प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि जो सत्ता की इच्छा या सत्ता पाये बिना इतिहास रचते हैं वे सचमुच महान होते हैं।
प्रधानमंत्री जमशेदजी नुसेरवानजी टाटा की 175वीं जयंती पर स्मारक सिक्के को जारी करने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने जमशेदजी टाटा की पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के उनके दृष्टिकोण और टाटा समूह से जुड़े लोगों के कल्याण के लिए उठाये गये कदमों के लिए उनकी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी व्यवसायी द्वारा भारी धनराशि दान में देने की संस्कृति पश्चिमी दुनिया के लिए नई थी, लेकिन जमशेदजी टाटा ने इसे बहुत पहले कर दिया था।
श्री नरेन्द्र मोदी ने 1893 में जापान से कनाडा जाते हुए जहाज पर स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दो महान व्यक्तियों-एक संन्यासी और दूसरा उद्योगपति-ने एक ही विचारधारा को साझा किया और एक आत्मनिर्भर भारत के लिए उनका एक ही साझा दृष्टिकोण था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए जमशेदजी टाटा के सम्मान में स्मारक सिक्के जारी करना एक गर्व की बात है।
इस अवसर पर वित्त राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा और टाटा संस के चेयरमैन श्री साइरस मिस्त्री भी उपस्थित थे।
PM released a commemorative coin to mark the 175th birth anniversary of Shri Jamsetji Tata. pic.twitter.com/gFtWZN6tq9
— PMO India (@PMOIndia) January 6, 2015