प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोलकाता में गोड़िया मिशन और मठ के शत वार्षिकी समारोह का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत की आध्यात्मिक जागृति के पीछे इसकी सभ्यता का पुराना चरित्र है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक भारत की यह आध्यात्मिक जागृति बरकरार है। उन्होंने कहा यह आध्यात्मिक जागृति, चेतना या विवेक भाषा तक भी पहुंच जाता है। वैष्णव जन तो तेने रे कहिये रे इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक संदर्भ में वैष्णव जन शब्द की जगह आसानी से जन प्रतिनिधि शब्द को रखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में सुधार हमेशा अंदर से हुआ है। राजा राममोहन राय और ईश्वर चंद्र विद्यासागर इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री बाद में गोड़िया मठ की प्रार्थना में शामिल हुए।
Sharing my speech at the Gaudiya Mission and Math. https://t.co/Prt1L0xTwQ
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2016