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PM’s speech at NCC Rally at the Cariappa Parade Ground in Delhi

PM’s speech at NCC Rally at the Cariappa Parade Ground in Delhi


केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान राजनाथ सिंह जी, संजय सेठ जी, सीडीएस- जनरल अनिल चौहान जी, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा सचिव श्री, डीजी एनसीसी, अन्य अतिथिगण और NCC के मेरे प्यारे साथियों!

आप सभी को NCC दिवस के अवसर पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज यहां हमारे बीच 18 मित्र देशों के भी करीब 150 कैडेट्स भी मौजूद हैं। मैं इन सभी कैडेट्स का भी स्वागत करता हूं। देशभर से जुड़े, मेरा युवा भारत, MY Bharat के साथियों का भी मैं अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

रिपब्लिक डे परेड में सिलेक्ट होना, अपने आप में एक अचीवमेंट है। इस बार की परेड इसलिए भी खास थी, क्योंकि हमारे गणतंत्र ने 75 साल पूरे किए हैं। दोस्तों, ये यादें जीवन भर आपके साथ रहने वाली हैं। भविष्य में आप जरूर याद करेंगे कि जब गणतंत्र के 75 साल पूरे हुए थे, तब हमने परेड में हिस्सा लिया था। जिन साथियों को बेस्ट कैडेट्स का अवॉर्ड मिला है, उनको भी मेरी ओर से ढेर सारी बधाई। अभी यहां NCC के कई अभियानों को मुझे Flag करने का अवसर मिला। NCC के ऐसे प्रयास भारत की धरोहरों को युवा aspirations से जोड़ते हैं। मैं इन अभियानों से जुड़े कैडेट्स को शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

जिस कालखंड में देश आजाद हुआ, NCC की शुरुआत भी उसी समय हुई थी। एक तरह से, आपके संगठन की यात्रा देश के संविधान से भी पहले शुरू हुई। 75 वर्षों के गणतंत्र में, भारत के संविधान ने हर समय देश को लोकतांत्रिक प्रेरणा दी, नागरिक कर्तव्यों का महत्व समझाया। इसी तरह NCC ने भी, हर समय भारत के नौजवानों को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दी और उन्हें अनुशासन का महत्व समझाया। मुझे संतोष है कि बीते सालों में NCC के दायरे और दायित्व, दोनों को बढ़ाने के लिए सरकार ने बहुत काम किया है। हमारे जो बॉर्डर के इलाके हैं, जो समंदर की सीमा से सटे जिले हैं, वहां NCC का विस्तार किया गया है। आज देश के 170 से ज्यादा बॉर्डर ताल्लुका और करीब-करीब 100 कोस्टल ताल्लुका में NCC पहुंच चुकी है। मैं तीनों सेनाओं को भी बधाई दूंगा, आपने इन जिलों के युवा NCC कैडेट्स को विशेष रूप से ट्रेन करने का जिम्मा उठाया, इसका फायदा आज बॉर्डर किनारे पर रहने वाले हजारों युवाओं को हुआ है। NCC में Reform का परिणाम हम कैडेट्स की संख्या में भी देख रहे हैं। 2014 में NCC कैडेट्स की संख्या करीब-करीब 14 लाख थी। आज ये संख्या 20 लाख तक पहुंच गई है। ये गर्व की बात है कि इसमें 8 लाख से ज्यादा girl cadets हैं, हमारी बेटियां हैं। आज हमारे NCC कैडेट्स, disaster management में अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्पोर्ट्स की दुनिया में भी NCC कैडेट्स अपना परचम लहरा रहे हैं। मुझे गर्व है कि NCC दुनिया का largest यूनिफॉर्म्ड youth organisation है।

साथियों,

आप 21वीं सदी में भारत के विकास को, दुनिया के विकास को निर्धारित करने वाले हैं। भारत के युवा सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि force for global good हैं। आज दुनिया इस बात को मान रही है। हाल में एक रिपोर्ट, समाचार पत्रों में छपी है। इसमें जो बताया गया है वो बहुत ही अहम है। भारत में बीते दशक में युवाओं ने डेढ़ लाख स्टार्ट अप्स और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स बनाए हैं। आज दुनिया की 200 से ज्यादा बड़ी कंपनियों को भारतीय मूल के लोग लीड कर रहे हैं। ये कंपनियां ग्लोबल GDP में लाखों करोड़ रुपए का योगदान दे रही हैं, करोड़ों लोगों का जीवन बदलने में मदद कर रही हैं। भारतीय वैज्ञानिक, भारतीय रिसर्चर्स, भारत के टीचर्स भी दुनिया की प्रगति को गति दे रहे हैं। यानि कोई भी सेक्टर हो, भारत की युवाशक्ति, भारत के टैलेंट के बिना दुनिया के भविष्य की कल्पना भी मुश्किल है। और इसलिए तो मैं आप सभी को फोर्स फॉर ग्लोबल गुड कहता हूं।

साथियों,

कोई भी व्यक्ति हो या देश, उसका सामर्थ्य तब बढ़ता है, जब वो अनावश्यक बाधाओं से पार पा लेता है। मुझे संतोष है कि भारत में युवाओं के सामने अनेक बाधाओं को, जो भी जब रही, हमने पिछले 10 साल में उन सारी बाधाओं को हटाने का काम किया है। इससे भारत के युवा का सामर्थ्य बढ़ा है, देश का सामर्थ्य बढ़ा है। 2014 में तो आप 10 साल या 12 साल या 14 साल के होंगे, अपने घर में जरा पूछिएगा, पहले क्या हालात थे, जैसे एक उदाहरण है, अपने डॉक्यूमेंट को अटेस्ट करने का। पहले एडमिशन हो, एग्जाम हो, भर्तियां हों, कोई भी फॉर्म भरना हो, तो पहले अपने डॉक्यूमेंट गजेटेड ऑफिसर से अटेस्ट कराने पड़ते थे, और इसमें बड़ी भागदौड़ हुआ करती थी। हमारी सरकार ने युवाओं की इस मुश्किल को दूर किया, और आप पर भरोसा किया, अब आप सेल्फ अटेस्ट करके अपने डॉक्यूमेंट वेरिफाई कर सकते हैं। पहले युवाओं को स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करने, स्कॉलरशिप पाने में भी बड़ी मुश्किलें आती थीं। स्कॉलरशिप के पैसे में बहुत खेल होता था, बच्चों के खातों में पैसे नहीं जाते थे। अब सिंगल विंडो सिस्टम ने पुरानी सारी मुश्किलें खत्म कर दी हैं। पहले एक और बड़ी दिक्कत होती थी, सब्जेक्ट के सिलेक्शन को लेकर। बोर्ड के बाद पढ़ाई करते हुए कोई एक सब्जेक्ट ले लिया, तो फिर उसे बदलना मुश्किल होता था। अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आपको अपनी मर्जी से सब्जेक्ट्स बदलने की flexibility देती है।

साथियों,

10 साल पहले का एक वो दौर था, जब नौजवानों को आसानी से बैंक लोन नहीं मिलता था। बैंक कहता था कि लोन चाहिए तो पहले कोई गारंटी दो। 2014 में, देश की जनता ने मुझे प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया, तो मैंने कहा, अपने देश के युवाओं की गारंटी मैं लूंगा। हमने बिना बैंक गारंटी लोन देने वाली मुद्रा योजना शुरू की। पहले 10 लाख रुपए तक का लोन बिना गारंटी मिलता था। अभी सरकार के तीसरे टर्म में हमने इसे बढ़ाकर 20 लाख कर दिया है। 10 साल में हमने 40 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मुद्रा लोन के तहत दिए हैं। आप जैसे लाखों युवाओं ने इस लोन से मदद लेकर अपना बिजनेस शुरू किया है।

साथियों,

युवाओं के भविष्य से जुड़ा एक और अहम विषय है, देश की चुनावी व्यवस्था। दो दिन पहले ही हमने National Voters’ Day मनाया है। आप में से भी बहुत से युवा फर्स्ट टाइम वोटर बने हैं। Voters’ Day का मकसद यही है कि ज्यादा से ज्यादा वोटर पार्टिसिपेट करें, अपने अधिकार का उपयोग करें। आज भारत में दुनिया के सबसे बड़े चुनाव होते हैं, लेकिन इसका एक पक्ष ये भी है कि भारत में हर कुछ महीने में चुनाव ही चुनाव चलते रहते हैं। आजादी के बाद काफी समय तक ऐसा होता था, जब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे। लेकिन फिर ये पैटर्न टूट गया, इसका देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। हर चुनाव में वोटिंग लिस्ट अपडेट होती है, बहुत सारे काम होते हैं, और आपने देखा होगा, इसमें अक्सर हमारे टीचर्स की ड्यूटी लगती है, इसके कारण पढ़ाई प्रभावित होती हैं, परीक्षाओं की तैयारियां प्रभावित होती हैं। बार-बार होने वाले चुनावों की वजह से गवर्नेंस में भी मुश्किलें आती हैं। इसलिए आजकल देश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण डिबेट चल रही है। सब लोग इस विषय में अपने-अपने विचार रख रहे हैं और लोकतंत्र में ये मंथन बहुत आवश्यक है, हर कोई अपने विचार व्यक्त करें, ये जरूरी है, और डिबेट क्या है – वन नेशन वन इलेक्शन। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हों, और हर 5 साल का समय जब निर्धारित हो, तब हो। तो बीच में जो नए-नए काम रुक जाते हैं, उससे मुक्ति मिलेगी। भारत के युवाओं को भी मैं आज विशेष रूप से आग्रह करता हूं, NCC के कैडेट्स से आग्रह करता हूं, MY Bharat के वॉलिंटियर्स से आग्रह करता हूं, NSS के साथियों से आग्रह करता हूं, हम जहां भी हो इस डिबेट को चलाएं, डिबेट को आगे बढ़ाए, डिबेट का नेतृत्व करें, हम बहुत बड़ी मात्रा में इस डिबेट के अंदर हिस्सा लें। ये सीधे-सीधे आपके फ्यूचर के साथ जुड़ा हुआ विषय है। अमेरिका जैसे देश में भी नई सरकार बनने की तारीख तय है, वहां हर चार साल में चुनाव होता है। आपके अपने कॉलेज या स्कूल में भी स्टूडेंट काउंसिल के चुनाव एक ही बार में निपट जाते हैं। आप सोचिए, हर महीने चुनाव ही होते रहें तो क्या यूनिवर्सिटी में, कॉलेज में पढ़ाई संभव होगी। इसलिए आप वन नेशन-वन इलेक्शन की डिबेट से, उसका नेतृत्व कीजिए, देशभर में चर्चा होनी चाहिए ताकि देश सही दिशा में जाने का निर्णय कर सके।

साथियों,

आज 21वीं शताब्दी की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। आज समय की मांग है कि हमें भी बहुत तेज गति से आगे चलना होगा। इसमें आप सभी की, देश के नौजवानों की बड़ी भूमिका है। हर सेक्टर में, हर फील्ड में, चाहे वो आर्ट की फील्ड हो, रिसर्च की फील्ड हो, इनोवेशन की फील्ड हो, आपको अपने इनोवेटिव आइडिया से, क्रिएटिविटी से, नई ऊर्जा पैदा करनी है। ऐसा ही एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है राजनीति। हमारे देश के युवा, राजनीति के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा आएं, नए सुझावों के साथ आएं, नई ऊर्जा के साथ आएं, इनोवेटिव आइडियाज के साथ आएं। ये आज देश की जरूरत है। इसलिए ही मैंने लाल किले से कहा है कि एक लाख युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। युवाओं की क्या ताकत होती है, ये हमने विकसित भारत: यंग इंडिया डायलॉग के दौरान भी देखा है। देशभर के लाखों नौजवानों ने विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने अमूल्य सुझाव दिए हैं, विचार व्यक्त किए हैं।

साथियों,

आजादी की लड़ाई के समय, देश के हर प्रोफेशन के लोगों ने अपना एक ही लक्ष्य बना लिया था- देश की आजादी, और नौजवानों ने बढ़-चढ़कर के उसमें हिस्सा लिया था, बलिदान दिए थे, जवानी जेलों में खपा दी थी। इसी तरह इस अमृतकाल में, हमें अपना एक ही लक्ष्य रखना है- विकसित भारत। हमारे हर निर्णय की कसौटी, हर कार्य की कसौटी, विकसित भारत ही होनी चाहिए। और इसके लिए हमें अपने पंच प्राणों को हमेशा याद रखना है। पंच प्राण यानि- हमें विकसित भारत बनाना है, हमें गुलामी की हर सोच से मुक्ति पानी है, हमें अपनी विरासत पर गर्व करना है, हमें भारत की एकता के लिए काम करना है, और हमें अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाना है। ये पंच प्राण हर भारतीय को दिशा देने वाले हैं, हर भारतीय की प्रेरणा हैं। अभी आपने जो शानदार Cultural Performances दी है, उसमें भी इसी की झलक दिखाई देती है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना, देश की बहुत बड़ी शक्ति है। अभी आजकल प्रयाग में जो महाकुंभ चल रहा है, वहां भी देश की एकता का यही प्रतिबिंब नजर आ रहा है। इसलिए ये महाकुंभ, एकता का महाकुंभ है। ये एकता, देश की प्रगति के लिए जरूरी है।

साथियों,

आपको अपने कर्तव्यों का भी हमेशा ध्यान रखना है। कर्तव्यों की नींव पर ही भव्य-दिव्य विकसित भारत का निर्माण होगा।

साथियों,

आज जब आपके बीच आया हूं, आपका ये जोश और जज्बा देख रहा हूं, तो किसी समय मैंने कुछ पंक्तियां लिखी हैं, वो पंक्तियां आज मुझे याद आ रही हैं, किसी समय मैंने लिखा था-

असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ देश की भक्ति है!

तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो1

कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको, कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको1

तुम उठ जाओ, तुम जुट जाओ!

सामर्थ्य को अपने पहचानो, कर्तव्य को अपने सब जानो !

साथियों,

आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बार फिर आप सभी को, मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं, आप सबको अनेक-अनेक धन्यवाद। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम।