के बीच भारत की ऊर्जा संबंधी जरूरते पूरी करने के लिए यूरेनियम ओर कान्सन्ट्रैट की दीर्घकालिक आपूर्ति के संबंध में समझौता हुआ।
दोनों नेताओं ने भारतीय आयात-निर्यात बैंक (एक्जिम बैंक) और उज्बेकिस्तान गणराज्य के बीच 200 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता के बारे में हुए समझौते का भी स्वागत किया। भारत सरकार द्वारा समर्थित यह समझौता उज्बेकिस्तान में आवास और सामाजिक अवसंरचना से संबंधित परियोजनाओं का वित्त पोषण करने से सम्बद्ध है। उज्बेकिस्तान के लिए 200 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति श्री मिर्जियोयेव की राजकीय यात्रा के दौरान की थी।
India is honoured to host the President of the Republic of Uzbekistan, Mr. Shavkat Mirziyoyev.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 18, 2019
We had fruitful talks on the sidelines of the Vibrant Gujarat Summit in Gandhinagar. We discussed various aspects relating to India-Uzbekistan ties. @president_uz pic.twitter.com/Y14sqvBFtt