भैया हरौ बोलो मतंगेश्वर भगवान की जै, बागेश्वर धाम की जै, जय जटाशंकर धाम की जै, अपुन ओंरण खाँ मोरी तरफ सें दोई हाँथ, जोर के राम-राम जू। कार्यक्रम में उपस्थित मध्य प्रदेश के गर्वनर श्री मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री भाई मोहन यादव जी, जगतगुरू पूज्य रामभद्राचार्य जी, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर श्री धीरेन्द शास्त्री जी, साध्वी ऋतंभरा जी, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, महंत श्री बालक योगेश्चरदास जी, इसी क्षेत्र के सांसद विष्णुदेव शर्मा जी, अन्य महानुभाव और प्यारे भाईयों और बहनों।
बहुत ही दिनों में मुझे दूसरी बार वीरों की इस धरती बुंदेलखंड आने का सौभाग्य मिला है। और इस बार तो बालाजी का बुलावा आया है। ये हनुमान जी की कृपा है, कि आस्था का ये केंद्र अब आरोग्य का केंद्र भी बनने जा रहा है। अभी मैंने यहां श्री बागेश्वर धाम मेडिकल साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट का भूमि पूजन किया है। ये संस्थान 10 एकड़ में बनेगा। पहले चरण में ही इसमे 100 बेड्स की सुविधा तैयार होगी। मैं इस पुनित कार्य के लिए श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी का अभिनंदन करता हूं और बुंदेलखंड के लोगों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।
साथियों,
आजकल हम देखते हैं कि नेताओं का एक वर्ग ऐसा है, जो धर्म का मखौल बनाता है, उपहास उड़ाता है, लोगों को तोड़ने में जुटा है और बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती दिखती है। हिन्दू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग सदियों से किसी न किसी भेष में रहते रहे हैं। गुलामी की मानसिकता से घिरे हुए लोग हमारे मत, मान्यताओं और मंदिरों पर हमारे संत, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते रहते हैं। ये लोग हमारे पर्व, परंपराओं और प्रथाओं को गाली देते हैं। जो धर्म, जो संस्कृति स्वभाव से ही प्रगतिशील है, उस पर ये कीचड उछालने की हिम्मत दिखाते हैं। हमारे समाज को बांटना, उसकी एकता को तोड़ना ही इनका एजंडा है। इस माहौल में मेरे छोटे भाई धीरेन्द्र शास्त्री जी काफी समय से देश में एकता के मंत्र को लेकर लोगों को जागरूक करते रह रहे हैं। अब उन्होंने समाज और मानवता के हित में एक और संकल्प लिया है, इस केंसर संस्थान के निर्माण की ठानी है, यानी अब यहां बागेश्चर धाम में भजन, भोजन और निरोगी जीवन तीनों को आशीर्वाद मिलेगा।
साथियों,
हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम ये एक ओर पूजन और साधना के केंद्र रहे हैं, तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चिंतन के भी, सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं। हमारे ऋषियों ने ही हमें आयुर्वेद का विज्ञान दिया, हमारे ऋषियों ने ही हमें योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है। हमारी तो मान्यता ही है – परहित सरिस धर्म नहीं भाई। अर्थात, दूसरों की सेवा, दूसरों की पीड़ा का निवारण ही धर्म है। इसलिए नर में नारायण, जीव में शिव, इस भाव से जीवमात्र की सेवा यही हमारी परंपरा रही है। आजकल हम देख रहे हैं महाकुंभ की हर तरफ चर्चा हो रही है, महाकुंभ अब पूर्णता की ओर है, अब तक करोड़ों लोग वहां पहुंच चुके हैं, करोड़ों लोगों ने आस्था की डूबकी लगाई है, संतों के दर्शन किए हैं। अगर इस महाकुंभ की तरफ नजर करें तो सहजभाव उठ जाता है, ये एकता का महाकुंभ है। आने वाली सदियों तक 144 वर्ष के बाद हुआ ये महाकुंभ, एकता के महाकुंभ के रूप से प्रेरणा देता रहेगा और देश की एकता को मजबूती देने का अमृत परोसता रहेगा। लोग सेवाभाव से लगे हुए हैं, जो भी कुंभ में गया है, एकता के दर्शन तो किए ही हैं, लेकिन जिन जिन से मेरा मिलना हुआ है, दो बातें महाकुंभ में गए हुए हर व्यक्ति के मुंह से हिन्दुस्तान के कोने-कोने में सुनाई देती है। एक – वे जी भरकर के स्वच्छता कर्मियों की, उनके गुणगान करते हैं। चौबीसों घंटे जिस सेवा भाव से इस एकता के महाकुंभ में स्वच्छता के कार्य को वो संभाल रहे हैं, मैं आज उन सभी स्वच्छता के साथियों को आदरपूर्वक नमन करता हूं। दूसरी एक विशेषता है, जो हमारे देश में बहुत कम सुनने को मिलती है और इस बार मैं देख रहा हूं एकता के इस महाकुंभ से आए हुए हर यात्री कह रहा है, कि इस बार एकता के महाकुंभ में पुलिसकर्मियों ने जो काम किया है, एक साधक की तरह, एक सेवावर्ती की तरह पूरी नम्रता के साथ देश के कोटि-कोटि जनों को संभालना, इस एकता के महाकुंभ में जिन पुलिसकर्मियों ने देश के लोगों का दिल जीत लिया है, वे भी बधाई के पात्र हैं।
लेकिन भाईयों-बहनों,
प्रयागराज के इसी महाकुंभ में, इसी सेवा भावना के साथ अनेक विविध समाज सेवा के प्रकल्प चल रहे हैं। जिसकी तरफ मीडिया का तो ध्यान जाना बड़ा मुश्किल है, लेकिन ज्यादा चर्चा भी नहीं हुई है, अगर मैं सभी इन सेवा प्रकल्पों की चर्चा करूं तो शायद मेरा अगला कार्यक्रम डिस्टर्ब हो जाएगा। लेकिन मैं एक का उल्लेख करना चाहता हूं, इस एकता के महाकुंभ में नेत्र का महाकुंभ चल रहा है। इस नेत्र महाकुंभ में देश के कोने कोने से आए हुए यात्री, गरीब परिवारों से आए हुए लोग, उनकी आंखों की जांच होती है, मुफ्त में होती है। नेत्र चिकित्सक देश के गणमान्य डॉक्टर दो महीने से वहां बैठे हुए है, और इस नेत्र महाकुंभ में अब तक दो लाख से ज्यादा मेरे भाई बहनों की आँखों की जांच हो चुकी है। करीब डेढ़ लाख लोगों को निःशुल्क दवा और चश्मे दिये गए हैं, और कुछ लोग ऐसे पाए गए जिनको मोतियाबिंद के ऑपरेशन की जरूरत थी, तो इस नेत्र महाकुंभ से चित्रकूट और अगल बगल के स्थानों पर जहां पर अच्छी नेत्र चिकित्सा के अस्पतालें थी, करीब 16000 मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए उन अस्पतालों में भेज करके, एक भी पैसा खर्च बिना उन सबके मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए हैं। ऐसे कितने ही अनुष्ठान इस एकता के महाकुंभ में चल रहे हैं।
भाईयों-बहनों,
यह सब कौन कर रहा है? हमारे साधु-संतों के मार्गदर्शन में हजारों डॉक्टर्स, हजारों स्वयंसेवक स्वतःस्फूर्त भाव से, समर्पित भाव से, सेवा भाव से इसमें लगे हुए हैं। जो लोग एकता के इस महाकुंभ में जा रहे हैं, वो इन प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।
भाइयों-बहनों,
ऐसे ही, भारत में कितने ही बड़े-बड़े अस्पताल भी हमारी धार्मिक संस्थाओं द्वारा चलाये जा रहे हैं। धार्मिक ट्रस्ट्स के द्वारा हेल्थ और साइन्स से जुड़े कितने ही रिसर्च इंस्टीट्यूट्स चलाये जा रहे हैं। करोड़ों गरीबों का इलाज और सेवा इन संस्थानों में होती है। मेरी दीदी मां यहां बैठी है। अनाथ बालिकाओं के लिए जिस प्रकार से समर्पण भाव से वो सेवा करती है। अपना जीवन बेटियों के लिए उन्होंने समर्पित कर दिया।
साथियों,
यहीं पास में हमारे बुंदेलखंड का चित्रकूट, प्रभु राम से जुड़ा ये पवित्र तीर्थ खुद दिव्यांगों और मरीजों की सेवा का कितना बड़ा केंद्र है। मुझे खुशी है, इस गौरवशाली परंपरा में बागेश्वर धाम के रूप में एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अब बागेश्वर धाम में आरोग्य का आशीर्वाद भी मिलेगा। मुझे बताया गया है, यहां दो दिन बाद महाशिवरात्रि के दिन 251 बेटियों के सामूहिक विवाह महोत्सव का भी आयोजन होगा। मैं इस पुण्य कार्य के लिए भी बागेश्वर धाम की सराहना करता हूं। मैं सभी नव-विवाहित दम्पतियों को, मेरी बेटियों को सुंदर और सुखी जीवन के लिए अग्रिम बधाई देता हूँ, हृदय से आशीर्वाद देता हूँ।
साथियों,
हमारे शास्त्रों में कहा गया है- शरीर-माद्यं खलु धर्म-साधनम्। अर्थात्, हमारा शरीर, हमारा स्वास्थ्य ही हमारे धर्म, हमारे सुख और हमारी सफलता का सबसे बड़ा साधन है। इसीलिए, जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को सरकार का संकल्प बनाया। और, ‘सबका साथ, सबका विकास’ के इस संकल्प का भी एक बड़ा आधार है- सबका इलाज, सबको आरोग्य! इस विज़न को पूरा करने के लिए हम अलग-अलग स्तर पर फोकस कर रहे हैं। हमारा फोकस है- बीमारी से बचाव पर, आप मुझे बताइए, यहां स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट, शौचालय हर गांव में बने हैं की नहीं बने हैं? इससे आपकी मदद हुई की नहीं हुई? आपको पता है शौचालय बनने से एक और फायदा हुआ है। शौचालय बने हैं तो गंदगी से होने वाली बीमारियां भी कम हुई हैं। एक स्टडी कहती है, जिन घरों में शौचालय बने हैं, वहां हजारों रुपए बीमारी पर खर्च होने से बचे हैं।
साथियों,
2014 में हमारी सरकार आने से पहले हालात ये थी कि, देश में गरीब जितना बीमारी से नहीं डरता था, उससे ज्यादा डर उसे इलाज के खर्च से लगता था। अगर परिवार में कोई एक व्यक्ति भी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाये, तो पूरा परिवार संकट में आ जाता था। मैं भी आप सबकी तरह गरीब परिवार से निकला हूँ। मैंने भी इन तकलीफ़ों को देखा है। और इसीलिए, मैंने संकल्प लिया है- मैं इलाज का खर्च कम करूंगा, और आपकी जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाऊंगा। मैं आपको बार-बार हमारी सरकार की कुछ योजना कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देता रहता हूं, ताकि एक भी जरूरतमंद योजनाओं से छूटे नहीं, इसलिए, मैं कई जरूरी बातें आज फिर यहां दोहरा रहा हूं और मैं आशा करता हूं, आप इसे याद भी रखेंगे और अपने परिचितों को जरा बतांएगे भी। बताएंगे ना, पक्का बताएंगे, ये भी सेवा का ही काम है। इलाज के खर्च का बोझ कम होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? इसलिए मैंने हर गरीब के मुफ्त इलाज की व्यवस्था कर दी है। 5 लाख तक का इलाज बिना किसी खर्च के! किसी बेटे को अपने मां-बाप के इलाज के लिए ₹500000 तक खर्च नहीं करना पड़ेगा। यह दिल्ली में आपका जो बेटा बैठा है ना वह काम वो करेगा। लेकिन इसके लिए आपको आयुष्मान कार्ड बनवाना है। मुझे आशा है कि यहां बहुत सारे लोग होंगे, जिनका आयुष्मान कार्ड जरूर बना होगा, जिनका नहीं बना है वो भी जल्दी से जल्दी इसे बनवा लें और मैं मुख्यमंत्री जी को भी कहूंगा, कि इस काम को इस क्षेत्र में अगर कोई छूट गए हो तो तेजी से इसको आगे बढ़ाया जाए।
साथियों,
एक और बात आपको याद रखनी है। अब गरीब, अमीर, मध्यम वर्ग, कोई भी परिवार हो, परिवार में 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों के लिए भी मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बन रहे हैं। ये कार्ड भी ऑनलाइन ही बन जाएंगे। इसके लिए कहीं किसी को कोई पैसा देना नहीं है। और अगर कोई पैसे मांगता है, तो सीधे मुझे चिट्ठी लिखना है, बाकि काम मैं कर लूंगा। अगर कोई पैसा मांगता है तो क्या करेंगे आप? लिखेंगे। मैं इन संत महात्माओं को भी कहता हूं कि आप भी जरा आयुष्मान कार्ड का प्रबंध कर दीजिए, ताकि आपको कभी बीमारी में मुझे सेवा करने का मौका मिले। आपको तो बीमारी आने वाली नहीं है, लेकिन अगर कहीं आ जाए तो।
भाइयों बहनों,
कई बार इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है। डॉक्टर की लिखी दवाई घर पर ही खानी पड़ती है। ऐसे में मेडिकल स्टोर से सस्ती दवाई मिले, मैंने इसका भी इंतजाम किया है। इस खर्च को कम करने के लिए देश में 14000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं और ये जन औषधि केंद्र ऐसे हैं,कि जो दवाई बाजार में ₹100 में मिलती है, जन औषधी केंद्र में वही दवाई सिर्फ ₹ 15-20, 25 में मिल जाती है। अब आपका पैसा बचेगा कि नहीं बचेगा? तो आपको जन औषधि केंद्र से दवाई ले लीजिए कि नहीं लेनी चाहिए? दूसरी एक बात मैं करना चाहता हूं, आजकल बहुत बार खबरें आती हैं, गांव-गांव किडनी की भी बीमारी काफी फैल रही है। अब किडनी की बीमारी जब बढ़ जाती है, तो लगातार डायलिसिस करानी पड़ती है, नियमित रूप से करानी पड़ती है, दूर दूर जाना पड़ता है, खर्चा बहुत लगता है। आपकी यह मुसीबत कम हो इसलिए हमने देश के 700 से ज्यादा जिलों में डेढ़ हजार से ज्यादा डायलिसिस सेंटर खोलें हैं। यहां मुफ्त डायलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध है। सरकार की इन सब योजनाओं की जानकारी आपको भी होनी चाहिए और आपको अपने परिचितों में भी सब को बताना चाहिए। तो मेरा इतना काम करोगे? जरा सब हाथ ऊपर करके बताइए करोगे? आपको पुण्य मिलेगा, यह सेवा का काम है।
साथियों,
बागेश्वर धाम में कैंसर मरीजों के लिए इतना बड़ा अस्पताल खुलने जा रहा है। क्योंकि कैंसर अब हर जगह बड़ी परेशानी बन रहा है, इसलिए आज सरकार समाज, संत, सब कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
भाइयों-बहनों,
मुझे पता है, गांव में अगर किसी को कैंसर हो जाए, तो उससे लड़ना कितना मुश्किल होता है। पहले तो बहुत दिनों तक पता ही नहीं चलता कि कैंसर हुआ है। बुखार और दर्द की घरेलू दवाएं आमतौर पर लोग लेते रहते हैं और कुछ लोग तो पूजा जाप में चले जाते हैं, किसी के तांत्रिकों के हाथ में फस जाते हैं, जब तकलीफ बहुत बढ़ जाती है या गांठ दिखने लगती है, तब जाकर बाहर दिखाते हैं, तब पता चलता है कि कैंसर हुआ है। और कैंसर का नाम सुनते ही पूरे घर में मातम छा जाता है, सब कोई घबरा जाता है, सारे सपने चूर-चूर हो जाते हैं और ये भी समझ नहीं आता कि कहां जाना है, कहां इलाज कराना है। ज्यादातर लोगों को दिल्ली मुंबई का ही पता होता है। इसलिए हमारी सरकार इन सब तकलीफों के समाधान में लगी है। इस साल जो बजट आया है, उसमें भी कैंसर से लड़ने के लिए कई सारी घोषणाएं की गई है और मोदी ने तय किया है कि कैंसर की दवाओं को और सस्ता किया जाएगा। अगले 3 साल में देश के हर जिले में कैंसर डे केयर सेंटर खोले जाएंगे। डे केयर सेंटर में जांच भी होगी और आराम करने की सुविधा भी होगी। आपके पड़ोस में ही जो जिला अस्पताल है, चिकित्सा केंद्र हैं, वहां कैंसर क्लीनिक भी खोले जा रहे हैं।
लेकिन भाइयों-बहनों,
आपको मेरी एक बात अच्छी लगे या बुरी लगे, लेकिन इसको कुछ करना ही पड़ेगा, याद रखना और जीवन में लागू करना, कैंसर से सुरक्षा के लिए आपको भी सावधान और जागरूक होना पड़ेगा। सबसे पहली सावधानी यह है, कि समय से कैंसर की पड़ताल, क्योंकि एक बार कैंसर फैल गया तो उसे हराना उतना ही मुश्किल हो जाता है। इसलिए हम 30 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों की जांच के लिए एक अभियान चला रहे हैं। आप सब को इस अभियान का फायदा उठाना चाहिए, हिस्सा बनना चाहिए। लापरवाही नहीं करनी है। थोड़ी सी भी शंका हो कैंसर की तुरंत जांच करवानी है। एक और बात कैंसर को लेकर सही जानकारी भी बहुत जरूरी है। यह कैंसर किसी को छूने से नहीं होता है, यह छुआछूत की बीमारी नहीं है, यह छूने से नहीं फैलती है, कैंसर का खतरा बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तंबाकू और मसाले से बढ़ता है, कि माताएं बहने ज्यादा खुश हो रही है मेरी बात सुनकर। इसलिए कैंसर फैलाने वाले इस सब नशे से आपको तो दूर रहना ही है, औरों को भी उससे दूर रखना है। अपने शरीर और स्वास्थ्य का ख्याल रखना है। और मैं आशा करता हूं। अगर हम सावधानी रखेंगे। तो बागेश्वर धाम के कैंसर अस्पताल अस्पताल पर बोझ नहीं बनेंगे। यहां आने की जरूरत नहीं पड़ेगी, तो सावधानियां रखोगे ना? लापरवाही तो नहीं करोगे ना?
साथियों,
मोदी आपका सेवक बनकर आपकी सेवा में जुटा है। मैं पिछली बार जब छतरपुर आया था तो यहां मैंने हजारों करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था और अभी मुख्यमंत्री जी ने इसका वर्णन भी किया। आपको ध्यान होगा, इनमें 45000 करोड रुपए की केन बेतवा लिंक परियोजना की थी। यह परियोजना कितने दशकों से लटकी हुई थी, कितनी सरकारें आई चली गई, हर पार्टी के नेता भी बुंदेलखंड आते थे। लेकिन यहां पानी की किल्ल्त बढ़ती ही चली गई। आप मुझे बताईये, पिछली किसी सरकार ने अपना वादा पूरा किया क्या? यह काम भी तब शुरू हुआ जब आप ने मोदी को आशीर्वाद दिया। पीने का पानी और उसका संकट दूर करने के लिए भी तेजी से काम हो रहा है। जल जीवन मिशन यानी हर घर जल परियोजना के तहत बुंदेलखंड के गांव-गांव में पाइप से पानी पहुंचाया जा रहा है। गांव में पानी पहुंचे हमारे किसान भाई बहनों की तकलीफ दूर हो, उनकी आए बढ़े, हम इसके लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।
भाइयों-बहनों,
बुंदेलखंड समृद्ध बने, इसके लिए जरूरी है कि हमारी माताएं बहनें भी उतनी ही सशक्त बने, इसके लिए हमने लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी योजनाएं शुरू की है। हम 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे है। बहनों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। बुंदेलखंड में सिंचाई का पानी पहुंचेगा, बहनें ड्रोन से फसलों पर छिड़काव करेगी, खेती में मदद करेगी, तो हमारा बुंदेलखंड समृद्धि के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
भाइयों-बहनों,
गांव में ड्रोन तकनीक से एक और बड़ा जरूरी काम हो रहा है। स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन से जमीन की पैमाइश करा के उसके पुख्ता कागज दिए जा रहे हैं। यहां एमपी में तो इसे लेकर बहुत अच्छा काम हुआ है। अब इन कागजों पर लोग बैंक से आसानी से लोन भी ले रहे हैं, यह लोन रोजगार धंधे में काम आ रहा है, लोगों की आय बढ़ रही है।
साथियों,
बुंदेलखंड की इस महान धरती को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए डबल इंजन की सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। मैं बागेश्वर धाम में कामना करता हूं। बुंदेलखंड समृद्धि और विकास की राह पर इसी तरह आगे बढ़ता रहे, और आज मैं हनुमान दादा के चरणों में आया तो मुझे लगा क्या यह धीरेंद्र शास्त्री अकेले ही पर्ची निकालेंगे, कि मैं निकाल पाऊंगा? तो मैंने देखा कि आज हनुमान दादा की मुझ पर कृपा होती है कि नहीं होती है। तो हनुमान दादा जी ने मुझे आशीर्वाद दिया और मैंने आज पहली पर्ची निकाली, उनकी माता जी की पर्ची निकाली और जिसकी बात शास्त्री जी ने बता दी आपको।
खैर साथियों,
यह बहुत बड़ा अवसर है, बहुत बड़ा काम है। संकल्प बड़ा हो, संतों के आशीर्वाद हो, प्रभु की कृपा हो तो समय सीमा में सब पूर्ण होता है और आपने कहा है, कि इसके उद्घाटन के लिए मैं आऊं, दूसरा कहा है कि उनकी बारात में मैं आऊं। मैं आज सार्वजनिक रूप से वादा करता हूं, दोनों काम कर दूंगा। आप सभी को एक बार फिर मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद, हर-हर महादेव।
मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखकर अत्यंत हर्षित हूं। https://t.co/3BvyyvlkgH
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम... ये एक ओर पूजन और साधन के केंद्र रहे हैं तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2025
हमारे ऋषियों ने ही हमें आयुर्वेद का विज्ञान दिया।
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2025
हमारे ऋषियों ने ही हमें योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है: PM @narendramodi
जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को सरकार का संकल्प बनाया।
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2025
और, ‘सबका साथ, सबका विकास’ के इस संकल्प का भी एक बड़ा आधार है- सबका इलाज, सबको आरोग्य: PM
यह देखकर बहुत संतोष होता है कि बागेश्वर धाम में अध्यात्म और आरोग्य के संगम से लोगों का कल्याण हो रहा है। pic.twitter.com/0dn8jg8nAe
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
हिन्दू आस्था से नफरत करने वाले और गुलामी की मानसिकता से घिरे लोगों का एक ही एजेंडा है- हमारे समाज को बांटना और उसकी एकता को तोड़ना। pic.twitter.com/9kmdta4SR3
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
एकता के महाकुंभ में स्वच्छता, सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर पूरे सेवा भाव के साथ जो कार्य हो रहे हैं, उसने देशवासियों का दिल जीत लिया है। pic.twitter.com/7LJFz2tOev
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प का एक बड़ा आधार है- सबका इलाज, सबको आरोग्य! pic.twitter.com/qrjqvggidI
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
देश में गरीब जितना बीमारी से नहीं डरता था, उससे ज्यादा डर उसे इलाज के खर्च से लगता था। इसीलिए, मैंने संकल्प लिया कि… pic.twitter.com/FPWArzM4mP
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
ये अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि बागेश्वर धाम में कैंसर मरीजों के लिए एक बड़ा अस्पताल खुलने जा रहा है। लेकिन कैंसर से सुरक्षा को लेकर आपको मेरी ये बात जरूर याद रखनी है… pic.twitter.com/posYPijHem
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
बुंदेलखंड समृद्ध बने और यहां के किसानों और माताओं-बहनों का जीवन आसान हो, इसके लिए मोदी आपका सेवक बनकर दिन-रात सेवा में जुटा है। pic.twitter.com/krmiCY6RoO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025
बागेश्वर धाम में बाला जी सरकार के दर्शन-पूजन का सौभाग्य मिला। उनसे देशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की। pic.twitter.com/atbEulAjj6
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2025