•‘स्वच्छ भारत को एक जन-आंदोलन बनाएं– इसे आर्थिक गतिविधियों से जोड़ें।’
•‘गांधी जी के सपनों का स्वच्छ भारत बनाने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर को शुरू किया जाए।’
•‘हर नागरिक स्वच्छता के लिए एक साल में 100 घंटे का योगदान करने की शपथ ले।’
•‘सरकारी कार्यालय पंचायत स्तर तक 25 सितंबर से दिवाली तक स्वच्छता अभियान चलाएं।’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने स्वच्छ भारत को एक जन-आंदोलन बनाने और इसे आर्थिक गतिविधि से जोड़ने का आह्वान किया।
गांधी जी की प्रेरणा के रूप में मिशन स्वच्छ भारत द्वारा 2019 में गांधी जी की 150वीं जयंती तक गांधी जी के सपनों का स्वच्छ देश बनाने के लिए 2 अक्टूबर से शुरु किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभाग इस मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। सरकारी कार्यालय पंचायत स्तर तक स्वच्छता अभियान में शामिल किये जाएंगे और यह अभियान 25 सितंबर से दिवाली तक आयोजित किया जाएगा।
अगर देश के लोग प्रत्येक वर्ष दिवाली के आसपास अपने घरों को साफ करते हैं तो यह कदम समग्र स्वच्छता और स्वच्छ भारत की ओर क्यों नहीं उठाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने सफाई और स्वच्छता के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण में परिवर्तन लाये जाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता का अनुसरण आर्थिक गतिविधि हो सकता है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद के विकास में योगदान मिलेगा, स्वास्थ्य देखभाल की लागत में कमी आयेगी और रोजगार के साधन बढ़ेंगे।
स्वच्छता को पर्यटन और भारत में वैश्विक हितों से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों में सफाई और स्वच्छता को विश्व स्तर पर लाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भारत के बारे में वैश्विक धारणा में मिसाल बनने वाला बदलाव लाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने पूरे देश के 500 शहरों और कस्बों में जन-निजी भागीदारी के माध्यम से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और अपशिष्ट जल प्रबंधन के अपने दृष्टिकोण को दोहराया। इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री श्री अरुण जेटली, श्री वेंकैया नायडू, श्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।