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प्रधानमंत्री ने गंगटोक में सिक्किम जैविक उत्सव, 2016 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने गंगटोक में सिक्किम जैविक उत्सव, 2016 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने गंगटोक में सिक्किम जैविक उत्सव, 2016 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने गंगटोक में सिक्किम जैविक उत्सव, 2016 का उद्घाटन किया


प्रधानमंत्री ने टिकाऊ खेती और किसान कल्याण पर आयोजित सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गंगटोक में सिक्किम जैविक उत्सव , 2016 का उद्घाटन किया और टिकाऊ खेती और किसान कल्याण पर आयोजित सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया।

इस मौके पर कृषि राज्य मंत्रियों, कृषि उत्पादन आयुक्तों और कृषि सचिवालयों के विभिन्न समूहों की पांच रिपोर्ट की प्रस्तुतियां प्रधानमंत्री के सामने रखी गईं।

प्रधानमंत्री ने सिक्किम ऑर्गेनिक के लोगो को भी डिजिटल तौर पर लांच किया। उन्होंने सिक्किम में विकसित ऑर्किड की तीन किस्मों को भी लांच किया।

प्रधानमंत्री ने राज्य को पूर्ण जैविक खेती की यात्रा की ओर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री पवन चामलिंग को दो प्रशस्तियां दीं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के 100 प्रतिशत कवरेज के लिए राज्य के दो जिलों को भी प्रशस्ति पत्र सौंपे गए।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सिक्किम के पूर्व गवर्नर श्री रामा राव के प्रति श्रद्धांजलि पेश की।

उन्होंने किसानों और जनजातीय लोगों के विकास की श्री चामलिंग की दृष्टि की प्रशंसा की। राज्य में जो विकास हो रहा है उसका श्रेय उन्होंने श्री चामलिंग को दिया। उन्होंने कहा कि श्री चामलिंग ने राज्य में कल्याण और विकास के जो मुद्दे उठाए हैं उस पर केंद्र सरकार गौर करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राज्य के किसानों के मेहमान हैं। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान जो विचार-विमर्श हुआ उसने देश में कृषि के प्रति समग्र दृष्टिकोण की रूपरेखा तय कर दी है। उन्होंने कहा कि सभी राज्य इस विषय में दी गई प्रस्तुतियों से काफी कुछ अपना सकते हैं। इसे सिक्किम घोषणापत्र के तौर पर याद किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, तमाम दिक्कतों और संघर्षों के बावजूद जैविक खेती की ओर सिक्किम का बढ़ना एक उदाहरण है। आज सारी दुनिया ने सिक्किम के इस प्रयास को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि इस जैविक प्रयास का संदेश अब सारे देश में फैलेगा।

प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में हाल में पेरिस में आयोजित सीओपी-21 सम्मेलन का जिक्र किया और कहा कि वहां भी जड़ों की ओर लौटने का विचार पूरे जोर-शोर से उठाया गया। उन्होंने कहा कि सिक्किम ने प्रकृति के साथ तालमेल बिठा कर इस आदर्श को बरकरार रखा है। यह विकास का वह मॉडल है जो प्रकृति की भी रक्षा करता है।

उन्होंने भारत सरकार की ओर से कराए गए सर्वेक्षण में गंगटोक के दस सर्वाधिक स्वच्छ शहरों में शुमार होने पर बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को एक जिला या फिर एक ब्लॉक को चुन कर इसे 100 प्रतिशत जैविक इलाके में बदल देना चाहिए। इससे राज्य के दूसरे हिस्सों को भी जैविक क्षेत्र में बदलने की दिशा में प्रेरणा मिलेगी।

हाल में शुरू हुई फसल बीमा योजना- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना से किसानों में आत्मविश्वास पैदा हुआ है। अब बीमा का कवरेज और बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी योजनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में मिट्टी जांच के लिए प्रयोगशाला का एक नेटवर्क बनना चाहिए और यहां तक कि गर्मियों की छुट्टियों में स्कूलों की प्रयोगशालाओं को मिट्टी की स्वास्थ्य जांच के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में किसानों के लिए किसान मोबाइल फोन जैसे उत्पादों की जरूरत है, जो उनकी खास जरूरतों को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि शायद कोई स्टार्ट-अप इस दिशा में पहल करे।

उन्होंने अपने इस सुझाव को दोहराया है कि बोतलबंद पेय में थोड़ा फलों का रस मिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिक्किम में हवाईअड्डे के निर्माण के बाद जैविक उत्पादों के निर्यात को काफी रफ्तार मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण के पीछे कृषि उत्पादों और बाजार को जोड़ने का विचार है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पौधा रोपण और मवेशी पालन कृषि गतिविधियों का अटूट हिस्सा होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि हर राज्य में प्रगतिशील किसानों के लिए डिजिटल ऑनलाइन मंच विकसित किए जाने चाहिए।