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सभी भारतीय बच्‍चों को स्‍वदेश में विकसित रोटा वायरस वैक्‍सीन समेत तीन नये वैक्‍सीन दिये जाएंगे
जापानी मस्तिष्‍क ज्वर से बचाव के लिए उच्‍च प्राथमिकता वाले जिलों में व्‍यस्‍कों के लिए चौथा वैक्‍सी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज भारत के वैश्विक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूआईपी) के एक हिस्‍से के रूप में चार नये वैक्‍सीन जारी करने के भारत सरकार के निर्णय की घोषणा की। रोटा वायरस, रूबेला और पोलियो (इनजेक्‍टेबल) के खिलाफ वैक्‍सीन के माध्‍यम से एक साथ मिलकर भारत में वर्ष 2015 तक बच्‍चों की मृत्‍यु दर को दो-तिहाई तक घटाने का सहस्राब्‍दी विकास लक्ष्‍य प्राप्‍त करना है और वैश्विक स्‍तर पर पोलियो के खात्‍मे का लक्ष्‍य हासिल करना है। इसके अलावा जापानी मस्तिष्‍क ज्‍वर के खिलाफ ज्‍यादा पीडि़त जिलों में व्‍यस्‍कों के लिए एक वैक्‍सीन भी शुरू किया जाएगा।

अभी हाल में पेंटावालेंट वैक्‍सीन की शुरुआत के साथ ही सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में सरकार का यह फैसला तीस वर्षों में हुए बहुत ही महत्‍वपूर्ण नीति परिवर्तन को दर्शाता है, जिससे करीब एक लाख शिशुओं की मृत्‍य और कार्यकारी आयु समूह में काम कर रहे व्‍यस्‍कों की मृत्‍यु पर रोक लगेगी और प्रत्‍येक वर्ष दस लाख लोगों की अस्‍पताल में भर्ती होने से बचाया जा सकता है। इन नये वै‍क्‍सीनों के आ जाने से भारत अपने वैश्विक प्रतिरक्षण कार्यक्रम के तहत जीवन के लिए चुनौती बनी 13 बीमारियों से वार्षिक स्‍तर पर दो करोड़ 70 लाख बच्‍चों को बचा सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि चार नई जीवन रक्षक वैक्‍सीनों की शुरूआत, देश में शिशुओं और बच्‍चों में रूग्‍णता और मृत्‍यु दर घटाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायेगी। इनमें से ज्‍यादातर वैक्‍सीन, जो इन्‍हें खरीद सकता है, निजी चिकित्‍सकों के माध्‍यम से पहले से उपलब्‍ध है। सरकार अब यह सुनिश्चित करेगी कि वैक्‍सीनेशन का लाभ सामाजिक और आर्थिक स्‍टेट्स न देखते हुए समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे।

रोटा वायरस जनित दस्‍त से प्रत्‍येक वर्ष करीब 80 हजार बच्‍चों की म़ृत्‍यु हो जाती है, जिसका परिणाम दस लाख मरीजों की अस्‍पताल में भर्ती होती है जिससे बहुत सारे भारतीय परिवार गरीबी रेखा से नीचे खिसक जाते हैं। इससे देश पर प्रति वर्ष तीन सौ करोड़ रूपये का अतिरिक्‍त आर्थिक भार भी पड़ता है। भारत ने स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय तथा विज्ञान मंत्रालय की सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत विकसित स्‍वदेश में विकसित अपने पहले रोटा वायरस वैक्‍सीन का विकास किया है और उसका लाइसेंस हासिल कर लिया है। भारत इस वैक्‍सीन की चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा।

सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य की एक और बड़ी चिंता से निपटने के लिए भारत सरकार के वैश्विक प्रतिरक्षरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत रूबेला के खिलाफ वैक्‍सीन जारी करेगी। रूबेला रोग से नवजात शिशुओं में एकरूपता वाली गंभीर कमियां जैसे अंधता, बहरापन और ह्दय रोग जैसी परे‍शानियां पैदा हो जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार देश में प्रत्‍येक वर्ष ऐसी कमियों के साथ पैदा होने वाले बच्‍चों की संख्‍या करीब दो लाख है।

वैश्विक प्रतिरक्षण कार्यक्रम यूआईपी के तहत जापानी मस्तिष्‍क ज्‍वर वाले नौ राज्‍यों के 179 पीडि़त जिलों में वयस्‍क‍ों के लिए वैक्‍सीन जारी किया जायेगा। पोलिा मुक्‍त विश्‍व के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए भारत वैश्विक स्‍तर पर 125 देशों के साथ इंजेक्शन से दिये जाने वाला पोलिया वैक्‍सीन जारी करेगा। भारत को मार्च 2014 में पोलियो मुक्‍त घोषित किया जा चुका है और इंजेक्शन के माध्‍यम से पोलियो वैक्‍सीन दिये जाने की सुविधा से देश की जनसंख्‍या को पोलियो वायरस से दीर्घकाल तक बचाया जा सकेगा। श्री नरेन्‍द्र मोदी, जो स्‍वास्‍थ्‍य को देश की तरक्‍की का महत्‍वपूर्ण अंग मानते हैं, ने कहा कि भारत शिशु मृत्‍युदर से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार के बहुस्‍तरीय प्रयासों के माध्‍यम से सभी को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा मुहैया कराये जाने को वचनबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि नियमित तौर पर प्रतिरक्षण भारत के बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य में एक निवेश है और इसे देश को एक स्‍वास्‍थ भविष्‍य मिल सकेगा।

नये वैक्‍सीनों को लागू करने की सिफारिश, प्रतिरक्षण पर गठित देश की सर्वोच्‍च वैज्ञानिक सलाहकार संस्‍था एनटीएजीआई के गहन प्रयासों और अनगिनत वैज्ञानिकों अध्‍ययनों के बाद, की गई है।