1. भारत सरकार (कार्य आबंटन) नियम, 1961 के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) केवल वही सूचना उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है जो कार्य इस कार्यालय के अधीन हो या उससे संबंधित हो।
2. केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों से जुड़े मामले
a)आरटीआई एक्ट, 2005 के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी प्रकार की सूचना की मांग करता है और वह कार्य मुख्य रूप से किसी अन्य लोक प्राधिकरण से जुड़ा हो तो ऐसी दशा में आवेदन को उन दूसरे लोक प्राधिकरण के पास प्रेषित कर दिया जाएगा। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि मंत्रालयों या विभागों से संबंधित विशिष्ट विषयों के बारे में जानकारी के लिए आवेदन पत्रों को सीधे संबंधित मंत्रालय/विभाग के लोक सूचना अधिकारी के पास भेजें ताकि आपके अनुरोध को समय पर निस्तारण किया जा सके। केंद्र सरकार के मंत्रालयों/ विभागों के कार्य वितरण को लेकर यदि किसी प्रकार का संदेह हो तो आवेदक भारत सरकार (कार्य आबंटन) नियम, 1961 पर इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
b) हालांकि, सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र जो कई सार्वजनिक प्राधिकरणों से संबंधित हैं (जैसे- जिसमें कई तरह के मंत्रालय/ विभाग संनिहित हों), को इस तरह के अन्य विभागों को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में आरटीआई आवेदक के अनुरोध को निरस्त किया जा सकता है।.
3. राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े मामले: राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित कार्यों के विषय में जानकारी के लिए, आवेदकों को यह सलाह दी जाती है कि वह इसके लिए राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित लोक प्राधिकरणों के पास अपना आवेदन प्रेषित करें।
4. केंद्र सरकार से संबंधित मंत्रालयों/ विभागों या राज्य सरकार के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण से संबंधित सूचनाओं के लिए आवेदक जीओआई वेब निर्देशिका पर उपलब्ध उनके संबंधित वेबसाइट्स की निर्देशिका का भी संदर्भ ले सकते हैं।.
5. सीपीआईओ ऐसे किसी भी सूचना की जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है जो जिसका प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई संबंध नहीं है। यह भी आवश्यक नहीं है कि सीपीआईओ ऐसी जानकारी मुहैया कराए जिसमें निम्नलिखित की आवश्यकता हो:-
क) अनुमान लगाना:
ख) मान्यताएं बनाना:
ग) सूचनाओं की व्याख्या करना:
घ) आवेदकों द्वारा उठाए गए समस्याओं का समाधान करना:
ई) अन्य सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा जानकारी प्राप्त करना: ,
च) काल्पनिक सवालों का जवाब देना:
6. प्रधानमंत्री कार्यालय और संभावित सार्वजनिक हित से संबंधित सभी जानकारियां पीएमओ की वेबसाइट पर “‘सूचना का अधिकार’” और अन्य वर्गों के अंतर्गत उपलब्ध हैं। आवेदकों को सुझाव दिया जाता है कि वे उपलब्ध जानकारियों का प्रयोग करने के लिए वेबसाइट का इस्तेमाल करें ताकि अनावश्यक प्रयोजनार्थ आरटीआई आवेदन से बचा जा सके।
7. अपनी शिकायत याचिका की स्थिति जानने वाले आवेदकों के लिए परामर्श