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PM’s interaction with NCC and NSS Cadets participating in Republic Day celebrations


प्रतिभागी – सर आज आपको देखकर मेरा सपना पूरा हो गया।

प्रधानमंत्री – बहुत बढ़िया, हां तो आप सो रही थीं अभी।

प्रतिभागी – नहीं, आपको देखकर लग रहा है कि हम सबसे बड़े हीरो से मिल लिये।

प्रतिभागी – मेरा बहुत बड़ा सपना था कि यहां पर आऊं और सभी फोर्सेस को देखूं, specially तो मैं आपको देखने आई हूं।

प्रधानमंत्री – जी जी।

प्रतिभागी – तो अभी यकीन भी नहीं हो रहा है कि मैं आपके सामने समक्ष बात कर रही हूं वो भी प्रत्यक्ष आपको face to face.

प्रधानमंत्री – ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है।

प्रतिभागी – thank you so much Sir.

प्रधानमंत्री – किसी दूसरे राज्य के एक साथी से परिचय करके उस राज्य को जानने का प्रयास किया और एक आध दो वाक्य भी वहां की भाषा बोलना आ गया, ऐसे कौन कौन हैं?

प्रतिभागी – सर वेस्ट बंगाल के जैसे यहां पर बैठे हैं, इनसे जानने की कोशिश की थी और जैसे की हम चावल खा रहे थे तो चावल का एक वाक्य था, वो बोला एकतो एकतो भात खावे।

प्रधानमंत्री – एकतो एकतो भात खावे। खावे बोला, खाबे बोला?

प्रतिभागी – खाबो।

प्रधानमंत्री – खाबो।

प्रतिभागी – सर जोल खाबो, एक और क्या था?. तो अमी केमो नाचो अमी भालो आची (दूसरी भाषा)

प्रतिभागी – मुंगेर से मैं हूं, आपको प्रणाम है मुंगेर की समस्त जनता की तरफ से सर।

प्रधानमंत्री – मेरी तरफ से मुंगेर की धरती को प्रणाम। मुंगेर की धरती तो योगा के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है।

प्रतिभागी – जी सर, जी सर।

प्रधानमंत्री – तो आप यहां सबके योगा गुरू बन गए हैं।

प्रतिभागी – यानी सबका तो नहीं बन पाए हैं सर, लेकिन जो हमारे सर्किल में थे कुछ लोगों का कुछ कुछ टीम का बन पाए।

प्रधानमंत्री – अब तो पूरी दुनिया योग से जुड़ रही है।

प्रतिभागी – सर सर।

प्रधानमंत्री – हां।

प्रतिभागी – और आपके लिए दो लाइन भी हम लोगों ने कल वहां राष्ट्रीय रंगशाला कैंप में लिखा है, कि जय हो, भारत माता की जय हो, भारत वासी जन की जय हो, लहराते नवधव्ज की जय हो, जय हो, जय हो, जय हो, आतंक का न भय हो, शत्रुओं का शय हो, सबके मन में प्रेम विनय हो, जय हो, जय हो, जय हो।

प्रधानमंत्री – जय हो।

प्रतिभागी – जय हो, बहुत बहुत धन्यवाद।

प्रतिभागी – क्लीन इंडिया मिशन जैसे और स्वस्थ भारत मिशन जैसे इस तरह की यात्राएं आपने जो प्रारंभ की हैं, उससे देश की प्रगति का तो हुआ ही है कार्य, उसके साथ साथ सभी युवा आपसे जितने आकर्षित होते हैं और एक चुंबक की तरह आपकी तरफ आपको हर कोई मिलना चाहता है, ये हम सभी के लिए बड़े गौरव की बात है कि हमारे प्रधानमंत्री आपके जैसे व्यक्तित्व हैं।

प्रधानमंत्री – स्वच्छ भारत बनाने के लिए किसी एक सिद्धांत को हमने लागू करना है तो कौन सा है?

प्रतिभागी – हमको दूसरों को भी प्रेरणा देना, जैसा कि मैं मंदिर गई थी नवरात्री के टाइम पर।

प्रधानमंत्री – देखिए बहुत सही बताया, स्वच्छ भारत बनाने के लिए अगर 140 करोड़ लोग तय करें कि हम गंदगी नहीं करेंगे, तो फिर कौन गंदगी करेगा, फिर तो स्वच्छ हो जाएगा।

प्रतिभागी – जय हिंद श्रीमान, श्रीमान मैं सुषमिता रोहिदाश ओडिशा से आई हूं।

प्रधानमंत्री – जग जगन्नाथ।

प्रतिभागी – जग जगन्नथ सर। आप मेरे inspiration हो, तो मे रेको आपसे कुछ पूछना था कि लाइफ में success पाने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा और what is the actual definition of success?

प्रधानमंत्री – विफलता को स्वीकार ही नहीं करना चाहिए। जो विफलता को स्वीकार कर लेते हैं और विफलता की शरण ले लेते हैं, वो कभी सफलता नहीं प्राप्त करते, लेकिन जो विफलता से सीखते हैं वे शिखर पर पहुंचते हैं, और इसलिए विफलता से कभी डरना नहीं चाहिए, विफलता से सीखने का जज्बा होना चाहिए और जो विफलता से भी सीखता है, वो शिखर पर पहुंचकर ही रहता है।

प्रतिभागी – सर मेरा आपसे ये सवाल है कि मैंने सुना है कि आपको सिर्फ तीन से चार घंटे का आराम मिलता है, तो आप इस उम्र में आपको मोटिवेशन और स्ट्रेंथ कहां से मिलती है?

प्रधानमंत्री – अब ये कठिन सवाल है, आप जैसे नौजवानों से मिलता हूं तो मुझे ऊर्जा मिल जाती है, आप सबको देखता हूं तो प्रेरणा मिल जाती है, कभी देश में किसान को याद करता हूं तो लगता है कितने घंटे काम करते हैं। देश के जवानों को याद करता हूं तो लगता है सीमा पर कितने घंटे खड़े रहते हैं। यानी हर कोई करता है और बहुत मेहनत करता है, हम थोड़ा उनकी तरफ देखें, उनको जीने का प्रयास करें, जानने का प्रयास करें, तो फिर हमको भी लगता है कि हमें भी सोने का हक नहीं है, आराम करने का हक नहीं है। वो अपने कर्तव्यों के लिए इतनी मेहनत करता है, तो 140 करोड़ देशवासियों ने मुझे भी तो कर्तव्य दिया है। अच्छा घर वापस जाकर के सुबह 4 बजे उठने का निर्णय किया ऐसे कितने हैं? अभी 4 बजे उठना पड़ता है कि उठाना पड़ता है?

प्रतिभागी – उठना पड़ता है सर।

प्रधानमंत्री – नहीं नहीं अभी तो कोई whistle बजाता होगा, हैं, फिर मन करता होगा अरे वो चला जाए 5 मिनट निकाल दे। लेकिन देखिए जल्दी उठने की आदत जीवन में बहुत काम आती है और मैं कह सकता हूं मैं भी आपकी तरह एनसीसी का कैडेट था, तो मुझे ये चीज इतनी काम आई है अभी तक क्योंकि कैंप में जाते थे बहुत जल्दी उठना पड़ता था, तो डिसिप्लिन भी आई, लेकिन बहुत जल्दी उठने की आदत मेरी आज भी मेरी बहुत बड़ी अमानत है। दुनिया के जागने से पहले मैं अपने ढेर सारे काम कर लेता हूं। आप भी अगर जल्दी उठने की आदत बनाए रखेंगे, आपको बहुत काम आएगी दोस्तों।

प्रतिभागी – मैं एक ही बात कहना चाहूंगी अगर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जैसा स्वराज्य का निर्माण किया अगर उसके बाद कोई है तो वो नरेंद्र मोदी जी हैं।

प्रधानमंत्री – हमें सीखना है सब से सीखना है। छत्रपति शिवाजी महाराज से भी सीखना है, यहां आपने क्या सीखा बता सकते हैं?

प्रतिभागी – सर यहां अगले अलग अलग डायरेक्टरेट के साथ फ्रेंडशिप करना, उनके साथ बातें करना, घुलना मिलना, सब मतलब पूरा इंडिया एक साथ जब आता है।

प्रधानमंत्री – जैसे घर में होते होंगे तो एक सब्जी को कभी हाथ नहीं लगाते होंगे, मां से झगड़ा करते होंगे, और यहां पर वो सब्जी खाना सीख गए होंगे, ऐसा होगा ना कि भई क्या ऐसी नई चीज जीवन में आई आपके।

प्रतिभागी – हर काइंड ऑफ ना एडजस्टमेंट करना सीखा है।

प्रतिभागी – सर मैं बेसिकली कश्मीरी पंडित फैमिली से बिलोंग करती हूं, तो मैं जैसे कि नौवीं कक्षा में पढ़ती हूं तो घर का काम आज तक किया नहीं है मैंने, क्योंकि जब भी घर पर होती हूं तो स्कूल जाना होता है। फिर वहां से आकर पढ़ाई ट्यूशन वगैरह सब, but यहां पर आकर जो मैंने सबसे बड़ी चीज सीखी है वो है सेल्फ इंडिपेंडेंट होना, सारा काम जो है मैंने यहीं पर सीखा है और जैसे ही मैं घर जाऊंगी अब पढ़ाई के साथ साथ जो है मैं मम्मा की हेल्प भी करूंगी।

प्रधानमंत्री – देखिए ये आपकी वीडियो आपके मम्मा तक पहुंचने वाली है, आप पकड़ी जाओगी।

प्रतिभागी – पहली चीज जो मैंने यहां आकर सीखी है कि परिवार हमेशा वही नहीं होता जो घर में हमारे साथ रहते हैं, यहां पर जो हमारे लोग हैं जो दोस्त हैं, जो सीनियर्स हैं, वो सब भी एक बहुत बड़ा परिवार बनाते हैं और ये एक चीज है जो मैं हमेशा याद रखूंगी और यहां आकर मैंने सीखी है।

प्रधानमंत्री – एक भारत श्रेष्ठ भारत।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – अच्छा ये 30 दिन में अब कुछ लोग होंगे जिनको परेड में हिस्सा करने का मौका मिला होगा, कुछ लोगों को नहीं मिला होगा, ऐसा होगा ना? तो क्या लगता है, कुछ तो लगता होगा?

प्रतिभागी – सर सिलेक्शन होना नहीं होना एक अलग बात है, लेकिन उस चीज के लिए कोशिश करना एक बहुत बड़ी बात है सर।

प्रधानमंत्री – यही सबसे बड़ी बात होती है, कि हमारा सिलेक्शन हो या ना हो लेकिन मैंने अपना बेस्ट किया है। तो एनसीसी है?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – तो आप लोगों को यूनिफॉर्म में मजा आता है कि कल्चरल कार्यक्रम में मजा आता है?

प्रतिभागी – दोनों।

प्रधानमंत्री – तो यहां एक महीना रहे हैं तो घर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस करते होंगे?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – दोस्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंस करते होंगे?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – ये क्यों कर पा रहे हैं पता है, टेक्नोलॉजी, दूसरा डिजिटल इंडिया, तीसरा विकसित भारत। फिर, देखिए दुनिया में बहुत कम देश हैं जहां डेटा इतना सस्ता है और इसलिए हमारे यहां गरीब से गरीब व्यक्ति भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से अपने परिजनों से आराम से बात कर लेता है। आप में से कितने हैं लोग जो यूपीआई का उपयोग करते हैं डिजिटल पेमेंट का? वाह नई पीढ़ी तो सारे के सारे जेब में पैसा रखते ही नहीं है! एनसीसी ने आपके जीवन में बहुत सेवा की आपकी बहुत अच्छी चीज आपके हाथ लग गई, जो पहले नहीं थी वो क्या है?

प्रतिभागी – जय हिंद सर, पंक्चुअलिटी एंड टाइम मैनेजमेंट और थर्ड है लीडरशिप।

प्रधानमंत्री – अच्छा और कोई।

प्रतिभागी – सर एनसीसी ने मुझे सबसे ज्यादा जो सिखाया है वो है लोक सेवा, जैसे कि ब्लड डोनेशन कैंप्स, अपने आसपास साफ सफाई रखना।

प्रधानमंत्री – देखिए माय भारत मेरा युवा भारत, माय भारत भारत सरकार के द्वारा ये प्लेटफार्म चलाया जा रहा है। अब तक करीब देश के तीन करोड़ से ज्यादा युवा और युवती उसमें रजिस्टर हुए हैं और अभी ये माय भारत के लोगों ने बहुत बड़ा काम किया, विकसित भारत को लेकर के डिबेट किया पूरे देश में, क्विज कॉम्पिटिशन किया, essay राइटिंग किया। वक्तृत्व स्पर्धाएं की और देश भर में करीब 30 लाख लोग जुड़े थे। जाकर के पहला काम करेंगे?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – माय भारत रजिस्ट्री करवा देंगे।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – तो एनसीसी में जो सीखा है क्योंकि एनसीसी तो कुछ साल तक रहेगी आपके पास, लेकिन माय भारत तो जीवन पर रह सकता है।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – तो कुछ करेंगे उसमे आप?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – भारत ने एक लक्ष्य तय किया है आने वाले 25 साल का। वो लक्ष्य क्या है मालूम है? जरा हाथ ऊपर करके जोर से बताईये।

प्रतिभागी – विकसित भारत।

प्रधानमंत्री – और क्या साल बताया है?

प्रतिभागी – 2047!

प्रधानमंत्री – अच्छा ये 2047 क्यों तय किया है!

प्रतिभागी – 100 साल पूरे हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री – किसको?

प्रतिभागी – आजादी को।

प्रधानमंत्री – मोदी जी को। तो भारत की आजादी को

प्रतिभागी – 100 साल पूरे हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री – और तब तक हमारा लक्ष्य क्या है?

प्रतिभागी – विकसित भारत।

प्रधानमंत्री – यह देश विकसित होना चाहिए कौन बनाएगा?

प्रतिभागी – हम बनाएंगे।

प्रधानमंत्री – ऐसा तो नहीं सरकार बनाएगी।

प्रतिभागी – नहीं सर।

प्रधानमंत्री – जब 140 करोड़ देशवासी ये अगर तय कर लें, और उसके लिए कुछ ना कुछ पॉजिटिव करें, तो ये काम मुश्किल नहीं है। देखिए हम अगर अपने कर्तव्यों का पालन करें तो भी विकसित भारत बनाने में हम बहुत बड़ी ताकत बन सकते हैं। अपनी मां को बहुत प्यार करते ऐसे कौन है? सबके साथ अच्छा! धरती माता को बहुत प्यार करते ऐसे कितने हैं ये भी बहुत है। अच्छा मैंने एक कार्यक्रम बताया था जो कार्यक्रम ऐसा है जिसमें अपनी मां के प्रति भी श्रद्धा व्यक्त होती है और धरती माता के प्रति भी होती है- एक पेड़ मां के नाम। और अपेक्षा ये है मेरी कि आप अपनी माता को लेकर के एक पौधा लगाएं और हमेशा याद रहे कि ये मेरी मां के नाम का पौधा है और मैं उसको कभी सूखने नहीं दूंगा या नहीं दूंगी और इसका लाभ सबसे पहले किसको मिलेगा धरती मां को।

प्रतिभागी – मेरा नाम बतामीपी डिस्ट्रिक्ट दिवांगवैली अनिनी में रहने वाला हूं, इदु मिश्मी हूं, और अरुणाचल प्रदेश से आया हूं। जब से प्राइम मिनिस्टर मोदी मोदी साहब ने जब मोदी जी ने गवर्नमेंट चलाया तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश के कोने कोने में सब सभी जानते हैं सभी देखते हैं।

प्रधानमंत्री – अरूणाचल की एक विशेषता है एक तो हम सब जानते हैं कि भारत में पहली सूरज की किरण जहां आती है वो है हमारा अरुणाचल। लेकिन अरुणाचल की एक विशेषता है जैसे हम लोग कहीं मिलते हैं तो राम राम कहते हैं या हम लोग नमस्ते कहते हैं, अरुणाचल का एक स्वभाव है वो जय हिंद कहते हैं, मेरा आज से आपका आग्रह है अगर आपको विविधताएं देखनी है, कला देखनी है, प्राकृतिक सौंदर्य देखना है, वहां के लोगों का प्यार देखना है, समय निकालकर के अरुणाचल, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, ये पूरा जो हमारा ये अष्ट लक्ष्मी का इलाका है, मेघालय, ये इतने सुंदर है आप दो महीने तीन महीने तक भी आप पूरा नहीं कर सकते, इतनी चीजें देखने की हैं।

प्रधानमंत्री – ऐसा कौन सा काम आपकी यूनिट ने किया होगा जो एनएसएस की जिस टोली में आप लोग काम करते होंगे अपने इलाके में, जिसको सब लोग कहते हैं यार ये बच्चे बहुत बढ़िया करते हैं, ये नौजवान देश के लिए कुछ करने वाले हैं, ऐसा कोई अनुभव शेयर करेंगे?

प्रतिभागी – सर मैं कहना चाहता हूं कि!

प्रधानमंत्री – कहां से हैं आप।

प्रतिभागी – सर मेरा नाम अजय मोदी है मैं झारखंड से हूं और सर मैं ये कहना चाहता हूं कि हमारी यूनिट ने

प्रधानमंत्री – आप मोदी हैं मोती हैं?

प्रतिभागी – मोदी सर।

प्रधानमंत्री – अच्छा।

प्रतिभागी – मोदी हूं मैं।

प्रधानमंत्री – इसलिए आपने पहचान लिया।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – बताइए।

प्रतिभागी – सर मेरे यूनिट ने जो सबसे मतलब अच्छा काम किया जैसा आपने कहा कि जिसकी तारीफें की गई वो था सर कि हमारे दुमका में एक महिरी समुदाय है, जो बांस की चीजें बहुत अच्छे तरीके से बनाता है, but जो वो सीजनल ही बिकते हैं तो हम लोगों ने सर कुछ ऐसे लोगों को ढूंढा जो इस तरह के काम करते हैं और उनको उन फैक्ट्रियों से जोड़ा जो जो अगरबत्ती बनाते हैं।

प्रधानमंत्री – ये अगरबत्ती शब्द कहां से आया है, बड़ा इंटरेस्टिंग है आप लोग जरा जरूर देखिए, त्रिपुरा की राजधानी है उसका नाम क्या है।

प्रतिभागी – अगरतला सर।

प्रधानमंत्री – उसमें एक शब्द है क्या है, और हम क्या बात कर रहे हैं।

प्रतिभागी – अगरबत्ती।

प्रधानमंत्री – तो वहां पर अगर का जंगल होते हैं और वो इतना स्मेल होती है उसके ऑयल में और बहुत महंगा होता है, दुनिया में शायद बहुत कम इतने महंगे तेल होंगे, उसकी स्मेल इतनी बहुत बढ़िया होती है और उसी में से परंपरा बनी अगरबत्ती बनाने की जिसमें स्मेल आती है। सरकार का एक जेम पोर्टल है आपके इलाके में भी कोई अगर जेम पोर्टल पर अपने प्रोडक्ट रजिस्ट्री करवाता है, उसकी कीमत वगैरह लिखनी होती है, हो सकता है सरकार में उन चीजों की जरूरत पड़े तो वो ऑर्डर आपको दें, तो बहुत ही तेजी से इसका काम होता है, तो कभी आप लोगों ने आप जो पढ़े लिखे नौजवान हैं उन्होंने ऐसे लोगों को परिचित करके करवाना चाहिए। मेरा ड्रीम है कि मैं देश में जो गांव में विमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप चलाते हैं ना, तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का सपना है। एक करोड़ और 30 लाख तक मैं पहुंच चुका हूं।

प्रतिभागी – मेरी खुद की मां है जो कि सिलाई का काम सीख के और अभी कर रही है और वो इतनी सक्षम है कि अभी वो जो चणिये जो होते हैं आपको पता होगा नवरात्रि में सर चणिये कितने चलते हैं वो चणिये उन्होंने बनाए हैं तो वो विदेशों में भी जाते हैं।

प्रधानमंत्री – बहुत बढ़िया।

प्रतिभागी – तो ऐसे ही सर एक एग्जांपल आपने सेट किया है और आगे विकसित भारत में लखपति दीदी जो कार्यक्रम है वो एक बहुत महत्वपूर्ण रोल प्ले कर सकता है सर।

प्रधानमंत्री – तो आपके साथ तो विदेश की टोली भी दिखती है तो कितने लोग हैं जिन्होंने विदेश के दोस्तों से पक्की दोस्ती बना ली है! अच्छा इनके सवाल क्या होते हैं जब ये लोग आपसे मिलते हैं, तो भारत के संबंध में क्या जानना चाहते हैं, क्या पूछते हैं?

प्रतिभागी- Sir they will ask the Indian culture then tradition and religion and about the politics.

प्रधानमंत्री- हम्म politics also, ओह.

प्रतिभागी- नमस्ते सर I am Rojina Ban from Nepal. We were really very excited to see visit India and also to see you and like I would also like to take a moment to thank you and for your Hospitality, unconditional Hospitality, Thank you so much for that.

प्रतिभागी- On the eve of our departure the High Commission of India to Mauritius met us. So he told us go to India, this is your second house. He’s right.

प्रधानमंत्री – Wow.

प्रतिभागी- We feel at home and we are grateful for this. Long live the cooperation and the brotherly relationship between Mauritius and India.

प्रधानमंत्री – This is your second house as well as this is the first house of your all forefathers.

प्रतिभागी – Yes, Indeed!.

प्रतिभागी – केसरिया ……..पधारो म्हारे देश

प्रधानमंत्री – शाबाश!

प्रतिभागी – सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हमारा, सारे जहां से अच्छा, हम बुलबुले हैं इसके, ये गुलसितां हमारा हमारा सारे जहां से अच्छा।

प्रधानमंत्री – बहुत-बहुत बधाई भैया।

प्रतिभागी– धन्यवाद सर।

प्रधानमंत्री- बहुत बहुत धन्यवाद जी बहुत धन्यवाद।