प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एसोचैम स्थापना सप्ताह 2020 में मुख्य भाषण दिया। प्रधानमंत्री ने श्री रतन टाटा को ‘एसोचैम शताब्दी का उद्यम पुरस्कार’ भी प्रदान किया, जिन्होंने टाटा समूह की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया।
उपस्थित जन-समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्र-निर्माण में व्यवसायी समुदाय के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब उद्योग जगत को तेजी से आगे बढ़ने की पूरी स्वतंत्रता है और उन्हें इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने समुदाय से आत्मनिर्भर भारत के लिए आने वाले वर्षों में अपनी पूरी ताकत लगाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश धन और उद्यम निर्माताओं के साथ है और इससे करोड़ों युवाओं को अवसर प्राप्त हो रहे हैं। सरकार एक कुशल और मैत्रीपूर्ण इकोसिस्टम के निर्माण का लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने उद्योग जगत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इसका लाभ विकास के अंतिम सिरे पर खड़े व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए। इसके लिए उद्योग में सुधार लाया जाना चाहिए, जैसे महिलाओं और युवा प्रतिभाओं को और अधिक शामिल करना, दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं को जल्द से जल्द अपनाना, कॉर्पोरेट प्रशासन लागू करना, लाभ साझा करना आदि।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान भी जब पूरी दुनिया निवेश को लेकर परेशान थी, रिकॉर्ड एफडीआई और पीएफआई भारत में आए, क्योंकि पूरी दुनिया अब भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा करती है। उन्होंने दुनिया के बढ़ते आत्मविश्वास के अनुरूप उद्योग जगत से घरेलू निवेश में वृद्धि करने का आह्वान किया।
उन्होंने अनुसंधान और विकास में भारतीय उद्योग द्वारा बहुत कम निवेश पर अफ़सोस जताया और इसकी तुलना अमेरिका से की जहां निजी क्षेत्र आरएंडडी में 70% तक निवेश करता है। उन्होंने भारतीय उद्योग से कृषि, रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, निर्माण, फार्मा और परिवहन जैसे क्षेत्रों के आर एंड डी में निवेश बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा कि हर क्षेत्र में, सभी कंपनियों को आर एंड डी के लिए एक निश्चित धनराशि निर्धारित करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रही है, चुनौतियां नई तकनीक के रूप में आएंगी और कई समाधान भी आएंगे। उन्होंने कहा कि वर्त्तमान समय योजना बनाने और कार्य करने का है। उन्होंने व्यापार जगत के प्रमुख व्यक्तियों से हर साल एकजुट होने और हर लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आने वाले 27 साल, जब स्वतंत्र भारत के सौ साल पूरे होंगे, न केवल भारत की वैश्विक भूमिका का निर्धारण करेंगे, बल्कि भारतीयों के सपनों और समर्पण दोनों का परीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि यह भारतीय उद्योग की क्षमता, प्रतिबद्धता और साहस को दुनिया को दिखाने का समय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल आत्मनिर्भरता हासिल करना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस लक्ष्य को हम कितनी जल्दी हासिल करते हैं, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलता के बारे में दुनिया में इतनी सकारात्मकता पहले कभी नहीं थी। उन्होंने इस सकारात्मकता का श्रेय 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के अभूतपूर्व आत्मविश्वास को दिया। अब भारत नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के लिए नए अवसरों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सुधारों ने उद्योग जगत की भावना को ‘भारत क्यों’ से बदलकर ‘भारत क्यों नहीं’ करने में सफलता पाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया, अपनी ताकत पर भरोसा करके, अपने स्वयं के संसाधनों पर निर्भर होकर, आत्मनिर्भर भारत के लिए आगे बढ़ रहा है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आज कहा, हम स्थानीय को वैश्विक बनाने के लिए मिशन मोड में आगे बढ़ रहे हैं, हमें हर वैश्विक घटनाक्रम के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देनी होगी। उन्होंने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मांग की अचानक बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए भारत में एक प्रभावी तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विदेश मंत्रालय, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ एसोचैम जैसे उद्योग संगठनों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। उन्होंने उद्योग जगत से पूछा कि वैश्विक बदलाव के लिए जल्दी से कैसे प्रतिक्रिया दी जा सकती है और तेजी से प्रतिक्रिया के लिए कैसे बेहतर तंत्रों का निर्माण किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी जरूरतों को पूरा करते हुए भी दुनिया की मदद करने में सक्षम है। यहां तक कि कोरोना के दौरान भी, भारत ने दुनिया की फार्मेसी की जिम्मेदारी लेते हुए दुनिया भर में आवश्यक दवाएं वितरित की हैं। अब वैक्सीन के मामले में भी भारत अपनी जरूरतों को पूरा करेगा और कई देशों की उम्मीदों पर भी खरा उतरेगा। उन्होंने एसोचैम के सदस्यों से ग्रामीण कारीगरों के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण-शहरी विभाजन को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने जैविक कृषि उत्पादों के बेहतर प्रोत्साहन, बेहतर बुनियादी ढांचे और बेहतर बाजार के लिए राज्य सरकारों, कृषि संगठनों और उद्योग संगठनों के साथ मिलकर भारत सरकार द्वारा काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। यह हमारी पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई ऊँचाई तक पहुँचने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी की शुरुआत में अटल जी ने भारत को राजमार्गों से जोड़ने का लक्ष्य रखा था। आज देश में भौतिक और डिजिटल आधारभूत संरचना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हम देश के प्रत्येक गाँव को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने में लगे हुए हैं ताकि गाँव के किसान की डिजिटल वैश्विक बाज़ार तक भी पहुँच बने। उन्होंने बेहतर आधारभूत संरचना के निर्माण के वित्त पोषण के लिए प्रत्येक अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया, जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना, बॉन्ड बाजार की क्षमता बढ़ाना आदि। ये सभी इस दिशा में किये गए प्रयास हैं। इसी तरह, सॉवरेन वेल्थ फंड और पेंशन फंड को टैक्स में छूट दी जा रही है, आरईआईटी और आईएनवीआईटी को बढ़ावा दिया जा रहा है और आधारभूत संरचना से जुड़ी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर सकती है, उचित वातावरण बना सकती है, प्रोत्साहन दे सकती है और नीतियां बदल सकती है। लेकिन उद्योग जगत के भागीदार ही इस समर्थन को सफलता में बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने के लिए देश ने नियमों और विनियमों में आवश्यक बदलाव के लिए अपना मन बना लिया है, देश प्रतिबद्ध है।
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एमजी/एएम/डीए
बीते 100 सालों से आप सभी देश की Economy को, करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं: PM @narendramodi speaks about @ASSOCHAM4India and the @TataCompanies
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
अब आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी है।
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
इस समय दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
नई टेक्नॉलॉजी के रूप में Challenges भी आएंगे और अनेक Solutions भी: PM @narendramodi
इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है।
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
हमें हर साल के, हर लक्ष्य को Nation Building के एक Larger Goal के साथ जोड़ना है: PM @narendramodi
आने वाले 27 साल भारत के Global Role को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के Dreams और Dedication, दोनों को टेस्ट करेंगे।
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
ये समय भारतीय इंडस्ट्री के रूप में आपकी Capability, Commitment और Courage को दुनिया भर को दिखा देने का है: PM @narendramodi
हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है। बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थीं, उसके बाद कहा जाने लगा था- Why India.
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
अब जो Reforms देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है- ‘Why not India’: PM @narendramodi
नया भारत, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस है।
मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर Reforms कर रहे हैं: PM @narendramodi
देश आज करोड़ों युवाओं को अवसर देने वाले Enterprise और Wealth Creators के साथ है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
निवेश का एक और पक्ष है जिसकी चर्चा आवश्यक है।
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
ये है रिसर्च एंड टेवलपमेंट- R&D, पर होने वाला निवेश।
भारत में R&D पर निवेश बढ़ाए जाने की जरूरत है: PM @narendramodi
21वीं सदी की शुरुआत में अटल जी ने भारत को highways से connect करने का लक्ष्य रखा था।
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2020
आज देश में Physical और Digital Infrastructure पर विशेष फोकस किया जा रहा है: PM @narendramodi
Speaking at the #ASSOCHAMFoundationWeek. Watch. https://t.co/faC1nltKrJ
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2020