प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सम्पन्न केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर असम के नामरूप में नये अमोनिया-यूरिया कॉम्पलैक्स के गठन को मंजूरी दी गई। यह कॉम्पलैक्स संयुक्त उपक्रम के जारिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर लगभग 4500 करोड़ रुपए के निवेश से गठित किया जाएगा। कॉम्पलैक्स की वार्षिक उत्पादन क्षमता 8.64 लाख टन होगी। प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के उर्वरक विभाग संबंधी ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), असम सरकार और ऑयल इंडिया लिमिटेड का क्रमशः 11 प्रतिशत, 11 प्रतिशत और 26 प्रतिशत हिस्सा होगा। शेष 52 प्रतिशत हिस्सा बोली प्रक्रिया के आधार पर सार्वजनिक-निजी कंपनियां वहन करेंगी।
उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल ने 31.03.2015 तक बीवीएफसीएल के पूरे ब्याज 774.61 करोड़ रुपए को भी माफ कर दिया है। यह ब्याज अद्यतन सरकारी ऋण से संबंधित है। इसके अलावा 594.71 करोड़ रुपए के सरकारी ऋण को ब्याज रहित ऋण में बदल दिया गया है। इस कदम से बीवीएफसीएल परियोजना में हिस्सा लेने में सक्षम हो जाएगा।
नए अमोनिया-यूरिया कॉम्पलैक्स के गठन से पूर्वोत्तर, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड में यूरिया की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस कदम से पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों से लंबे यातायात के जरिए यूरिया की आपूर्ति का दबाव कम होगा और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की बचत होगी। इसके अलावा क्षेत्र के आर्थिक विकास में तेजी आएगी और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।