प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया
एनईपी का राष्ट्र निर्माण के ‘महायज्ञ’ में अहम योगदान है: प्रधानमंत्री
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को यह विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके और उनके हौसलों के साथ है: प्रधानमंत्री
खुलापन और दबाव से मुक्ति नई शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषताएं हैं: प्रधानमंत्री
8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज 5 भारतीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं: प्रधानमंत्री
मातृभाषा में पढ़ाई की सुविधा से गरीब, ग्रामीण और आदिवासी पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ के तहत सुधारों का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र से जुड़े नीति निर्माताओं, देश भर के विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में कई पहलों का शुभारंभ भी किया।
नई शिक्षा नीति का एक साल पूरा होने पर देशवासियों और विद्यार्थियों को बधाई दी। साथ ही प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के अत्यंत संकट काल में भी नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों, प्रोफेसरों, नीति निर्माताओं की कड़ी मेहनत की सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के विशेष महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति इस महत्वपूर्ण दौर में अहम भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानी आज कैसी शिक्षा दे रहे हैं, कैसी दिशा दे रहे हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि इसका राष्ट्र निर्माण के ‘महायज्ञ’ में अहम योगदान है।’
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षको, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है: PM #TransformingEducation
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं।
मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
प्रधानमंत्री ने महामारी की वजह से आए बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षण ही अब सामान्य शिक्षण का रूप ले चुका है। दीक्षा एवं स्वयं जैसे पोर्टल पर 2300 करोड़ से ज्यादा हिट्स इस तथ्य के स्पष्ट प्रमाण है।
प्रधानमंत्री ने छोटे शहरों के युवाओं की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने इन शहरों के युवाओं का टोक्यो ओलंपिक में प्रदर्शन का उदाहरण दिया। उन्होंने रोबोटिक्स, एआई, स्टार्टअप और उद्योग 4.0 जैसे क्षेत्रों में उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यदि युवा पीढ़ी को अपने सपने पूरे करने के लिए उचित वातावरण मिलता है, तो उनके आगे बढ़ने की कोई सीमा नहीं होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज का युवा अपनी शर्तों पर, अपनी व्यवस्था व दुनिया बनाना चाहता है। वे बंधनों और प्रतिबंधों से स्वतंत्र होकर खुले वातावरण में जीना चाहते हैं। नई शिक्षा नीति हमारे युवाओं को आश्वस्त करती है कि देश पूरी तरह से उनके और उनके हौसलों के साथ हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस) कार्यक्रम का आज शुभारंभ हुआ है जो छात्रों को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार करेगा और एआई आधारित अर्थव्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह पूरे देश की डिजिटल और तकनीकी रूपरेखा उपलब्ध कराने में राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षण संरचना (एनडीईएआर) और राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है।
इसलिए, उसे exposure चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए: PM @narendramodi #TransformingEducation
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।
जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉंच किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति में मौजूद खुलेपन का और उसमें किसी तरह के दबाव की गैर-मौजूदगी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसमें नीति के स्तर पर एक खुलापन है और छात्रों के लिए उपलब्ध विकल्पों में भी खुलापन दिखता है। एक से ज्यादा एंट्री और एग्ज़िट जैसे विकल्प छात्रों को एक कक्षा और एक पाठ्यक्रम में रहने के बंधन से आज़ाद करेंगे। इसी तरह आधुनिक तकनीक आधारित क्रेडिट सिस्टम का एकेडमिक बैंक एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा। इससे छात्रों में अपने स्ट्रीम और विषयों का चुनाव करने को लेकर आत्मविश्वास आएगा। ‘सफल’ (लर्निंग लेवल के विश्लेषण के लिए स्ट्रक्चर्ड असेसमेंट) परीक्षा का डर दूर करेगा। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि इन नए कार्यक्रमों में भारत का भाग्य बदलने की क्षमता है।
महात्मा गांधी को उद्धरित करते हुए प्रधानमंत्री ने निर्देश के माध्यम के रूप में स्थानीय भाषाओं के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज हिंदी, तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला इन 5 भारतीय भाषाओं में शिक्षा देना शुरू कर रहे हैं। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का 11 भाषाओं में अनुवाद करने के लिए एक टूल विकसित किया गया है। शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा पर जोर देने से गरीब, ग्रामीण और आदिवासी पृष्ठभूमि के छात्रों में आत्मविश्वास पैदा होगा। यहां तक कि प्राथमिक शिक्षा में भी मातृभाषा को बढ़ावा दिया जा रहा है और आज शुरू किया गया ‘विद्या प्रवेश कार्यक्रम’ उसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि भारतीय सांकेतिक भाषा को पहली बार भाषा विषय का दर्जा दिया गया है। छात्र इसे भाषा के रूप में भी पढ़ सकेंगे। 3 लाख से ज्यादा छात्र ऐसे हैं जिन्हें अपनी शिक्षा के लिए सांकेतिक भाषा की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा मिलेगा और दिव्यांगजनों को मदद मिलेगी।
मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।
इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है: PM #TransformingEducation
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक Subject का दर्जा प्रदान किया गया है।
अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे।
इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी: PM @narendramodi #TransformingEducation
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
प्रधानमंत्री ने शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के निर्माण चरण से लेकर उसके क्रियान्वयन तक में शिक्षकों की सक्रिय भूमिका रही हैं। आज लॉन्च किया गया निष्ठा 2.0 शिक्षकों को उनकी जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण देगा और साथ ही शिक्षक भी अपने सुझाव विभाग को दे सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का शुभारंभ किया। जिसके जरिए छात्रों को उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने और उससे बाहर निकलने के कई सारे विकल्प मिलेंगे। साथ ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पहले साल क्षेत्रीय भाषाओं में कराए जाने और उच्च शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का करने के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। विद्या प्रवेश नाम से एक और पहल लॉन्च की गई है। इसके तहत ग्रेड-1 के बच्चों के लिए तीन महीने का प्ले स्कूल आधारित शैक्षणिक मॉड्यूल बनाया गया है। इसी तरह माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा की शिक्षा, और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एनसीईआरटी द्वारा डिजाइन किया गया एकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम निष्ठा 2.0, स्ट्रक्चर्ड एसेसमेंट फॉर एनलाइजिंग लर्निंग लेवल ‘सफल’ (बच्चों के सीखने की प्रक्रिया का सुव्यवस्थित तरीके से विश्लेषण और आंकलन), सीबीएसई स्कूल के ग्रेड-3, ग्रेड-5 और ग्रेड-8 के बच्चों के लिए योग्यता आधारित मूल्यांकन का फ्रेमवर्क है। इसके अलावा आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस पर आधारित एक समर्पित वेबसाइट भी है।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षण संरचना (एनडीईएआर) और राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) का शुभारंभ भी हुआ।
***
एमजी/एएम/आरआरएस/जेके/जीबी/पीएस/एसके
Addressing a programme to mark a year of the National Education Policy. #TransformingEducation https://t.co/65x9i0B0g1
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षको, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है: PM #TransformingEducation
भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है: PM
21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
इसलिए, उसे exposure चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए: PM @narendramodi #TransformingEducation
नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉंच किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा: PM @narendramodi
हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट institutions भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं: PM @narendramodi #TransformingEducation
आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
हेल्थ हो, डिफेंस हो, इनफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा: PM @narendramodi #TransformingEducation
मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है: PM #TransformingEducation
भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक Subject का दर्जा प्रदान किया गया है।
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे।
इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी: PM @narendramodi #TransformingEducation
After a long wait, India got a National Education Policy. This policy caters to the dreams and aspirations of India’s talented youth. As the Policy completes a year today, glad to see new initiatives being launched relating to implementation of key components in the policy. pic.twitter.com/R8ppcAa7ux
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
From the start of schooling to communication in sign language, digital textbooks to a structured assessment to analyse learning, National Education Policy is extensive and futuristic. #TransformingEducation pic.twitter.com/z3AbUc4Bqi
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
Our focus is on academic flexibility, extensive learning, promoting regional languages and harnessing technology. #TransformingEducation pic.twitter.com/UCSOlJzHN7
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को यह विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
युवा मन जिस दिशा में भी सोचना चाहे, खुले आकाश में जैसे उड़ना चाहे, देश की नई शिक्षा व्यवस्था उसे वैसे ही अवसर उपलब्ध करवाएगी। #TransformingEducation pic.twitter.com/T6F51NatZJ
I am particularly delighted that the National Education Policy celebrates India’s linguistic diversity. #TransformingEducation pic.twitter.com/cIktCwz0CF
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
नई शिक्षा नीति के Formulation से लेकर Implementation तक, हर स्टेज पर शिक्षक इसका सक्रिय हिस्सा रहे हैं। pic.twitter.com/MNmp5Kp4nA
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021