प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन करेंगे और प्रवर ग्रामीण शिक्षा समाज का नाम उनके नाम पर ‘लोकनेते डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ रखेंगे।
डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल कई बार लोकसभा के सदस्य रहे। उनकी आत्मकथा का नाम ‘देह वीचवा करणी’ है, जिसका अर्थ है अपना जीवन किसी नेक काम के लिए समर्पित कर देना। यह शीर्षक बिल्कुल उपयुक्त है क्योंकि उन्होंने कृषि और सहकारिता समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने अग्रणी कार्यों के जरिए पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया।
प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना अहमदनगर जिले के लोनी में 1964 में की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और बालिकाओं को सशक्त बनाना था। यह संस्था छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रही है।
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एसजी/एएम/एएस/डीए
At 11 AM tomorrow, will be releasing the autobiography of Shri Balasaheb Vikhe Patil Ji via video conferencing. His efforts towards strengthening agriculture and cooperatives will always be remembered. Do watch the programme.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2020