2024 के संसदीय चुनावों में एक और निर्णायक जीत के बाद, श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 जून 2024 को तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। यह जीत श्री मोदी के लिए लगातार तीसरा कार्यकाल है, जिससे उनका नेतृत्व और मजबूत हुआ है।
2024 के चुनावों में लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। भारी संख्या में मतदाताओं ने श्री मोदी के नेतृत्व और देश के प्रति उनके विजन में विश्वास जताया। उनका कैंपेन आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों आदि पर केंद्रित था, जिसे जनता ने काफी पसंद किया।
उम्मीद है कि श्री मोदी का तीसरा कार्यकाल उनके पिछले कार्यकाल के दौरान रखी गई नींव पर आधारित होगा, जिसमें तकनीकी नवाचार, बुनियादी ढांचे के विकास और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति पर नए सिरे से जोर दिया जाएगा, जिससे भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित होगा। अभूतपूर्व तीसरा कार्यकाल देश को अधिक समृद्धि और स्थिरता की ओर ले जाने के लिए श्री मोदी की अपील और लाखों भारतीयों द्वारा उन पर जताए गए भरोसे को रेखांकित करता है।
आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री, श्री मोदी इससे पहले 2014 से 2019 और 2019 से 2024 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्हें अक्टूबर 2001 से मई 2014 तक के अपने कार्यकाल के साथ गुजरात के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री होने का गौरव भी प्राप्त है।
2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दोनों अवसरों पर पूर्ण बहुमत हासिल किया। आखिरी बार 1984 के चुनावों में किसी राजनीतिक दल ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था।
‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, श्री मोदी ने शासन में एक आदर्श बदलाव की शुरुआत की है जिससे समावेशी, विकासोन्मुख और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने अंत्योदय के उद्देश्य को साकार करने और समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की योजनाओं और पहल का लाभ सुनिश्चित करने के लिए स्पीड और स्केल पर काम किया है।
प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने इस बात को माना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत रिकॉर्ड गति से गरीबी को खत्म कर रहा है। नीति आयोग की नवीनतम रिपोर्ट ‘2005-06 से भारत में बहुआयामी गरीबी’ के निष्कर्षों के अनुसार, पिछले नौ वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। इसका श्रेय केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के हित को ध्यान में रखते हुए लिए गए विभिन्न पहलों और निर्णयों को जाता है।
आज भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत’ सफलतापूर्वक चला रहा है। 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए आयुष्मान भारत, गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है।
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित स्वास्थ्य पत्रिकाओं में से एक लांसेट ने आयुष्मान भारत की सराहना करते हुए कहा है कि यह योजना भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े असंतोष को दूर कर रही है। पत्रिका ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को प्राथमिकता देने के लिए पीएम मोदी के प्रयासों की भी सराहना की।
गरीबों को वित्तीय धारा जोड़ने के लिए पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय का बैंक खाता खोलना था। अब तक 51 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों ने न केवल गरीबों को बैंक से जोड़ा, बल्कि सशक्तीकरण के अन्य रास्ते भी खोले हैं।
जन-धन से एक कदम आगे बढ़ते हुए श्री मोदी ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को बीमा और पेंशन कवर देकर जन सुरक्षा पर जोर दिया। JAM ट्रिनिटी (जन धन- आधार- मोबाइल) ने बिचौलियों को समाप्त कर दिया है और प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की है।
2016 में गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। यह योजना 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान करने में गेम-चेंजर साबित हुई है। इसकी अधिकांश लाभार्थी महिलाएं हैं।
आजादी के 70 साल बाद भी जिन 18,000 गांवों में बिजली नहीं थी, उनमें बिजली पहुंचा दी गई है।
श्री मोदी का मानना है कि कोई भी भारतीय बेघर नहीं होना चाहिए और इस विजन को साकार करने के लिए, 2014 और 2024 के बीच पीएम आवास योजना के तहत 4.2 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई। जून 2024 में तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता संभालने के बाद पहली कैबिनेट के निर्णयों में से एक- 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करना था, जो देश की आवास आवश्यकताओं का समाधान करने और प्रत्येक नागरिक के लिए गरिमा और गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो श्री नरेन्द्र मोदी के बहुत करीब है। 2019 के अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में एक मौद्रिक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की। 24 फरवरी 2019 को योजना के शुरू होने के बाद लगभग हर 3 महीने में नियमित रूप से किश्तों का भुगतान किया जा रहा है। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक के दौरान इस योजना में 5 एकड़ की सीमा को हटाते हुए सभी किसानों को पीएम किसान का लाभ देने का फैसला किया गया। जून 2024 में श्री मोदी ने वाराणसी में पीएम-किसान योजना की 17वीं किस्त जारी की, जिसमें 9.2 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला।
श्री मोदी ने सॉयल हेल्थ कार्ड, बेहतर बाजारों के लिए ई-NAM और सिंचाई पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने जैसी किसान कल्याण की दिशा में विभिन्न पहलों की शुरूआत की। 30 मई 2019 को पीएम मोदी ने जल संसाधनों से संबंधित सभी पहलुओं की देखरेख करने के लिए एक नया जल शक्ति मंत्रालय बनाकर एक बड़ा वादा पूरा किया।
2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने पूरे देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का शुभारंभ किया। इस जन आंदोलन का बड़े पैमाने पर ऐतिहासिक प्रभाव पड़ा है। आज स्वच्छता कवरेज 2014 में 38% से बढ़कर 2019 में 100% हो गया है। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है। स्वच्छ गंगा के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वच्छ भारत मिशन की सराहना की और कहा कि इससे 3 लाख लोगों की जान बच सकती है।
श्री मोदी का मानना है कि परिवहन, परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण साधन है। इसीलिए भारत सरकार हाई-वे, रेलवे, आई-वे और वॉटर-वे के रूप में अगली पीढ़ी का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए काम कर रही है। UDAN (उड़े देश के आप नागरिक) योजना ने उड्डयन क्षेत्र को लोगों के अधिक अनुकूल बनाया है और कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है।
पीएम मोदी ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय विनिर्माण पावरहाउस में बदलने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू की। इस प्रयास से परिवर्तनकारी परिणाम सामने आए हैं। भारत ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में महत्वपूर्ण प्रगति की है, 2014 में भारत की रैंकिंग 142 थी जो 2019 में यह 63 हो गई। 2017 में संसद के एक ऐतिहासिक सत्र के दौरान भारत सरकार ने जीएसटी लागू किया, जिसने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सपने को साकार किया।
उनके कार्यकाल में भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया गया। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाया गया जो सरदार पटेल को एक सच्ची श्रद्धांजलि है। इस स्टैच्यू को एक विशेष जन आंदोलन के माध्यम से बनाया गया था, जिसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों के औजार और मिट्टी का इस्तेमाल किया गया था, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है।
पीएम मोदी को पर्यावरण से जुड़े मुद्दों से गहरा लगाव है। उन्होंने हमेशा से माना है कि हमें एक क्लीन और ग्रीन प्लेनेट बनाने के लिए काम करना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के अभिनव समाधान तैयार करने के लिए अलग जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया था। इस भावना को पेरिस में 2015 के COP21 शिखर सम्मेलन में भी देखा गया था जहां पीएम मोदी ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जलवायु परिवर्तन से एक कदम आगे बढ़कर पीएम मोदी ने क्लाइमेट जस्टिस के बारे में बात की है। 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ के लिए कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे। यह गठबंधन एक बेहतर ग्रह के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक अभिनव प्रयास है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके प्रयासों को देखते हुए पीएम मोदी को संयुक्त राष्ट्र के ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील श्री मोदी ने प्रौद्योगिकी की शक्ति और मानव संसाधनों की ताकत के उचित इस्तेमाल के रूप में आपदा के लिए एक नया विजन साझा किया है । मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने गुजरात को पूरी तरह से बदल दिया जो 26 जनवरी 2001 को विनाशकारी भूकंप से तबाह हो गया था। इसी तरह उन्होंने गुजरात में बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए नई प्रणालियों की शुरुआत की जिनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई।
प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से श्री मोदी ने नागरिकों के लिए न्याय को हमेशा प्राथमिकता दी है। गुजरात में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए उन्होंने शाम की अदालतों की शुरुआत की। केंद्र में उन्होंने PRAGATI (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) शुरू किया जो विकास में देरी कर रहे लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए एक कदम है।
श्री मोदी की विदेश नीति की पहल ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता और भूमिका का एहसास कराया है। पीएम ने सार्क देशों के सभी प्रमुखों की उपस्थिति में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया और दूसरे की शुरुआत में बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके संबोधन की दुनिया भर में सराहना हुई। पीएम मोदी 17 साल की लंबी अवधि के बाद नेपाल, 28 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 साल के बाद फिजी और 34 साल के बाद सेशेल्स और यूएई के द्विपक्षीय दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। पदभार संभालने के बाद से श्री मोदी ने UN, BRICS, SAARC और G-20 समिट में भाग लिया, जहां विभिन्न वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर भारत के विचारों को व्यापक रूप से सराहा गया।
पीएम मोदी को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘किंग अब्दुलअजीज सैश’ समेत कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। श्री मोदी को रूस (द ऑर्डर ऑफ द होली एपोस्टल एंड्रयू द फर्स्ट), फिलिस्तीन (ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन), अफगानिस्तान (अमीर अमानुल्लाह खान अवॉर्ड), यूएई (ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड) मालदीव (रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन), बहरीन (किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां), भूटान (ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो), पापुआ न्यू गिनी (ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ लोगोहू), फिजी (कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी), मिस्र (ऑर्डर ऑफ नाइल), फ्रांस (ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) और ग्रीस (द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर) के शीर्ष पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। 2018 में पीएम को शांति और विकास में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार मिला। उन्हें बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड और कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स द्वारा ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।
‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने के नरेन्द्र मोदी के आह्ववान को संयुक्त राष्ट्र में जबरदस्त समर्थन मिला। इस पहल के लिए दुनिया भर के कुल 177 राष्ट्र एक साथ आए और 21 जून को संयुक्त राष्ट्र में ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया।
श्री मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के एक छोटे से शहर में हुआ था। वे ‘अति पिछड़ा वर्ग’ परिवार से आते हैं, जो समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों में से एक है। वह बेहद गरीब, लेकिन प्यार देने वाले परिवार में पले बढ़े। जीवन की शुरुआती कठिनाइयों ने न केवल उन्हें कड़ी मेहनत के मूल्य को सिखाया बल्कि उन्हें आम लोगों के कष्टों से भी अवगत कराया। आम जन की गरीबी ने उन्हें बहुत कम उम्र में ही लोगों और राष्ट्र की सेवा में समर्पित होने के लिए प्रेरित किया। अपने प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ काम किया, जो राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक राष्ट्रवादी संगठन है और बाद में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के संगठन में काम करने के लिए खुद को राजनीति में समर्पित किया। श्री मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की पढ़ाई पूरी की है।
नरेन्द्र मोदी एक ‘जनता के नेता’ हैं और वे आमजन की समस्याओं को हल करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए समर्पित हैं। लोगों के बीच रहने, उनके साथ खुशियां साझा करने और उनके दुखों को दूर करने से ज्यादा कुछ भी उनके लिए संतोषजनक नहीं है। जमीनी स्तर पर तो उनका लोगों के साथ एक मजबूत व्यक्तिगत जुड़ाव तो है ही, साथ ही साथ सोशल मीडिया पर भी उनकी मजबूत उपस्थिति है। उन्हें भारत के सबसे ज्यादा टेक्नो-सेवी लीडर के रूप में भी जाना जाता है। वो लोगों तक पहुंचने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। वह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, साउंड क्लाउड, लिंक्डिन, वीबो और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बहुत सक्रिय हैं।
राजनीति से परे नरेन्द्र मोदी को लिखना पसंद है। उन्होंने कविता समेत कई किताबें लिखी हैं। वह अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग उनके शरीर और दिमाग को मजबूत बनाता है और तेज गति चलने वाली दिनचर्या में शांति की शक्ति पैदा करता है।
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