ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଆଜି ଭିଡିଓ କନଫରେନ୍ସ ଜରିଆରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କିଷାନ ସମ୍ମାନ ନିଧି (ପିଏମ-କିଷାନ)ର ପରବର୍ତ୍ତୀ କିସ୍ତି ଜାରି କରିଛନ୍ତି। ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ଅବସରରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମଧ୍ୟ ହିତାଧିକାରୀ ଚାଷୀଙ୍କ ସହିତ ଆଲୋଚନା କରିଥିଲେ। ଏହାଫଳରେ 9.75 କୋଟି ହିତାଧିକାରୀ ଚାଷୀ ପରିବାର ଆକାଉଣ୍ଟକୁ 19,500 କୋଟି ଟଙ୍କା ହସ୍ତାନ୍ତର କରାଯାଇଛି। ଏହା ହେଉଛି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କିଷାନ ସମ୍ମାନ ନିଧି (ପିଏମ-କିସାନ)ର ନବମ କିସ୍ତି। ପିଏମ-କିସାନ ଯୋଜନାର ଲାଭ ଓଡ଼ିଶାର 29 ଲକ୍ଷ 44 ହଜାର 984 ଜଣ ହିତାଧିକାରୀ ଚାଷୀ ପରିବାର ପାଇବେ। ଆଜି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ସେମାନଙ୍କ ବ୍ୟାଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟକୁ ସିଧାସଳଖ 588 କୋଟି 99 ଲକ୍ଷ 68 ହଜାର ଟଙ୍କା ହସ୍ତାନ୍ତର କରିଛନ୍ତି।
ସମାରୋହକୁ ସମ୍ବୋଧିତ କରି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ବିହନ ବୁଣା ଋତୁ ବିଷୟରେ ଆଲୋଚନା କରିଥିଲେ ଏବଂ ଆଜି ମିଳିଥିବା ଅର୍ଥ ଚାଷୀଙ୍କୁ ସହାୟକ ହେବ ବୋଲି ଆଶାବ୍ୟକ୍ତ କରିଥିଲେ। ସେ ମଧ୍ୟ 1 ଲକ୍ଷ କୋଟି ଟଙ୍କାର କର୍ପସ ସହିତ କିଷାନ ଭିତ୍ତିଭୂମି ପାଣ୍ଠି ଯୋଜନା ବିଷୟରେ ଉଲ୍ଲେଖ କରିଥିଲେ। ଆଜି ଏହି ଯୋଜନାକୁ ଏକ ବର୍ଷ ପୂର୍ତ୍ତି ହେଉଛି। ମିଶନ ହନି-ବି (ମହୁମାଛି ପାଳନ) ଏବଂ ନାଫେଡ କେନ୍ଦ୍ର ଜରିଆରେ ଜମ୍ମୁ ଓ କଶ୍ମୀରର କେଶର ବିକ୍ରି କରାଯିବା ଭଳି ଯୋଜନା ବିଷୟରେ ମଧ୍ୟ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଆଲୋଚନା କରିଥିଲେ। ମହୁ ମିଶନ ଜରିଆରେ ପାଖାପାଖି 700 କୋଟି ଟଙ୍କାରୁ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ବ ମୂଲ୍ୟର ମହୁ ରପ୍ତାନି କରାଯାଇଛି ଯାହାଫଳରେ ଚାଷୀଙ୍କ ପାଇଁ ଅତିରିକ୍ତ ଆୟର ସୁଯୋଗ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇପାରିଛି।
ଆଗାମୀ 75ତମ ସ୍ବାଧୀନତା ଦିବସ ବିଷୟରେ ଉଲ୍ଲେଖ କରି ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହା ଗର୍ବର ମୁହୂର୍ତ୍ତ ହେବା ସହିତ ନୂତନ ସଂକଳ୍ପ ନେବା ଲାଗି ଏକ ସମୟ ମଧ୍ୟ। ଆସନ୍ତା 25 ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଆପଣ ଭାରତକୁ କେଉଁ ସ୍ଥିତିରେ ଦେଖିବାକୁ ଚାହୁଁଛନ୍ତି ସେ ସମ୍ପର୍କରେ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେବାର ଆସିଥିବା ସୁଯୋଗ ଆମକୁ ଗ୍ରହଣ କରିବାକୁ ହେବ ବୋଲି ସେ କହିଥିଲେ। ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମତବ୍ୟକ୍ତ କରିଥିଲେ ଯେ 2047ରେ ଦେଶ ସ୍ବାଧୀନତାର 100 ବର୍ଷ ପୂରଣ କରିବା ଅବସରରେ ଭାରତର ସ୍ଥିତି ନିର୍ଦ୍ଧାରଣ କରିବା କ୍ଷେତ୍ରରେ ଆମର କୃଷି ଏବଂ କୃଷକମାନଙ୍କର ଏକ ପ୍ରମୁଖ ଭୂମିକା ରହିବ। ନୂତନ ଆହ୍ବାନର ମୁକାବିଲା କରିବା ଏବଂ ନୂତନ ସୁଯୋଗର ସୁବିଧା ନେବା ଲାଗି ଭାରତୀୟ କୃଷିକୁ ମାର୍ଗ ଦର୍ଶାଇବାର ଆବଶ୍ୟକତା ରହିଛି। ପରିବର୍ତ୍ତିତ ସମୟର ଆବଶ୍ୟକତା ଅନୁଯାୟୀ ଭାରତୀୟ କୃଷିରେ ପରିବର୍ତ୍ତନ ପାଇଁ ସେ ଆହ୍ବାନ କରିଥିଲେ। ମହାମାରୀ ସମୟରେ ରେକର୍ଡ ଉତ୍ପାଦନ ପାଇଁ ସେ ଚାଷୀମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶଂସା କରିଥିଲେ ଏବଂ ଏହି କଷ୍ଟକର ସମୟରେ ଚାଷୀଙ୍କ ସମସ୍ୟା ଦୂର କରିବା ଲାଗି ସରକାରଙ୍କ ପକ୍ଷରୁ ଗ୍ରହଣ କରାଯାଇଥିବା ପଦକ୍ଷେପ ବିଷୟରେ ଆଲୋକପାତ କରିଥିଲେ। ସରକାର ବିହନ, ସାର ଏବଂ ବଜାର ସୁବିଧାର ନିରନ୍ତର ଯୋଗାଣ ସୁନିଶ୍ଚିତ କରିଛନ୍ତି। ସାରା ଦେଶରେ ୟୁରିଆ ମିଳିପାରୁଛି ଏବଂ ଯେତେବେଳେ ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ବଜାରରେ ଡିଏପି ମୂଲ୍ୟ ବହୁଗୁଣରେ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଥିଲା, ସରକାର ତୁରନ୍ତ 12,000 କୋଟି ଟଙ୍କାର ବ୍ୟବସ୍ଥା କରିଥିଲେ ଯାହାଫଳରେ ଦରବୃଦ୍ଧିର ବୋଝ ଚାଷୀଙ୍କ ଉପରେ ପଡ଼ିବ ନାହିଁ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ, ଖରିଫ ହେଉ କିମ୍ବା ରବି ଋତୁ ସରକାର ଏମଏସପି ଦରରେ ଚାଷୀଙ୍କ ଠାରୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ସୁଦ୍ଧା ସର୍ବାଧିକ ପରିମାଣର ଫସଲ କ୍ରୟ କରିଛନ୍ତି। ଏଥିସହିତ ଧାନ ଚାଷୀଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟକୁ 1,70,000 କୋଟି ଟଙ୍କା ଏବଂ ଗହମ ଚାଷୀଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟକୁ 85,000 ହଜାର ଟଙ୍କା ସିଧାସଳଖ ହସ୍ତାନ୍ତର କରାଯାଇଛି।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ସ୍ମରଣ କରାଇ ଦେଇଥିଲେ ଯେ, କିଛି ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ ଦେଶରେ ଡାଲିର ଅଭାବ ଦେଖାଦେଇଥିଲା, ଏହି ସମୟରେ ଡାଲି ଉତ୍ପାଦନ ବୃଦ୍ଧି ନିମନ୍ତେ ସେ ଚାଷୀଙ୍କୁ ନିବେଦନ କରିଥିଲେ। ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହାର ଫଳସ୍ବରୂପ, ଦେଶରେ ଗତ 6 ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଡାଲି ଉତ୍ପାଦନ 50 ପ୍ରତିଶତ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଛି। ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଉଲ୍ଲେଖ କରିଥିଲେ ଯେ ଜାତୀୟ ଖାଇବା ତେଲ ଅଭିଯାନ-ଅଏଲ ପାମ୍ ବା ଏନଏମଇଓ-ଓପି ସହିତ ଦେଶ ଖାଇବା ତେଲ ଉତ୍ପାଦନ କ୍ଷେତ୍ରରେ ଆତ୍ମନିର୍ଭରଶୀଳ ହେବା ଲାଗି ସଂକଳ୍ପ ନେଇଛି। ଖାଇବା ତେଲ ଇକୋସିଷ୍ଟମରେ ଦେଶ 11,000 କୋଟି ଟଙ୍କାରୁ ଅଧିକ ନିବେଶ କରିବ।
ଆଜି, ଦେଶ ଭାରତ ଛାଡ଼ ଆନ୍ଦୋଳନର ସ୍ମୃତିଚାରଣ କରୁଛି, ଏହି ଐତିହାସିକ ଦିବସରେ ଏହି ସଂକଳ୍ପ ଆମ ଭିତରେ ଏକ ନୂତନ ଉତ୍ସାହ ଭରିଛି, ସେ କହିଥିଲେ। ସେ କହିଥିଲେ ଯେ, ଜାତୀୟ ଖାଇବା ତେଲ ଅଭିଯାନ-ଅଏଲ ପାମ୍ ମିଶନ ଜରିଆରେ ଖାଇବା ତେଲ ଇକୋସିଷ୍ଟମରେ 11,000 କୋଟି ଟଙ୍କାରୁ ଅଧିକ ନିବେଶ କରାଯିବ। ଗୁଣବତ୍ତାଯୁକ୍ତ ବିହନ ଠାରୁ ଆରମ୍ଭ କରି ଜ୍ଞାନକୌଶଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସରକାର ଚାଷୀଙ୍କୁ ସମସ୍ତ ପ୍ରକାର ସୁବିଧା ଯୋଗାଇ ଦେବେ। ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଆଜି ଆଲୋକପାତ କରି କହିଥିଲେ ଯେ, ପ୍ରଥମ ଥର ପାଇଁ ଭାରତ କୃଷିଜାତ ସାମଗ୍ରୀ ରପ୍ତାନି କ୍ଷେତ୍ରରେ ବିଶ୍ବର ଶୀର୍ଷ 10ଟି ରାଷ୍ଟ୍ର ମଧ୍ୟରେ ସାମିଲ ହୋଇପାରିଛି। କରୋନା କାଳରେ ଦେଶ କୃଷିଜାତ ସାମଗ୍ରୀ ରପ୍ତାନି କ୍ଷେତ୍ରରେ ନୂତନ ରେକର୍ଡ କରିପାରିଛି। ଆଜି, ଯେତେବେଳେ ଭାରତ ବଡ଼ କୃଷି ରପ୍ତାନିକାରୀ ରାଷ୍ଟ୍ର ଭାବେ ମାନ୍ୟତା ପାଇଛି, ଆମର ଖାଇବା ତେଲ ଆବଶ୍ୟକତା ପୂରଣ ପାଇଁ ଆମଦାନୀ ଉପରେ ନିର୍ଭରଶୀଳ ହେବା ଉଚିତ୍ ନୁହେଁ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମତବ୍ୟକ୍ତ କରି କହିଥିଲେ ଯେ କ୍ଷୁଦ୍ର ଚାଷୀମାନଙ୍କୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ଦେଶର କୃଷି ନୀତିରେ ସର୍ବାଧିକ ପ୍ରାଥମିକତା ଦିଆଯାଉଛି। ଏହି ଭାବନା ସହିତ, ବିଗତ କିଛି ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ, କ୍ଷୁଦ୍ର ଚାଷୀଙ୍କୁ ସୁବିଧା ଓ ସୁରକ୍ଷା ଦେବା ଲାଗି ଗମ୍ଭୀର ପ୍ରୟାସ କରାଯାଉଛି। ପିଏମ କିସାନ ସମ୍ମାନ ନିଧି ଅନ୍ତର୍ଗତ ବର୍ତ୍ତମାନସୁଦ୍ଧା ଚାଷୀମାନଙ୍କୁ 1 ଲକ୍ଷ 60 ହଜାର କୋଟି ଟଙ୍କା ଯୋଗାଇ ଦିଆଯାଇସାରିଛି। ଏଥିମଧ୍ୟରୁ 1 ଲକ୍ଷ କୋଟି ଟଙ୍କା ମହାମାରୀ ସମୟରେ କ୍ଷୁଦ୍ର ଚାଷୀଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟକୁ ହସ୍ତାନ୍ତର କରାଯାଇଛି। କରୋନା ସମୟରେ 2 କୋଟିରୁ ଅଧିକ କିଷାନ କ୍ରେଡିଟ୍ କାର୍ଡ ଚାଷୀଙ୍କୁ ଦିଆଯାଇଛି, ଏମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଅଧିକାଂଶ କ୍ଷୁଦ୍ର ଚାଷୀ। ଦେଶରେ ଆଗାମୀ ଦିନରେ ବିକଶିତ ହେବାକୁ ଥିବା କୃଷି ଭିତ୍ତିଭୂମି ଓ ଯୋଗାଯୋଗ ଭିତ୍ତିଭୂମି ଦ୍ବାରା ଏପରି ଚାଷୀ ଲାଭବାନ ହେବେ। ଫୁଡ ପାର୍କ, କିଷାନ ରେଲ ଏବଂ ଭିତ୍ତିଭୂମି ପାଣ୍ଠି ମଧ୍ୟ କ୍ଷୁଦ୍ର ଚାଷୀଙ୍କୁ ସହାୟକ ହେବ। ବିଗତ କିଛି ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଭିତ୍ତିଭୂମି ପାଣ୍ଠି ଅଧୀନରେ 6 ହଜାରରୁ ଅଧିକ ପ୍ରକଳ୍ପକୁ ଅନୁମୋଦନ କରାଯାଇଛି। ଏହି ପଦକ୍ଷେପଗୁଡ଼ିକ କ୍ଷୁଦ୍ର ଚାଷୀଙ୍କୁ ବଜାର ସୁବିଧା ଦେଇଛି ଏବଂ ଏଫପିଓ ଜରିଆରେ ସେମାନଙ୍କର ମୂଲଚାଲ କ୍ଷମତା ବଢ଼ାଇଛି ବୋଲି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ।
अब से कुछ दिन बाद ही 15 अगस्त आने वाला है।
इस बार देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
ये महत्वपूर्ण पड़ाव हमारे लिए गौरव का तो है ही, ये नए संकल्पों, नए लक्ष्यों का भी अवसर है।
इस अवसर पर हमें तय करना है कि आने वाले 25 वर्षों में हम भारत को कहां देखना चाहते हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो मैंने देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था।
मेरे उस आग्रह को देश के किसानों ने स्वीकार किया।
परिणाम ये हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम यानि NMEO-OP का संकल्प लिया गया है।
आज जब देश भारत छोड़ो आंदोलन को याद कर रहा है, तो इस ऐतिहासिक दिन ये संकल्प हमें नई ऊर्जा से भर देता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा है। कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
आज जब भारत की पहचान एक बड़े कृषि निर्यातक देश की बन रही है तब हम खाद्य तेल की अपनी ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहें, ये उचित नहीं है: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
*******
P.S.
9th instalment of #PMKisan is being released. Watch. https://t.co/adKzarnNaa
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
अब से कुछ दिन बाद ही 15 अगस्त आने वाला है।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
इस बार देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
ये महत्वपूर्ण पड़ाव हमारे लिए गौरव का तो है ही, ये नए संकल्पों, नए लक्ष्यों का भी अवसर है।
इस अवसर पर हमें तय करना है कि आने वाले 25 वर्षों में हम भारत को कहां देखना चाहते हैं: PM
देश जब आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, 2047 में तब भारत की स्थिति क्या होगी, ये तय करने में हमारी खेती, हमारे किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
ये समय भारत की कृषि को एक ऐसी दिशा देने का है, जो नई चुनौतियों का सामना कर सके और नए अवसरों का लाभ उठा सके: PM @narendramodi
सरकार ने खरीफ हो या रबी सीज़न, किसानों से MSP पर अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
इससे, धान किसानों के खाते में लगभग 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपए और गेहूं किसानों के खाते में लगभग 85 हज़ार करोड़ रुपए डायरेक्ट पहुंचे हैं: PM @narendramodi
कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो मैंने देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
मेरे उस आग्रह को देश के किसानों ने स्वीकार किया।
परिणाम ये हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है: PM @narendramodi
खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम यानि NMEO-OP का संकल्प लिया गया है।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
आज जब देश भारत छोड़ो आंदोलन को याद कर रहा है, तो इस ऐतिहासिक दिन ये संकल्प हमें नई ऊर्जा से भर देता है: PM @narendramodi
इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उत्तम बीज से लेकर टेक्नॉलॉजी, हर सुविधा मिले: PM @narendramodi
आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा है। कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
आज जब भारत की पहचान एक बड़े कृषि निर्यातक देश की बन रही है तब हम खाद्य तेल की अपनी ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहें, ये उचित नहीं है: PM
अब देश की कृषि नीतियों में इन छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
इसी भावना के साथ बीते सालों में छोटे किसानों को सुविधा और सुरक्षा देने का एक गंभीर प्रयास किया जा रहा है।
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 1 लाख 60 करोड़ रुपए किसानों को दिए गए हैं: PM
देश जब 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब भारत की स्थिति क्या होगी, यह तय करने में हमारी खेती, हमारे किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
यह समय भारत की कृषि को एक ऐसी दिशा देने का है, जो नई चुनौतियों का सामना कर सके और नए अवसरों का लाभ उठा सके। #PMKisan pic.twitter.com/Fafc8rMpg5
खरीफ हो या रबी सीजन, सरकार ने किसानों से MSP पर अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
किसान और सरकार की इसी साझेदारी के कारण आज भारत के अन्न भंडार भरे हुए हैं। #PMKisan pic.twitter.com/YtN2pOQNjA
आज जब भारत की पहचान एक बड़े कृषि निर्यातक की बन रही है, तब हम खाद्य तेल के लिए आयात पर निर्भर रहें, यह उचित नहीं है। इस स्थिति को अब बदलना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
भारत में ऑयल-पाम की खेती की काफी संभावनाएं हैं। विशेष रूप से नॉर्थ ईस्ट और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में इसे बहुत बढ़ाया जा सकता है। pic.twitter.com/dZcirP4SGf
आने वाले 25 साल में देश की कृषि को समृद्ध करने में छोटे किसानों की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है। इसलिए, देश की कृषि नीतियों में इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। #PMKisan pic.twitter.com/zHor4Ocpxb
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
गोवा की प्रतिभा वेलिपी जी से बात कर पता चला कि पीएम किसान सम्मान निधि किसान भाइयों और बहनों के कितने काम आ रही है। वे खेती में जिस प्रकार प्रयोग करके अलग-अलग फसल उगाती हैं, वो एक मिसाल है। pic.twitter.com/19pYzBJXpi
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
महाराष्ट्र के देवेंद्र जपदेकर जी ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद भी कृषि के क्षेत्र को चुना और आज वे एक सफल आम उत्पादक हैं। उन्होंने सरकारी योजना के तहत मिले लोन से जुड़ा जो अनुभव बताया, वो अन्य किसानों को भी प्रेरित करने वाला है। pic.twitter.com/3RFvHZBU7d
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
उत्तर प्रदेश के कासगंज के श्यामाचरण उपाध्याय जी ने जिस प्रकार एफपीओ बनाकर किसानों को जोड़ा और सरकारी सुविधाएं लेकर उनकी आय बढ़ाने का काम किया, वो देश के किसानों को एक नई राह दिखाने वाला है। pic.twitter.com/PqoPTznqwO
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
जम्मू कश्मीर के केसर उत्पादक किसान अब्दुल मजीद वानी जी ने बताया कि किस प्रकार सरकार की कृषि योजनाओं से 2021 में ही उनकी आय दोगुनी हो चुकी है। pic.twitter.com/1gu7jvjcSd
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल जी ने यह साबित कर दिखाया है कि पहाड़ की जवानी पहाड़ के कितने काम आ सकती है। pic.twitter.com/doRgge0Y5N
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021