प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश में निर्मित युद्धपोत आईएनएस कोलकाता राष्ट्र को समर्पित किया।
युद्धपोत के जलावतरण के बाद मुम्बई में नौसेना गोदी में नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आईएनएस कोलकाता को राष्ट्र के ”बुद्धि बल” का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य ऐसी रक्षा क्षमता हासिल करने का है कि कोई उसकी ओर बुरी नज़र से न देख सके।
श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर बल दिया कि सशस्त्र सेनाओं के लिए जितना महत्वपूर्ण बाहुबल है उतना ही महत्वपूर्ण ”बुद्धि बल” यानी वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्षमता है। प्रधानमंत्री ने आईएनएस कोलकाता को सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा उत्पादन बताया। उन्होंने कहा कि ”इस जहाज को राष्ट्र को समर्पित करते हुए हम विश्व को अपने ”बुद्धि बल” और विनिर्माण क्षमताओं से अवगत करा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम महाराष्ट्र में हों और नौसेना की बात कर रहे हों तो ऐसे में छत्रपति शिवाजी को स्मरण किए बिना नहीं रहा जा सकता, जो एक महान मराठा सम्राट थे जिन्होंने नौ सेना को भारत के समुद्री व्यापारिक हितों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन समझा था। उन्होंने कहा कि आज समुद्री सुरक्षा वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण पक्ष है, और भारत वैश्विक व्यापार को सुरक्षित बनाने में अपनी भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईएनएस कोलकाता एक महत्वपूर्ण संचार प्लेटफार्म है और यह समुद्र में भारत के व्यापारिक हितों को बढ़ावा देने में उपयोगी सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने समुद्री रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए हाल में बजट में किए गए प्रावधानों की चर्चा की और कहा कि भारत में विनिर्माण सुविधाओं के लिए दुनियाभर से सर्वोत्कट हथियार और उपकरण विनिर्माओं को आमंत्रित किया जायेगा और एक दिन आयेगा कि भारत रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बन जायेगा। प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं की वीरता की सराहना की और जवानों को आश्वासन दिया कि समूचा राष्ट्र उनके साथ खड़ा है और उन्हें विश्वास है कि वे देश की रक्षा करने में कोई खामी नहीं छोड़ेगे।
रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली ने आईएनएस कोलकाता के जलावतरण पर नौसेना को बधाई दी। महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री के संकरनारायणन, महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री श्री पृथ्वीराज चव्वाण, सेना अध्यक्ष एडमिरल आर के धवन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्रीअजित डोवल, रक्षा सचिव श्री आर के माथुर और सेना, नौसेना तथा वायु सेनाके वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने आईएनएस कोलकाता पर लगी विभिन्न सुविधाओं का जायजा भी लिया और आगन्तुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए।