कृषि को तेजी से बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए
किसान हमेशा से हमारे देश का आधार रहे हैं और एनडीए सरकार इनोवेशन और कुछ ठोस उपायों के जरिए देश के इस आधार को मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सिंचाई की सुविधाएं सुनिश्चित कर उपज को बढ़ाएगी। इस योजना का विजन यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक खेत को किसी ना किसी तरह के सुरक्षात्मक सिंचाई के साधन उपलब्ध हों। किसानों को सिंचाई के आधुनिक तरीकों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है ताकि पानी की ‘प्रत्येक बूंद के बदले अधिक पैदावार’ मिले।
किसान समूहों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई। पूर्वोत्तर क्षेत्र मं ऑर्गेनिक फार्मिंग और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना शुरू की गई।
स्थाई आधार पर विशिष्ट फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड की पेशकश की गई और इसे देश के सभी 14 करोड़ भूमि खातों के लिए जारी किया जाएगा। तीन वर्ष के चक्र में करीब 248 लाख नमूनों का विश्लेषण किया जाएगा।
घरेलू उत्पादन और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए नई यूरिया नीति की घोषणा की गई है और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए गोरखपुर, बरौनी तथा तलचर में खाद फैक्टरी का पुनरोद्धार किया गया है।
हाल में हुई बेमौसम बारिश को देखते हुए एनडीए सरकार ने तेजी से कार्रवाई करते हुए कहा कि यदि 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल नष्ट हुई है तो किसान मुआवजा पा सकेंगे। इससे पहले किसानों को मुआवजा तभी मिलता था जबकि 50% या इससे अधिक नुकसान हुआ हो।
एक 500 करोड़ रुपये के कॉर्पस वाले मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना की गई। ये कोष जल्दी खराब होने वाली कृषि और बागवानी फसलों की कीमतों को नियंत्रित करने में मददगार होगा।
ग्राम ज्योति योजना बिना कटौती के बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इससे ना सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि कुटीर उद्योगों और शिक्षा सहित इसका किसानों के पूरे जीवन पर भी भारी असर होगा।
डब्ल्यूटीओ वार्ता में एनडीए सरकार के मजबूत और सैद्धान्तिक रुख ने खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने में किसानों के दीर्घावधि हितों को सुरक्षित किया। आसानी से और रियायती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए कृषि ऋण लक्ष्यों को बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। तकनीक बड़े स्तर पर किसानों को ताकत दे रही है। किसान पोर्टल के माध्यम से मौसम की रिपोर्ट से लेकर खाद की जानकारी, सबसे बढ़िया तौर-तरीकों आदि की जानकारी मिल रही है। कृषि में मोबाइल गवर्नेंस के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया। एक करोड़ से अधिक किसानों को सचेत करने और सूचना देने के लिए 550 करोड़ से अधिक एसएमएस भेजे गए।
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