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मंत्रिमडल ने नेशनल जूट मैन्युफैक्चर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा इसकी सहायक कम्पनी बर्ड्स जूट एंड एक्स्पोर्ट्स लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल जूट मैन्युफैक्चर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा इसकी सहायक कम्पनी बर्ड्स जूट एंड एक्स्पोर्ट्स लिमिटेड को बंद करने के लिएअपनी मंजूरी दे दी है।

बंदी के लिए प्रक्रियाः

i.     तयशुदा परिसंपत्तियों और चालू परिसंपत्तियों का निष्पादन 14/06/2018 के डीपीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगा और देनदारियों को पूरा करने के बाद परिसंपत्तियों की बिक्री से हुई प्राप्तियां भारत की संचित निधि में जमा कराई जाएंगी।

ii.     14/06/2018 के डीपीई दिशा-निर्देशों के अनुसार परिसंपत्तियों के निष्पादन के लिए भूमि प्रबंधन एजेंसी (एलएमए) की सेवा ली जाएगी। एलएमए को निर्देश दिया जाएगा कि वह डीपीई दिशा-निर्देशों के अनुसार निष्पादन कार्य प्रारंभ करने से पहले परिसंपत्तियों का सम्पूर्ण रूप से सत्यापन करेगी।

iii.     वस्त्र मंत्रालय का बीजेईएल की किसी जमीन या भवन का उपयोग अपने लिए या अपनी  किसी सार्वजनिक प्रतिष्ठान के लिए करने का प्रस्ताव नहीं है तथा इसकी सूचना भूमि प्रबंधन एजेंसी को प्रत्यक्ष रूप से दी जाएगी।

लाभः

इस निर्णय से सरकारी कोष को दोनों बीमार सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को चलाने में आ रहे आवर्ती खर्च को कम करने का लाभ मिलेगा। इस प्रस्ताव से घाटे में चलने वाली कम्पनियों को बंद करने में मदद मिलेगी औरउपयोगी कार्य के लिए या विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए मूल्यवान परिसंपत्तियों को जारी करना सुनिश्चित होगा।

दोनों सार्वजनिक प्रतिष्ठानों की जमीन का उपयोग कार्य सार्वजनिक/समाज के समग्र विकास के लिए सरकारी कार्य के लिए किया जाएगा।

पृष्ठभूमिः

i.     एनजेएमसी अनेक वर्षों से घाटे में चल रही है और 1993 से इसे बीआईएफआर को विचार के लिए भेजा गया है। कम्पनी का प्रमुख उत्पाद बोरी थी जिसका इस्तेमाल विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अनाज के पैकेजिंग के लिए की जाती थी। कई वर्षों से जूट की बोरी की मांग में कमी आ रही है और पाया गया है कि कम्पनी चलाने के लिए यह वाणिज्यिक रूप से लाभदायक नहीं है।

ii.     एनजेएमसी की मीलों- किनीसन मिल टीटागढ़, खरदा मील, खरदा तथा आरबीएचएम मील, कटिहार-के पुनरोद्धार का प्रस्ताव किया गया था और यह 2016 से स्थगित है, (अंतिम मील किनीसन जूट मील 31/08/2016 को बंद की गई) क्योंकि ठेकेदार कार्य क्षमता को लागू करने और स्थानीय श्रमिकों की समस्या सुलझाने में विफल रहा है। आउटसोर्सिंग के विभिन्न मॉडलों का लागू करने का प्रयास किया गया लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। पहले के कार्य प्रदर्शन, बाजार की स्थितियों तथा प्लास्टिक से स्पर्धा और निजी जूट मीलों की क्षमता को देखते हुए यह पाया गया कि एनजेएमसी संचालन लाभों के माध्यम से अपनी ऋणात्मक शुद्ध संपत्ति को ठीक करने की स्थिति में नहीं है। एनजेएमसी के साथ कोई स्टाफ/श्रमिक नहीं है, इसलिए इसे बंद किया जाना चाहिए।

iii.          एनजेएमसी की सहायक कम्पनी बीजेईएल का मामला बीआईएफआर को भेजा गया, जिसनेपुनरोद्धार योजना पर विचार किया था। प्रारूप पुनरोद्धार योजना लागू नहीं की जा सकी, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार भूमि उपयोग के परिवर्तन पर सहमत नहीं हुई और तीन वर्ष के विलम्ब के बाद भी एएससी में राज्य सरकार का प्रतिनिधि नामित नहीं किया गया। बीजेईएल में कोई स्टॉफ नहीं है। फैक्टरी का संचालन नहीं हो रहा है इसलिए इसके बंद करने से कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।