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मंत्रिमंडल ने रक्षा पीएसयू द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित करने के लिए अलग दिशानिर्देशों को खत्म करने को मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित करने के लिए वर्तमान दिशानिर्देशों’ को खत्म करने की मंजूरी दी है। डीपीएसयू द्वारा अगल संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए अब फरवरी 2012 में अधिसूचित इन दिशानिर्देशों की जरूरत नहीं होगी। सार्वजनिक उपक्रम विभाग (डीपीई) और वित्त मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले और सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) पर समान रूप से लागू होने वाले दिशानिर्देश अब डीपीएसयू द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित करने के लिए भी लागू होंगे। इससे इस क्षेत्र में स्वदेशीकरण/आत्मनिर्भरता का लक्ष्य पूरा होगा।

वर्तमान जेवी दिशानिर्देशों को खत्म करने से डीपीएसयू और निजी क्षेत्र के बीच समान अवसर सुनिश्चित होंगे। इससे डीपीएसयू को अभिनव तरीके से साझेदारी के जरिये रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और डीपीएसयू की जवाबदेही/स्वायत्तता बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही संयुक्त उद्यम के गठन की प्रक्रिया का डीपीएसयू द्वारा प्रभावी तरीके से प्रबंधन होगा ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बेहतर परिणाम सुनिश्चित हो सके।

इस फैसले से सभी नौ डीपीएसयू जैसे, मझगांव डॉक लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स ऐंड इंजीनियर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, भारत डायनामिक्स लिमिटेड और मिस्र धातु निगम लिमिटेड लाभान्वित होंगे।

डीपीएसयू के संयुक्त उद्यम दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के दौरान उभरने वाली समस्याओं के संदर्भ में यह निर्णय लिया गया है। रक्षा उत्पादन विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग की बढ़ती सहभागिता और रक्षा अधिग्रहण के परिदृश्य में हो रहे बदलाव को देखते हुए डीपीएसयू के लिए अलग जेवी दिशानिर्देशों को बरकरार रखने की आवश्यकता नहीं रह गई है। स्वदेशी विनिर्माण/मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दिए जाने के उभरते परिदृश्य में यह महसूस किया गया कि दिशानिर्देश के कई सेट होने से अस्पष्टता और अयोग्यता का माहौल पैदा होगा।

पृष्ठभूमिः

रक्षा उत्पादन नीति को 2011 में रक्षा उत्पादन में मूल आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य के साथ प्राख्यापित किया गया था। इसमें संयुक्त उद्यम सहित सभी व्यवहार्य उपायों के जरिये तहत डिजाइन और दक्षता विकास सहित रक्षा उत्पादन में मूल आत्म निर्भरता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके लिए डीपीई दिशानिर्देशों के पूरक के रूप में डीपीएसयू के लिए जेवी प्रोटोकॉल/दिशानिर्देश तैयार करने की जरूरत महसूस की गई ताकि रक्षा क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और डीपीएसयू के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित हो सके। तदनुसार डीपीएसयू द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित करने के लिए वर्तमान दिशानिर्देशों को मंत्रिमंडल ने 9 फरवरी 2012 को आयोजित अपनी बैठक में मंजूरी दी थी और उसे 17 फरवरी 2012 को अधिसूचित किया गया था। अब रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग की बढ़ती सहभागिता और रक्षा अधिग्रहण प्रणाली में हो रहे बदलावों के संदर्भ में डीपीएसयू के लिए अलग जेवी दिशानिर्देशों की आवश्यकता की समीक्षा की गई है।