प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 2014 के सहमति पत्र के नवीनीकरण को मंजूरी दे दी, जो इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सऊदी अरब के सऊदी ऑर्गनाइजेशन और सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स (एसओसीपीए) के बीच कॉर्पोरेट प्रशासन, तकनीकी शोध व सुझाव, फारेंसिंक एकांउटिंग, छोटे व लघु अभ्यास के मामले (एसएमपी), इस्लामिक फाइनेंस, निरंतर पेशेवर विकास (सीपीडी) और अन्य विषयों में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए कार्य करता है।
प्रमुख प्रभाव :
आईसीएआई के सदस्यों, छात्रों और उनके संगठनों के हित में आपसी संबंध को विकसित करने के लिए साथ मिलकर कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एमओयू, आईसीएआई के सदस्यों को अपने पेशेवर क्षितिज को विस्तार देने का अवसर प्रदान करेगा। यह स्थानीय नागरिकों को क्षमता निर्माण को मजबूत करने के लिए एक संस्था के रूप में कार्य करेगा।
एमओयू लेखा व लेखा परीक्षण को बढ़ावा देने में आईसीएआई को सहायता प्रदान करेगा। इससे इस पेशे का विकास होगा।
लाभार्थी :
आईसीएआई की पूर्वी राज्य के तीन क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति है। इसमें जेद्दा, रियाद और सऊदी अरब आते हैं। यहां आईसीएआई के 200 से अधिक सदस्य विभिन्न पेशेवर स्तरों पर कार्यरत हैं। इस एमओयू से आईसीएआई और एसओसीपीए के बीच मजबूत संबंध विकसित होंगे। इससे भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को भारत में तथा पूर्वी राज्य के रोजगार प्रदाताओं को अधिक आत्मविश्वास प्राप्त होगा। इस प्रकार भारतीय लेखाकारों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
पृष्ठभूमि :
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के अंतर्गत की गई है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अधिनियम 1949 भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी का नियमन करता है। सऊदी अरब के शाही शासनादेश के अंतर्गत सऊदी ऑर्गनाइजेशन और सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स (एसओसीपीए) का गठन किया गया है, जो देश में लेखा व लेखा समीक्षा के पेशे का नियमन करता है।