प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूटान में क्रियान्वित की जा रही 1020 मेगावाट की पुनतसंगछू-II पनबिजली परियोजना (एचईपी) के लिए 7290.62 करोड़ रुपये के संशोधित लागत अनुमान को अपनी मंजूरी दे दी है। मौजूदा समय में इस परियोजना के लिए कुल लागत वृद्धि 3512.82 करोड़ रुपये है।
इस परियोजना के तहत अधिशेष बिजली भारत को मुहैया कराई जाएगी और इसके साथ ही देश में बिजली की उपलब्धता बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं, इससे परियोजनाओं का कार्य बगैर किसी बाधा के आगे बढ़ सकेगा।
पृष्ठभूमि:
पुनतसंगछू-II पनबिजली परियोजना के क्रियान्वयन के लिए भारत और भूटान के बीच अप्रैल, 2010 में 3777.8 करोड़ रुपये की मंजूर लागत (मार्च 2009 का मूल्य स्तर) के साथ द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 30 फीसदी अनुदान और 10 फीसदी वार्षिक ब्याज पर 70 फीसदी कर्ज के रूप में वित्त पोषण किया गया है, जिसे 30 समान अर्द्ध-वार्षिक किस्तों में वापस अदा किया जाएगा।
इस परियोजना की लागत कई कारणों से बढ़ गई है। मार्च 2009 से लेकर मार्च 2015 के बीच दर्ज की गई महंगाई, सतह पावर हाउस को बदलकर भूमिगत पावर हाउस किया जाना, क्षमता को 990 मेगावाट से बढ़ाकर 1020 मेगावाट किया जाना, भूटान के राष्ट्रीय पारेषण ग्रिड मास्टर प्लान की वजह से अतिरिक्त आवश्यकताएं और परियोजना के दौरान प्रतिकूल भूगर्भीय हालात का सामना करना इन कारणों में शामिल हैं।