प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 की स्थिति पर विचार-विमर्श किया हैI
इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री ने कोविड के विरुद्ध लड़ाई में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने देश में चलाए जा रहे टीकाकरण (वैक्सीनेशन) अभियान का भी विस्तृत विवरण दिया। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में कोविड-19 की स्थिति पर एक प्रस्तुतीकरण दिया जिसमें उन राज्यों पर ध्यान दिया गया है जहां इस समय संक्रमण से पीड़ित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैI इसके साथ ही उन्होंने इन राज्यों में संक्रमण की जांच और परीक्षणों को बढाने की आवश्यकता पर जोर दियाI उन्होंने देश में वैक्सीन के उत्पादन और उसकी आपूर्ति के विवरण भी राज्यों से साझा किएI
मुख्यमंत्रियों ने इस वायरस के संक्रमण के विरुद्ध सामूहिक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दियाI उन सभी ने अपने-अपने राज्यों में कोविड-19 की स्थिति का विवरण भी दियाI उन्होंने कहा कि सही समय पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत होने से लाखों जिंदगियों को बचाया जा सका हैI टीका (वैक्सीन) लगवाने में हिचक और इसकी बर्बादी पर भी चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के समक्ष कुछ स्पष्ट तथ्यों पर जोर दियाI पहला, देश ने पहली लहर के सर्वोच्च स्तर को पार कर लिया है और विकास की दर पहले से बहुत तेज हैI दूसरा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों ने पहली लहर के सर्वोच्च स्तर को पार कर लिया हैI कई अन्य राज्य इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह बहुत अधिक चिंता की बात है। तीसरा, इस बार लोग इसे बहुत हल्के में ले रहे हैं, और कुछ राज्यों में तो वहां का प्रशासन भी गंभीर नहीं है। ऐसी स्थिति में तजी से बढ़ रहे मामलों के कारण परेशानियां हो रहीं हैं।
आज की समीक्षा में कुछ बातें हमारे सामने स्पष्ट हैं, उन पर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
पहला- देश फ़र्स्ट वेव के समय की पीक को क्रॉस कर चुका है, और इस बार ये ग्रोथ रेट पहले से भी ज्यादा तेज है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 8, 2021
हालांकि प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि चुनौतियों के बावजूद इस समय हमारे पास बेहतर अनुभव और संसाधनों के साथ- साथ वैक्सीन भी है। कड़ी मेहनत कर रहे चिकित्सकों और स्वास्थ्य देखरेख कर्मियों के साथ –साथ जन भागीदारी ने इस स्थिति को संभालने में बहुत योगदान दिया है और वे अभी भी इस काम में जुटे हुए हैं।
इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव है, संसाधन हैं, और वैक्सीन भी है।
जनभागीदारी के साथ-साथ हमारे परिश्रमी डॉक्टर्स और हेल्थ-केयर स्टाफ ने स्थिति को संभालने में बहुत मदद की है और आज भी कर रहे हैं: PM @narendramodi
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प्रधानमंत्री ने कहा “हमें परीक्षण, पता लगाने, उपचार करने, कोविड उचित व्यवहार और कोविड प्रबंधन पर लगातार ध्यान देना है। प्रधानमंत्री ने इंगित किया कि इस वायरस पर नियंत्रण करने के लिए हमें मनुष्यों के संक्रमित होने को रोकना होगा और इसके परीक्षण और प्रसरण का पता लगाने की इस काम में बहुत बड़ी भूमिका होगी। अपनी बात का विस्तार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न समुदायों में इस संक्रमण के प्रसार की सीमा का पता लगाने में इसकी जांच करना बहुत आवश्यक है, साथ ही हमें उन लोगों को भी चिह्नित करना होगा जो इस संक्रमण को आगे फैला सकते हैं। संक्रमण की दैनिक आधार पर की जा रही जांच को बहुत अधिक बढाने की आवश्यकता है ताकि इसके पुष्ट मामलों की संख्या को 05 प्रतिशत या इससे कम के स्तर तक घटाया जा सके। इसके लिए ऐसे कन्टेनमेंट जोन्स और क्षेत्रों में लक्षित एवं केन्द्रित परीक्षण पर ध्यान देना होगा जहां बड़ी संख्या में संक्रमित रोगी सामने आ रहे हैं। आरटी-पीसीआर परीक्षणों के लिए आवश्यक आधारभूत अवसंरचनाओं को बढ़ा कर कुल परीक्षणों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों के हिस्सेदारी को कम से कम 70 प्रतिशत करने के महत्व पर भी जोर दिया गया।
‘Test, Track, Treat’, Covid appropriate behaviour और Covid Management, इन्हीं चीजों पर हमें बल देना है: PM @narendramodi
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यह अनुभव करते हुए कि पर्याप्त रक्षात्मक उपायों की अनुपस्थिति में प्रत्येक संक्रमित रोगी दूसरों को भी रोगग्रस्त कर सकता है, विभिन्न समुदायों में इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए अन्य लोगों का पता लगाने और उपचार के बाद फ़ॉलो-अप को एक महत्वपूर्ण क्रियाकलाप मानने पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर पहले 72 घंटों के भीतर ही किसी भी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हुए कम से कम 30 लोगों का पता लगाकर उनकी जांच करने के साथ ही उन्हें संगरोध (क्वारंटाइन) किया जाना आवश्यक है। इसी प्रकार कन्टेनमेंट जोन्स की सीमाएं सुस्पष्ट होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कोविड थकान’ के कारण हमारे प्रयासों में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कन्टेनमेंट जोन्स में स्वास्थ्य मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने विस्तृत विश्लेषण के साथ इस संक्रमण से हो रही मौतों के समस्त आंकड़ों को सहेजने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने राज्यों से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस), दिल्ली द्वारा प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित किए जाने वाले वेबिनार में भाग लेने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री ने राज्यों से अनुरोध किया कि वे उच्च केन्द्रित जिलों में 45 वर्ष से अधिक आयु वाली जनसंख्या का शत प्रतिशत टीकाकरण (वैक्सीनेशन) करवाएं। प्रधानमंत्री ने 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले और 14 अप्रैल को बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती के बीच की अवधि में टीका उत्सव-वैक्सीनेशन फेस्टिवल आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस अवधि में अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किए जाने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने युवाओं से भी आह्वान किया कि वे 45 वर्ष से आधिक आयु के लोगों के टीकाकरण में सहायता करें।
11 अप्रैल, ज्योतिबा फुले जी की जन्मजयंति है और 14 अप्रैल, बाबा साहेब की जन्म जयंति है, उस बीच हम सभी ‘टीका उत्सव’ मनाएं: PM @narendramodi
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प्रधानमंत्री ने लापरवाही के विरुद्ध सचेत किया। उन्होंने कहा कि हमें यह अपने ध्यान में रखना होगा कि टीकाकरण होने के बाद भी प्रतिरक्षा में कमी नहीं आनी चाहिए और निरंतर उचित सावधानी बरती जानी चाहिए। अपने मंत्र “दवाई भी-कड़ाई भी” पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने उचित कोविड व्यवहार के लिए जागरूकता लाने पर भी जोर दिया।
वैक्सीनेशन के साथ साथ हमें ये भी ध्यान रखना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद की लापरवाही न बढ़े।
हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है: PM @narendramodi
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एमजी/एएम/एसटी
Speaking at the meeting with Chief Ministers. https://t.co/oJ5bhIpdBE
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आज की समीक्षा में कुछ बातें हमारे सामने स्पष्ट हैं, उन पर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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पहला- देश फ़र्स्ट वेव के समय की पीक को क्रॉस कर चुका है, और इस बार ये ग्रोथ रेट पहले से भी ज्यादा तेज है: PM @narendramodi
दूसरा- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य फ़र्स्ट वेव की पीक को भी क्रॉस कर चुके हैं।
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कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए ये चिंता का विषय है।
ये एक serious concern है: PM @narendramodi
तीसरा- इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत अधिक casual हो गए हैं। अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी नज़र आ रहा है।
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ऐसे में कोरोना केसेस की इस अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किलें पैदा की हैं: PM @narendramodi
इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव है, संसाधन हैं, और वैक्सीन भी है।
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जनभागीदारी के साथ-साथ हमारे परिश्रमी डॉक्टर्स और हेल्थ-केयर स्टाफ ने स्थिति को संभालने में बहुत मदद की है और आज भी कर रहे हैं: PM @narendramodi
‘Test, Track, Treat’, Covid appropriate behaviour और Covid Management, इन्हीं चीजों पर हमें बल देना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 8, 2021
11 अप्रैल, ज्योतिबा फुले जी की जन्मजयंति है और 14 अप्रैल, बाबा साहेब की जन्म जयंति है, उस बीच हम सभी ‘टीका उत्सव’ मनाएं: PM @narendramodi
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हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि इस टीका उत्सव में हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करें।
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मैं देश के युवाओं से भी आग्रह करूंगा कि आप अपने आसपास जो भी व्यक्ति 45 साल के ऊपर के हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने में हर संभव मदद करें: PM @narendramodi
वैक्सीनेशन के साथ साथ हमें ये भी ध्यान रखना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद की लापरवाही न बढ़े।
— PMO India (@PMOIndia) April 8, 2021
हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है: PM @narendramodi
Test.
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Track.
Treat.
Follow COVID appropriate behaviour.
Focus on COVID management. pic.twitter.com/VH8JlFKq1m
11 अप्रैल यानि ज्योतिबा फुले जी की जन्म-जयंती से लेकर 14 अप्रैल, बाबासाहेब की जन्म-जयंती के बीच हम सभी 'टीका उत्सव' मनाएं।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2021
एक विशेष अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा Eligible लोगों को वैक्सीनेट करें। pic.twitter.com/Xk6V9z1ECZ