आदरणीय स्पीकर महोदया सुमित्रा जी, मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्री अनंत कुमार जी, श्रीमान हरदीप सिंह पुरी जी, हाऊस कमेटी के chair Person श्रीमान सुरेश अंगड़ी जी, उपस्थित सभी आदरणीय सांसदगण, ताई जी ने अभी बताया कि इतने छोटे से कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री जी का समय लेना। मैं समझता हूं ये कार्यक्रम छोटा नहीं है। छोटा इसलिए नहीं है क्योंकि आपने बड़ी लगन के साथ इस कार्य को पूरा करने के लिए मेहनत की है। जब टीवी पर लोग देखते हैं Parliament का दृश्य तो उनको ये दिखाई देता होगा कि स्पीकर महोदया सभी MPs को डांट रही हैं, स्पीकर महोदया सभी MPs को बिठा रहीं हैं। कभी लोगों को लगता होगा कि स्पीकर महोदया को जितना परेशान करते हैं ये लोग एक ज्येष्ठ श्रेष्ठ मां स्वरूप मंच पर सुमित्रा जी बैठी हैं और नीचे ये पांच सौ लोग उनको परेशान कर रहे हैं तो ये दृश्य देश देखता होगा। लेकिन देश आज ये भी दृश्य देखेगा कि एक मां का स्वभाव कैसा होता है और MP यहां आते हैं तो उनको क्या-क्या कठिनाई होती है, उनकी क्या चिंता करनी होती है और उस मां के स्वभाव का परिणाम है कि ये इमारत का निर्माण हुआ है और MPs के guest के लिए और MPs जो नए आते हैं उनके लिए एक आवश्यक उचित व्यवस्था आपके भीतर के उस मातृ रूप के कारण संभव हुई है। और इसके लिए मैं आपको ह्दय से बधाई देता हूं। और लोगों को लगेगा कि स्पीकर महोदया सिर्फ हाऊस में discipline के लिए आगे रहीं हैं ऐसा नहीं है वो मां की ममता के द्वारा सभी MPs का ख्याल भी रखती हैं उनकी चिंता भी करती हैं। तो ये सबसे बड़ा इस कार्यक्रम का महत्व है और ऐसे कार्यक्रम में आना ही एक बहुत बड़ा सौभाग्य होता है और इसलिए मेरे लिए मेरे सभी दोनों सदन के सभी सांसद क्योंकि मेरी भी जिम्मेवारी है उस परिवार के मुखिया के नाते और आपने ये व्यवस्था खड़ी की हमारे इस सांसद परिवार के लिए। मैं इसके लिए भी आपका आभारी हूं।
आमतौर पर एक छवि रहती हैं कि भई सरकारी डिपार्टमेंट के काम ऐसे ही होते हैं छोड़ो कोई बाहर का contractor होगा तो अच्छा होगा लेकिन ये देखने के बाद पता चलेगा कि government agency भी अगर एक बार मन में ठान लें तो कितना उत्तम काम कर सकती है, समय-सीमा में कर सकती है और बजट की मर्यादा में कर सकती है। ये तीनों चीजें हरदीप जी के डिर्पाटमेंट ने बहुत ही सुचारू ढंग से पूर्ण की है। इसलिए उस डिर्पाटमेंट के सभी अधिकारियों का, इसमें जिन्होंने मेहनत की है उन सबको भी मैं ह्दय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। एक उत्तम नजराना इस संसदीय जीवन व्यवस्था के साथ आज जुड़ रहा है और वो भी एक ऐतिहासिक जगह है। जिन लोगों ने इसका पढ़ा होगा। जो लोग 1926 के यहां आपको दस्तावेज मिलेगें। जब इस west court house में लाला लाजपत राय जी कभी रहते थे। मोतीलाल जी नेहरू यहां रहते थे। वैसी एक ऐतिहासिक विरासत वाली जगह है। और उस विरासत वाली जगह के साथ आप लोगों को भी जुड़ने का अवसर मिलेगा। ये अपने-आपमें मैं मानता हूं एक अच्छा सा काम इस व्यवस्था में हुआ है और जैसा ताई जी ने कहा कि जिसका शिलान्यास हम करते हैं उसका उद्घाटन भी हम हीं करते हैं। आपने देखा होगा कि आज उसको हम समय-सीमा से पहले, मैं मानता हूं 4-6 महीने पहले early project पूरा हुआ है और मिल रहा है| सबसे बड़ी आलोचना लगातार होती है जब MP नए आते हैं तो five star hotel में रहते हैं, इतना खर्चा होता है। हर बार ये box item बनता है। लेकिन जो चुनाव नहीं लड़े हैं या जिनको जनता ने वापिस नहीं भेजा है, वो मकान खाली नहीं करते हैं इसकी चर्चा आती नहीं है। और उसी का कारण है कि MPs को hotel में रहना पड़ता है। अब इसके पीछे खर्च भी बहुत होता है और एक बार तो मैंने एक पिछले ही सरकार के समय में किसी MP महोदया का तो इतना सारा अखबार में पढ़ा था। मालूम नहीं है सच-झूठ, बहुत बड़े, बोलने में बड़े माहिर से है वह सज्जन, वो लोगों को इतना करोड़ों का डील हो गया था। और खाली ही नहीं करते थे उनको वो सूट कर गया था। तो काफी आलोचना भी होती थी। और उसके कारण जो नए MPs आते थे उनके इलाके में उनको बड़ी परेशानी होती थी। क्योंकि नए-नए चुनकर के आते थे और क्षेत्र के लोग जब अखबार में पढ़ते थे तो उनके लिए बड़ी यानी एक प्रकार का बड़ा humiliation होता था।
आपने MPs की इतनी बड़ी सेवा की है कि जो नवनिर्वाचित MP आएगें उनको होटल में रहने के बजाय यहां रहने के कारण। ये जो आलोचना का शिकार होना पड़ता था। सरकारी खजाने पर जो उसका बर्डन लगता था। वो भी अब, उससे मुक्ति मिलेगी तो एक प्रकार से MP के सम्मान का, सुविधा का नहीं, सम्मान का भी काम इस व्यवस्था के तहत हुआ है और इसलिए मैं अभिनंदन देता हूं।
मैं हमारे दोनों साथी श्रीमान मेघवाल जी और श्रीमान सुरेश जी जैसा स्पीकर महोदया ने बताया कि इन दोनों ने लगन से काम किया, ये हमारे रूडी को भी इसमें बड़ी रूचि थी तो वो भी कभी-कभी आकर के मेरे से इसकी डिजाइन की चर्चा करता रहता था। कि ऐसा बनाएं, वैसा बनाएं, अब मुझे लगता था कि चलो MPs के लिए बनता था तो मैं भी दिमाग खपाता था। ज्यादा मुझे वो architecture वगैरह का knowledge नहीं है। लेकिन रूडी का बड़ा उत्साह रहता था। तो ऐसी चीजें लेकर के वो आया करते थे। लेकिन आज इसको साकार देखकर के हर किसी को खुशी होना बहुत स्वाभाविक है।
आपको मालूम होगा कि डाक्टर बाबा साहब अंबेडकर, उनकी स्मृति में यहां दिल्ली में दो स्थान ऐसे थे कि जिसका निर्माण करने के लिए अटल जी के समय सोचा गया था लेकिन सरकारें चली तो ऐसी चली और बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर राजनीति करने के लिए हर कोई दौड़ पड़ता है। लेकिन वो काम अटल जी की सरकार ने निर्णय किया था नहीं। हमनें आकर के समय-सीमा में काम पूरा कर दिया। दूसरा काम भी जब मैंने शिलान्यास किया था तब मैंने कहा था कि 2018 अप्रैल में इसका लोकार्पण करूंगा। और मैं आज मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि 13 अप्रैल को 14 अप्रैल बाबा साहब अंबडेकर की जंयती है। 13 अप्रैल को वो छवि, अलीपुर रोड वाला जो मकान है, जिसे हमनें तैयार कर लिया है। उसका भी लोकार्पण 13 को हम कर लेंगे। एक श्रद्धा होती है, एक आर्दश होता है और इसके लिए एक प्रतिबद्धता होती है। ये हम लोगों की रगों में है। जो हमने करके दिखाया है। बाबा साहब अंबेडकर को शायद किसी सरकार ने इतना मान-सम्मान और श्रद्धांजलि नहीं दी होगी जो इस सरकार ने दी है। और इसलिए बाबा साहब को राजनीति में घसीटने के बजाय बाबा साहब अंबेडकर ने हमें रास्ते दिखाए हैं। उस रास्ते पर चलने के लिए हम सब अगर प्रयास करेंगे जिसके अंदर बन्धुता इसका महात्मय है। उस बन्धुता को छोड़ करके हम कभी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। हमें हर किसी के कल्याण के लिए सबका साथ-सबका विकास इसी मंत्र को लेकर के हम चले हैं और हम समाज के आखिरी छोर पर बैठे हुए लोगों के हकों के लिए जीने-मरने वाले लोग हैं और हम जीवन-भर समाज के क्योंकि महात्मा गांधी ने हमे ये ही रास्ता दिखाया है। कि समाज का जो आखिरी छोर पर बैठा है उसकी सबसे पहले चिंता करनी चाहिए और सरकार की ये जिम्मेवारी होती है। और सरकार उस दायित्व को निभा रही है। मैं फिर एक बार इस पूरी टीम को ह्दय बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
Usually, work of the Speaker is seen in the context of her presiding over the House. However, what we are marking through this programme shows the compassionate nature of Speaker @S_MahajanLS Ji. She is always thinking about the wellbeing of the MPs: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2018
I congratulate Sumitra Ji for thinking about the welfare of MPs: PM @narendramodi at the inauguration of the new building of Western Court Annexe
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2018
When they are newly elected, MPs have to stay in hotels and this makes headlines. However, what we often miss is that previous occupants overstay beyond the designated time, which is incorrect: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2018
There are two places in Delhi, which are associated with Dr. Babasaheb Ambedkar, on whom the Vajpayee Government had made crucial decisions. It was our Government that got the opportunity to work on them and pay tributes to Dr. Ambedkar: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2018
We are walking on the path shown by Dr. Babasaheb Ambedkar. At the core of Dr. Ambedkar's ideals is harmony and togetherness. Working for the poorest of the poor is our mission: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2018