श्रीमान तरुण गोगोई जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी और भारी संख्या में उपस्थित मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
आज डिबरूगढ़ में दो महत्वपूर्ण projects का लोकार्पण हो रहा है। और यह महत्वपूर्ण इसलिए हैं कि इसके अंदर प्राकृतिक संपदा का Value Addition है और असम के नौजवानों के लिए रोजगार के अनेक-अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। इन दो projects के कारण पूरे हिंदुस्तान में स्वाभाविक आनंद है तो असम में सर्वानंद है। क्योंकि ये राष्ट्र की विकास यात्रा में बल देता है। अब सचमुच में तो इस projects के उद्घाटन का अवसर मुझे मिलना ही नहीं चाहिए था। अगर ये इकाई आज से 25 साल पहले हो गई होती उस समय के प्रधानमंत्री को इसका अवसर मिला होता, तो यहां पर इतने नए-नए उद्योग आए होते, यहां इतने लोगों को रोजगार मिला होता, और पिछले 25 साल से यहां सर्वानंद का माहौल होता।
लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है बहुत सारे अच्छे काम, उसको पूरा करना ये शायद मेरे ही सौभाग्य में लिखा हुआ है। हमारे देश में एक सबसे बड़ी चुनौती यह है, हम योजनाओं को समय से पहले सोच नहीं पाते हैं, अगर मजबूरन सोचते हैं तो योजना परिपूर्ण करने का रोडमैप नहीं बना पाते, फिर भी अगर हो गया तो घोषणा करते हैं, घोषणा करने के बाद सालों-साल शिलान्यास के लिए इंतजार होता है, शिलान्यास होने के बाद पूर्ण होने में सालों लग लाते हैं और बाद में लोग भूल जाते हैं तब जा करके उद्घाटन की नौबत आती है। और उसके कारण जिस काम की लागत 500 करोड़ होनी चाहिए वो 1000-1100 करोड़ तक पहुंच जाती है। और इतने विलंब के कारण देश के अर्थकारों को जो नुकसान होता है, उसका का तो कोई हिसाब ही नहीं है। अगर आज यही projects ही 25 साल पहले पूरा हुआ होता और 25 साल पहले उसका उद्घाटन हुआ होता, तो शायद आज यहां पर दूसरी पीढ़ी के लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो गया होता, एक पूरी पीढ़ी बेचारी चली गई। और इसलिए हमारी सरकार का प्रयास है कि विचार किसी को भी आया हो, सपना किसी को भी आया हो, शिलान्यास किसी ने भी किया हो, लेकिन देश का भला उसमें है, कि हम इन सारी चीजों को परिपूर्ण करें और लोगों के सपनों को साकार करें। और इसलिए मैं भारत सरकार में एक प्रगति कार्यक्रम चलाता हूं आजकल। और राज्यों के मुख्यसचिवों के साथ video conference से खुद बात करता हूं, और ऐसे जो अटके पड़े projects हैं, किसी न किसी कारण से रुके पड़े हैं, ऐसे stalled projects को गति देने के लिए एक विशेष प्रयास करता हूं।
पिछले दिनों कुछ अखबारों ने लिखा था कि लाखों-करोड़ों के stalled projects अब उस कैदखाने से बाहर निकले हैं, और तेज गति से परिपूर्ण होने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उसमें ये project भी है जिसका आज उद्घाटन संभव हुआ है। आने वाले दिनों में भी मेरा स्पष्ट मानना है कि भारत की अगर प्रगति करनी है, तेज गति से प्रगति करनी है, समय रहते अगर प्रगति करनी है, तो भारत का सर्वांगीण विकास होना चाहिए।
ऐसा नहीं हो सकता है कि हिंदुस्तान का पश्चिमी छोर जो है, उसका तो विकास हो, केरल में हो, कर्नाटक में हो, गोवा में हो, महाराष्ट्र में हो, राजस्थान में हो, दिल्ली में हो, हरियाणा में हो, पंजाब में हो, जम्मू कश्मीर में हो लेकिन हिंदुस्तान का जो पूर्वी छोर है, उड़ीसा हो, पूर्वी उत्तर प्रदेश हो, पश्चिम बंगाल हो, बिहार हो, आसाम हो, नॉर्थ-इर्स्ट के अन्य राज्य हों, का विकास नहीं होगा तो हिंदुस्तान का विकास अधूरा रहेगा। और इसलिए भारत के पूर्वी छोर का विकास, इस पर सबसे ज्यादा बल देना ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। और तभी जाकर के भारत का संतुलित विकास होगा, भारत का सर्वांगीण विकास होगा। और इसलिए हमने Act East Policy बनाई है। और इस Act East Policy को न सिर्फ हिंदुस्तान का पूर्वी इलाका लेकिन हिंदुस्तान के पूर्वी इलाके के साथ सटे हुए देश जिनके साथ सहज रूप से हमारे व्यापारिक संबंध यहां से विस्तृत हो सकते हैं, चाहे वो म्यांमार हो, चाहे थाईलैंड हो, चाहे सिंगापुर, मलेशिया हो, उधर इंडोनेशिया हो, ये सारे देश हमारे इस भूभाग के विकास के साथ उनकी connectivity बहुत बड़ी ताकत देती है। और इसलिए लगातार भारत इन देशों के साथ भी उन कामों को बल दे रहा है, infrastructure को बल दे रहा है, कि जिसके कारण भारत का ये जो नॉर्थ-ईस्ट इलाका है, भारत का जो पूर्वी इलाका है, उसमें एक नई विकास की दुनिया खड़ी हो जाए और उसी दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।
भारत की आजादी के बाद कभी भी सोचा न गया हो, दिया न गया हो, इतना रेलवे का बजट नॉर्थ-ईस्ट के लिए लगाया है। क्योंकि अगर रेलवे infrastructure बनता है तो पूरा नार्थ ईस्ट सहज रूप से हिंदुस्तान के साथ जुड़ जाता है। नार्थ ईस्ट के पास अपार संभावनाएं हैं, लेकिन connectivity के आभाव में उसकी विकास यात्रा रुक जाती है। यहां के नौजवान होनहार हैं। सामार्थ्यवान हैं, बुद्धिमान है, अगर उनको अवसर मिल जाए तो आसाम को हिंदुस्तान का नंबर एक राज्य बनाने की ताकत रखते हैं।
ये polymer का उद्योग एक प्रकार से value addition है| भारत को जो विदेशों से लाना पड़ता है, उसमें थोड़ी बचत हो जाएगी और उसके अंदर मूल्यवृद्धि के कारण छोटे छोटे कारखाने लग सकते हैं। आज प्लास्टिक का युग तो है में मानना पड़ेगा लेकिन दुनिया प्रति व्यक्ति जो प्लास्टिक की खपत है उसकी तुलना में भारत की बहुत कम है। प्रति व्यक्ति मुश्किल से दस kg है। अगर विश्व के सामान्य औसत से मिलाना है तो यहां पर प्लास्टिक उद्योग के लिए बहुत संभावनाएं बढ़ी हैं। जीवन की बहुत-सी आवश्यकताएं अब प्लास्टिक के बलरूप में साकार हो रही हैं। यहां पर raw material उपलब्ध हो, और यहां के नौजवान में Skill हो, छोटा-छोटा कारोबार चालू करे, एक पूरा औद्योगिक विस्तार खड़ा हो जाएगा। लाखों नौजवानों को यहां रोजगार मिलेगा और इसके लिए हमने मुद्रा योजना को भी आरंभ किया है। Start-up India , Stand-up योजना को आरंभ किया है। यह दोनों योजनाएं ऐसी है कि इस उद्योग से जो raw material निकलेगा, उसके value addition के लिए जो काम करना चाहता है उसे मुद्रा से पैसा भी मिलेगा और Start-up India , Stand-up योजना का लाभ उसकी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। इसमें काफी concession है। बहुत सारे incentives हैं। और मैं आशा करूंगा कि असम के नौजवान इसके साथ जुड़े हुए उद्योग लगाने के लिए आगे आएं। और मैं सरकार से भी अनुरोध करूंगा, डिपार्टमेंट से कि यहां जो raw material निकलेगा, जिसका value addition होगा, उसको सबसे पहले आसाम के नौजवानों को मौका दिया जाए और वे अगर उपयोग करते नहीं है तो अब जा करके हिंदुस्तान में और भाग में ले जाया जाएगा।
इतना बड़ा निर्णय आप कल्पना कर सकते हैं कितना बड़ा आपका भाग्य बदल सकता है। लेकिन हमारी प्राथमिकता है आसाम और नॉर्थ ईस्ट, हमारी प्राथमिकता है यहां पर विकास। आज किसी भी किसान परिवार में जाइए और उस परिवार में अगर तीन बेटे हैं, और किसान को पूछो 100 एकड़ भूमि होगी उसको पूछो भाई बच्चों के लिए क्या सोचा है तो किसान कहता है एक बेटे को तो खेती में लगाऊंगा, लेकिन दो बेटों को कहीं शहर में भेज करके नौकरी पर लगा दूंगा ताकि उनका गुजारा चल जाए। यानी हर किसान अपने तीन बेटो में से दो को किसी कारखाने में, कहीं नौकरी पर लगाना चाहता है। किसान के इन दो बेटो को रोजगार कब मिलेगा। क्या किसान का एक बेटा तो कमाएगा और दो बेटे भूखे रहेंगे? अगर किसान के एक बेटे के लिए खेती है दो बेटे के लिए रोजगार के लिए उद्योग लगाना अनिवार्य है, आवश्यक है। और इसलिए गांव का अगर भला करना होगा तो किसान के संतानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। और उसके लिए बड़े-बड़े शहरों में उद्योग लगेंगे तो काम नहीं होगा। डिबरूगढ़ छोटे-छोटे स्थान पर भी हमें उद्योगों के लिए जाल बिछाने पड़ेंगे।
और हमारी सरकार की कोशिश है कि छोटे-छोटे स्थान पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना। उद्योगों का अवसर उपलब्ध कराना। मूल्यवृद्धि हो, value addition हो, ताकि देश की आय बढ़े। उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं, जिस प्रकार से प्राकृतिक संपदा की मूल्यवृद्धि की अनिवार्यता है वैसे भी व्यक्ति के जीवन की भी मूल्यवृद्धि होनी चाहिए। unskilled labour कम कमाता है, Skilled labour ज्यादा कमाता है और इसलिए हम Skill development पर बल दे रहे हैं। हर नौजवान के हाथ में हुनर होना चाहिए। Skill होना चाहिए और Skill के भरोसे वो अपने लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकता है और उसकी एक मांग भी बढ़ने वाली है और उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।
भाईयों-बहनों आने वाले दिनों में विकास की इस यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ाना है। भारत सरकार cooperative federalism को लेकर केंद्र और राज्य मिल करके देश को आगे बढ़ाये, इस मंत्र को ले करके, सबका साथ सबका विकास इस मंत्र को ले करके अभिरथ प्रयास कर रहा है।
आने वाले दिनों में उसके फल भी आपको मिलेंगे ऐसा मुझे विश्वास है। मैं फिर एक बार आपका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं और राष्ट्र के चरणों में धरोहर जहां एक जगह पर polymer तैयार होगा तो दूसरी जगह पर wax का काम होगा और दोनों हमें बाहर से लाने पड़ते हैं उसमें कमी आएगी और देश की आवश्यकता की पूर्ति में यह भी अपना योगदान देंगे।
मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद।
Today two important projects have been inaugurated in Dibrugarh: PM @narendramodi in Assam https://t.co/TgzYvELB4F
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
The projects inaugurated today offer immense employment opportunities to the people of Assam: PM @narendramodi in Dibrugarh, Assam
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
I don't think I should have for the opportunity to inaugurate these projects. This should have been done long ago: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
Important to think ahead of time when it comes planning schemes and initiatives. Also important to chalk out the roadmap: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
When projects get delayed cost also increases: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
We have a PRAGATI initiative to hasten stalled projects: PM @narendramodi in Assam https://t.co/TgzYvELB4F
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
The development of eastern parts of India is a core priority for our Government because that is the way to all-round development: PM
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
PM @narendramodi sharing thoughts on MUDRA Yojana and Start up India initiative. https://t.co/TgzYvELB4F
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
Employment opportunities have to be created & they can't be created in big cities only. Smaller towns must have employment opportunities: PM
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
GOI believes in cooperative federalism. Centre & states have to work together for development: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 5, 2016
2 projects inaugurated in Dibrugarh this morning will greatly benefit Assam's youth & create job opportunities. https://t.co/o1m58cLR7i
— Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2016