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PM’s address in NXT Conclave

PM’s address in NXT Conclave


नमस्कार, 

आई टीवी नेटवर्क के फाउंडर और संसद में मेरे साथी कातिर्केय शर्मा जी , नेटवर्क की पूरी टीम, देश-विदेश से आए सभी अतिथि, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

NewsX World  इसकी शुभ शुरूआत और इसके लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आपके नेटवर्क की हिन्दी और इंग्लिश सहित तमाम रीजनल चैनल्स आज आप अब ग्लोबल हो रहे हैं। और आज कई fellowships और scholarship की भी शुरूआत हुई है, मैं इन कार्यक्रमों के लिए आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मैं पहले भी मीडिया के इस तरह के कार्यक्रमों में जाता रहा हूं, लेकिन आज मुझे लग रहा है कि आपने एक नया ट्रेंड सेट किया है और मैं इसके लिए भी आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे देश में मीडिया के इस तरह के इवेंट्स होते रहते हैं, और एक परंपरा भी चल रही है, उसमे कुछ आर्थिक विषय भी है, हरेक का फायदे का मामला रहता है जरा, लेकिन आपके नेटवर्क ने इसे एक नया dimension दिया है। आपने लीक से हटकर एक नए मॉडल पर काम किया है।  मुझे याद है, अगर मैं पहले की समिट और आप की समिट की संबंध में जो कल से सुन रहा हूं, पहले जो समिट अलग-अलग मीडिया हाउस ने की है, वो नेता centric रही है, मुझे खुशी है ये नीति centric है, यहां नीतियों की चर्चा हो रही है। ज्यादातर इवेंट्स जो हुए हैं, वे बीते हुए कल के आधार पर वर्तमान की नुख्ते जीने वाले रहे हैं। मैं देख रहा हू, कि आपका ये समिट आने वाले कल को समर्पित है। मैं देखता था, कि पहले जितने भी ऐसे कार्यक्रमों को मैंने दूर से देखा है या खुद गया, वहां विवाद का महत्व ज्यादा था, यहां संवाद का महत्व ज्यादा है। और मुझे पक्का विश्वास है और दूसरा जितने भी मैं इवेंट्स में गया हूं, एक छोटे से कमरे में होते हैं और अपने अपने लोग होते हैं। यहां इतने विशाल समारोह को देखना और वो भी एक मीडिया हाउस के समारोह को और जीवन के सभी क्षेत्रों को स्पर्श किए हुए लोग यहां होना, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। हो सकता हैं यहां से और मीडिया वालों को कोई मसाला नहीं मिलेगा, लेकिन देश को भरपूर प्रेरणा मिलेगी, क्योंकि यहां आए हुए हर व्यक्ति के विचार देश को प्रेरणा देने वाले विचार होंगे। उम्मीद है, कि इस ट्रेंड को, इस टेंपलेट को, आने वाले दिनों में दूसरे मीडिया हाउस भी अपने तरीके से और इनोवेटिव बनाकर के कम से कम उस छोटे कमरे से बाहर निकलें।

साथियों,

21वी सदी के भारत पर आज पूरी दुनिया की नजर है, दुनियाभर के लोग भारत आना चाहते हैं, भारत को जानना चाहते हैं। आज भारत दुनिया को वो देश है, जहां positive news लगातार create हो रही है। News manufacture नहीं करना पड़ रहा है, जहां हर रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, कुछ न कुछ नया हो रहा है। अभी 26 फरवरी को ही प्रयागराज में एकता का महाकुंभ संपन्न हुआ है। पूरी दुनिया हैरान है, कि कैसे एक अस्थाई शहर में, एक temporary व्यवस्था, नदी के तट पर करोड़ों लोगों का आना, सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा करके आना और पवित्र स्नान करके भाव से भर जाना, आज दुनिया भारत की organising और innovating  स्किल्स देख रही है। हम सेमीकंडक्टर से लेकर Aircraft Carriers तक  यहीं पर manufacture कर रहे हैं। दुनिया, भारत की इसी सफलता को विस्तार से जानना चाहती है। मैं समझता हूं कि ये न्यूज एक्स वर्ल्ड अपने आप में एक बहुत बड़ा अवसर है।

साथियों, 

कुछ महीने पहले ही भारत ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव कराए हैं। 60 साल बाद ऐसा हुआ जब भारत में कोई सरकार लगातार तीसरी बार वापस लौटी। इस जनविश्वास का आधार पिछले 11 साल में भारत की अनेकों उपलब्धियां हैं। मुझे विश्वास है कि आपका नया चैनल, भारत की रीयल स्टोरीज़ दुनिया तक पहुंचाएगा। बिना कोई रंग दिए, आपका ग्लोबल चैनल भारत की वैसी ही तस्वीर दिखाएगा, जैसा वो है,  हमें मेकअप की जरूरत नहीं है

साथियों, 

कई साल पहले मैंने Vocal for Local and Local for Global का विजन देश के सामने रखा था। आज हम इस विजन को सच्चाई में बदलते हुए देख रहे हैं। आज हमारे आयुष प्रॉडक्ट्स और योग, Local से Global हो गए हैं। दुनिया में कहीं पर भी जाईये, कोई न कोई तो योग को जानने वाला मिलेगा ही, मेरे मित्र टॉनी यहां बैठे हैं, वो तो रोज के योगा petitioner हैं।  आज भारत के सुपरफूड, हमारा मखाना, Local से Global हो रहा है। भारत के मिलेट्स-श्रीअन्न भी, Local से Global हो रहे हैं। और मुझे पता चला है कि मेरे दोस्त, टॉनी एबॉट, दिल्ली हाट में भारतीय मिलेट्स का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियन्स लिया है उन्होंने, और उनको मिलेट्स की dishes बहुत पसंद आईं और ये सुनकर मुझे ज्यादा अच्छा लगा।

साथियों,

मिलेट्स ही नहीं, भारत की हल्दी भी Local से Global हो गई है, भारत दुनिया की 60 परसेंट से ज्यादा हल्दी की सप्लाई करता है। भारत की कॉफी भी Local से Global हो गई है, भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी एक्सपोर्टर बन गया है। आज भारत के मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स, भारत में बनी दवाइयां, अपनी Global पहचान बना रही हैं। और इन सबके साथ ही एक और बात हुई है। भारत कई सारे Global Initiatives को lead कर रहा है। हाल ही में मुझे फ्रांस में AI एक्शन समिट में जाने का मौका मिला। दुनिया को AI फ्यूचर की तरफ ले जाने वाली इस समिट का भारत co-host था। अब इसको होस्ट करने का जिम्मा भारत के पास है। भारत ने अपनी प्रेसिडेंसी में इतनी शानदार G-20 समिट कराई। इस समिट के दौरान हमने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर के रूप में एक नया इक्नॉमिक रूट दुनिया को दिया। भारत ने ग्लोबल साउथ को भी एक बुलंद आवाज़ दी, हमने आईलैंड नेशंस को, उनके हितों को अपनी प्रायॉरिटी से जोड़ा है। क्लाइमेट क्राइसिस से डील करने के लिए भारत ने मिशन लाइफ का विजन दुनिया को दिया है। इसी तरह, International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, ऐसे अनेक initiatives हैं, जिनको भारत Globally लीड कर रहा है। और मुझे खुशी है कि आज जब भारत के अनेक ब्रांड ग्लोबल हो रहे हैं, तो भारत का मीडिया भी ग्लोबल हो रहा है। इसी global opportunity को समझ रहा है।

साथियों,

दशकों तक, दुनिया भारत को अपना बैक ऑफिस कहती थी। लेकिन आज, भारत न्यू फैक्ट्री ऑफ द वर्ल्ड बन रहा है। हम सिर्फ वर्कफ़ोर्स नहीं, वर्ल्ड-फ़ोर्स बन रहे हैं! कभी हम जिन चीजों का इंपोर्ट करते थे, आज देश उनका Emerging Export Hub बन रहा है। जो किसान कभी लोकल मार्केट तक ही सीमित था, आज उसकी फसल पूरी दुनिया के बाजारों तक पहुंच रही है। पुलवामा की Snow Peas, महाराष्ट्र के पुरंदर फिग्स और कश्मीर के Cricket Bats, इनकी डिमांड अब दुनिया में बढ़ रही है। हमारे Defence products, दुनिया को भारतीय Engineering और टेक्नॉलॉजी की ताकत दिखा रहे हैं। Electronics से Automobile Sector तक, दुनिया ने हमारी Scale को, हमारे सामर्थ्य को देखा है। हम दुनिया को सिर्फ अपने प्रोडक्ट्स ही नहीं दे रहे, भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में एक Trusted और Reliable Partner भी बन रहा है।

साथियों, 

आज अगर हम बहुत सारे सेक्टर्स में लीडर बने हैं, तो उसके पीछे बहुत सालों की सुविचारित मेहनत है। ये Systematic Policy Decisions से ही संभव हो पाया है। आप 10 साल की जर्नी देखिए, जहाँ कभी पुल अधूरे थे, सड़कें अटकी थीं, आज वहाँ सपने नई रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। अच्छी सड़कों से, शानदार एक्सप्रेसवे से, ट्रैवल टाइम और cost, दोनों कम हुए हैं। इससे इंडस्ट्री को Logistics का Turnaround Time कम करने का अवसर मिला। इसका बहुत बड़ा फायदा हमारे ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिला। इससे गाड़ियों की डिमांड बढ़ी, हमने गाड़ियों के, EVs के प्रोडक्शन को Encourage किया। आज हम दुनिया के एक बड़े Automobile Producer और Exporter बनकर उभरे हैं।

साथियों, 

ऐसा ही बदलाव Electronics Manufacturing में दिखा है। बीते दशक में ढाई करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पहली बार बिजली पहुंची। देश में बिजली की डिमांड बढ़ी, प्रोडक्शन बढ़ी, इससे Electronic Equipment की डिमांड बढ़ी। हमने डेटा सस्ता किया, तो मोबाइल फोन्स की डिमांड बढ़ी। ज्यादा से ज्यादा सर्विस, मोबाइल फोन पर लेकर आए तो डिजिटल डिवाइसेज का Consumption और बढ़ा। इस Demand को opportunity में बदलकर, हमने PLI Schemes जैसे प्रोग्राम शुरू किए। आज देखिए, भारत एक Major Electronics Exporter बन चुका है।

साथियों,

आज भारत बहुत बड़े टारगेट्स रख पा रहा है, उनको अचीव कर रहा है, तो इसके मूल में एक खास मंत्र है। ये मंत्र है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस। ये efficient और effective governance का मंत्र है। यानि न सरकार का दखल, न सरकार का दबाव। मैं आपको एक दिलचस्प उदाहरण देता हूं। बीते एक दशक में हमने करीब डेढ़ हज़ार ऐसे कानूनों को खत्म किया है, जो अपना महत्व खो चुके थे। डेढ़ हजार कानून खत्म करना बहुत बड़ी बात है। इनमें से बहुत सारे कानून अंग्रेज़ी शासन के दौरान बने थे। अब मैं कुछ, आपको आश्चर्य होगा सुनकर के, एक कानून था dramatic performance act, ये कानून अंग्रेजों ने डेढ़ सौ साल पहले बनाया था, तब अंग्रेज चाहते थे कि ड्रामे और थियेटर का उपयोग तबकी सरकार के खिलाफ ना हो। इस कानून में प्रावधान था कि अगर पब्लिक प्लेस में 10 लोग डांस करते मिल जाएं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था। और ये कानून देश आजाद होने के बाद 75 साल तक चलता रहा है। यानी, शादी के दौरान बारात भी निकले, और 10 लोग डांस कर रहे हों, तो दूल्हा सहित पुलिस उनको अरेस्ट कर सकती थी। ये कानून आजादी के 70-75 साल बाद तक चलन में था। ये कानून हमारी सरकार ने हटाया। अब चलो भई 70 साल तक ये कानून हमने झेला, मुझे उस समय की सरकार, उन नेताओं से कुछ कहना नहीं है, यहां बैठे भी हैं, लेकिन मुझे ज्यादा तो ये लूटियन्स जमात पर आश्चर्य होता है, ये खान मार्किट गैंग पर आश्चर्य हो रहा है।  ये लोग 75 साल तक ऐसे कानून पर चुप क्यों थे। ये जो आए दिन कोर्ट जाते रहते हैं, PIL के ठेकेदार बने फिरते हैं, ये लोग क्यों चुप थे? तब उनको लिबर्टी ध्यान नहीं आती थी क्या?  अगर आज कोई सोचे, मोदी ऐसा कानून बनाता तो क्या होता? और ये जो ट्रॉलर होते हैं ना सोशल मीडिया में, वो भी अगर एक ऐसे झूठी खबर चला देते, कि मोदी ऐसा कानून बनाने वाला था, आग लगा देते यो लोग, मोदी के बाल नोच लेते।

साथियों,

ये हमारी सरकार है, जिसने गुलामी के कालखंड के इस कानून को खत्म किया। मैं एक और उदाहरण बैंबू का, बैंबू हमारे आदिवासी क्षेत्र में खासकर के ट्राइबल एरियाज की और खासकर के नॉर्थ ईस्ट की लाइफलाइन है। लेकिन पहले बांस कांटने पर भी आपको जेल भेज दिया जाता था, बांस काटने पर, अब कानून क्यों बना?  अब मुझे कोई भी मैं आपसे पूछूं भाई, मैं अगर आपको पूछूं, कि बांस ये वृक्ष है, ट्री है क्या? कोई मानेगा क्या यह ट्री है, कोई मानेगा यह वृक्ष है, आपको आश्चर्य होगा, आजादी के 70 साल के बाद भी मेरे देश की सरकार यह मानती थी, कि बांबू ये पेड़ है, वृक्ष है, और इसलिए वृक्ष काटने से जैसे मनाही थी, वैसी बांबू काटने से मनाही थी। हमारे देश में कानून था जो बांस को ट्री मानता था, और सारे ट्री के कानून इस पर लगते थे, इसको काटना मुश्किल था। हमारे पहले के शासकों को समझ ही नहीं आया, कि बांस पेड़ नहीं है। अंग्रेजों के अपने इंटरेस्ट हो सकते थे, लेकिन हमने क्यों नहीं किया। बांस से जुड़े दशकों पुराने कानून को भी हमारी ही सरकार ने बदला।

साथियों, 

आपको याद होगा, 10 साल पहले तक ITR भरना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए कितना मुश्किल था। आज कुछ ही पलों में आप ITR फाइल करते हैं और रिफंड भी कुछ ही दिनों में अकाउंट में सीधा जमा हो जाता है। अब तो इनकम टैक्स से जुड़े कानून को और आसान बनाने का process संसद में चल रहा है। हमने 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया, हां अब ताली बजी, आपको बंबू में ताली नहीं बजी, क्योंकि वो आदिवासियों का है। और इससे खासकर के जो मीडियाकर्मी हैं, आप जैसे सैलरीड क्लास को बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है। जो युवा अभी पहली, दूसरी नौकरी कर रहे हैं, उनकी Aspirations भी अलग होती है, उनके खर्चे भी अलग होते हैं।  वो अपनी Aspirations पूरी करें, उनकी Savings बढ़े, इसमें बजट ने बहुत मदद की है। हमारा मकसद यही है, देश के लोगों को Ease of Living दो, Ease of Doing Business दो, उड़ने के लिए खुला आसमान दो। आज देखिए, geospatial डेटा का फायदा कितने सारे स्टार्ट अप्स उठा रहे हैं। पहले अगर किसी को मैप बनाना होता था, तो सरकार की परमिशन लेनी पड़ती थी। हमने इसको बदला और आज हमारे स्टार्ट अप्स, प्राइवेट कंपनियां इस डेटा का बेहतरीन उपयोग कर रहेी है।

साथियों,

दुनिया को Zero का Concept देने वाला भारत आज Infinite Innovations की धरती बन रहा है। आज भारत सिर्फ इनोवेट ही नहीं कर रहा, बल्कि इन्डोवेट भी कर रहा है। और जब मैं इन्डोवेट कह रहा हूं तो इसका मतलब है- Innovating The Indian Way,  इन्डोवेशन से हम ऐसे Solutions बना रहे हैं,  जो Affordable हों Accessible हों, Adaptable हों। हमने इन solutions की गेट कीपिंग नहीं की है, बल्कि इन्हें पूरी दुनिया को ऑफ़र किया है। जब दुनिया एक Secure और cost-effective digital payment system चाहती थी, हमने UPI की व्यवस्था बनाई। मैं प्रोफेसर कार्लोस मोंटेस को सुन रहा था, वो UPI जैसी टेक्नॉलॉजी के पीपल फ्रेंडली स्वरूप से काफी प्रभावित दिखे। आज फ़्रांस, UAE, सिंगापुर जैसे देश UPI को अपने फ़ाइनेंशियल इकोसिस्टम में इंटीग्रेट कर रहे हैं। आज हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, India Stack से जुड़ने के लिए दुनिया के कई देश Agreements कर रहे हैं। Covid Pandemic में हमारी वैक्सीन ने दुनिया को भारत के Quality Healthcare Solutions का मॉडल दिखाया। हमने आरोग्य सेतु ऐप को भी Open Source किया, ताकि दुनिया को इसका लाभ मिले। भारत स्पेस की एक बड़ी पावर है, हम दूसरे देशों की space aspirations को अचीव करने में भी मदद कर रहे हैं। भारत, AI for Public Good पर भी काम कर रहा है और अपना Experience, अपनी expertise दुनिया के साथ भी शेयर कर रहा है।

साथियों, 

आई TV नेटवर्क ने आज बहुत सारी फेलोशिप्स शुरू की हैं। भारत का युवा, विकसित भारत का सबसे बड़ा लाभार्थी है और सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर भी है। इसलिए, भारत का युवा हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है। National Education Policy ने बच्चों को किताबों से आगे, कहीं और आगे बढ़कर सोचने का अवसर दिया है। मिडिल स्कूल से ही बच्चे Coding सीखकर AI और डेटा Science के फील्ड के लिए तैयार हो रहे हैं। अटल टिंकरिंग लैब्स बच्चों को Emerging Technologies का Hands on Experience दे रही हैं। इसलिए इस साल के बजट में हमने 50 हजार नई अटल टिंकरिंग लैब्स बनाने का ऐलान किया है।

साथियों, 

न्यूज की दुनिया में आप लोग अलग-अलग एजेंसियों का Subscription लेते हैं, इससे आप लोगों को बेहतर न्यूज कवरेज में मदद मिलती है। ऐसे ही, रिसर्च की फील्ड में Students को ज्यादा से ज्यादा Information Source की जरूरत होती है। इसके लिए पहले उन्हें महंगे दामों पर अलग-अलग जर्नल्स  Subscription लेने होते थे, खुद को पैसे खर्च करने पड़ते थे। हमारी सरकार ने सभी रिसर्चर्स को इस चिंता से भी मुक्त कर दिया है। हम One Nation One Subscription लाए हैं। इससे देश के हर रिसर्चर को दुनिया के जाने-माने जर्नल्स की फ्री एक्सेस मिलनी तय हुई है। इस पर सरकार 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रही है। हम ये Ensure कर रहे हैं कि हर स्टूडेंट् को अच्छी से अच्छी रिसर्च फैसिलिटीज मिलें। चाहे space exploration हो, biotech research हो या AI हो, हमारे बच्चे Future Leaders बनकर उभर रहे हैं। डॉक्टर ब्रायन ग्रीन ने IIT के स्टूडेंट्स से मुलाकात की है औऱ एस्ट्रोनॉट माइक मैसिमिनो, सेंट्रल स्कूल के स्टूडेंट्स से मिलने गए थे और जैसा उन्होंने बताया है, उनके एक्सपीरियंस वाकई शानदार रहे हैं। वो दिन दूर नहीं, जब भविष्य का कोई बहुत बड़ा Innovation भारत के किसी छोटे से स्कूल से निकलेगा।

साथियों, 

भारत का परचम हर वैश्विक मंच पर लहराए, यही हमारी आकांक्षा, यही हमारी दिशा है।

साथियों,

ये छोटा सोचने और छोटे कदम लेने का समय ही नहीं है। मुझे खुशी है, कि एक मीडिया संस्थान के रूप में आपने भी इस भावना को समझा है। आप देखिए, 10 साल पहले तक आप सोचते थे कि कैसे देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंचें, आपका मीडिया हाउस पहुंचे, आज आपने भी ग्लोबल होने का साहस जुटाया है। यही प्रेरणा, यही प्रण, आज हर नागरिक का, हर आंत्रप्रन्योर का होना चाहिए। मेरा तो सपना है, दुनिया के हर बाज़ार में, हर ड्राइंग रूम में, हर डाइनिंग टेबल पर कोई ना कोई भारतीय ब्रांड मौजूद हो। मेड इन इंडिया- दुनिया का मंत्र बने। कोई बीमार हो तो वो – हील इन इंडिया के बारे में पहले सोचे। किसी को शादी करनी हो- तो wed in India पर पहले विचार करे। किसी को घूमना-फिरना हो, तो वो लिस्ट में सबसे ऊपर भारत को रखे। कोई conference करना चाहे, exhibition लगाना चाहे, तो वो सबसे पहले भारत आए। कोई concert  कराना चाहे, तो वो सबसे पहले भारत को चुने। ये ताकत, ये Positive Attitude हमें खुद में पैदा करना है। इसमें आपके नेटवर्क की, आपके चैनल की बड़ी भूमिका होगी। संभावनाएँ अनंत हैं, अब हमें अपने साहस और संकल्प से इन्हें हकीकत में बदलना है।

साथियों, 

भारत अगले 25 वर्षों में विकसित भारत बनने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। आप भी एक मीडिया हाउस के रूप में खुद को वर्ल्ड स्टेज पर लेकर आएं, ऐसा संकल्प लेकर के आगे बढ़ें। मैं मानता हूं कि आप इसमें जरूर सफल होंगे। आई TV नेटवर्क की पूरी टीम को मैं फिर एक बार ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं और देश और दुनिया से जो participants आए हैं, मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं, उनके विचारों ने जरूर एक सकारात्मक सोच को बल दिया है, मैं इसके लिए भी, क्योंकि भारत का गौरव बढ़ता है तो हर भारतीय को आनंद होता है, गर्व होता है और इसके लिए मैं उन सबका भी बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। नमस्कारम।