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प्रधानमंत्री ने चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि योग दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली ‘एकजुट करने वाले बलों’ में से एक बन गया है। वह चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून, उत्तराखंड के वन अनुसंधान संस्थान परिसर में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वन अनुसंधान संस्थान परिसर में योग के प्रति उत्साही 50,000 लोगों और स्वयंसेवकों के साथ योगासन, प्राणायाम और ध्यान भी किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया भर के लोगों के लिए यह गर्व का पल है कि लोग योग के साथ सूर्य के प्रकाश और गर्मी का स्वागत कर रहे हैं। अब देहरादून से डबलिन तक, शांघाई से शिकागो और जकार्ता से जोहानिसबर्ग तक हर जगह योग का प्रसार हो गया है।’

दुनिया भर के योग के प्रति उत्साही लोगों को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने योग को हाथोंहाथ स्वीकार किया है और हर साल मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में इसकी झलक देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिहाज से योग दिवस सबसे बड़े जनांदोलनों में से एक बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम चाहते हैं, पूरा विश्व हमारा सम्मान करे तो हमें हमारी विरासत और धरोहर को सम्मान देने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग सुंदर है, क्योंकि यह प्राचीन है और आधुनिक भी है, यह स्थायी है और अभी तक विकसित हो रहा है; यह हमारे अतीत और वर्तमान की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है और हमारे भविष्य के लिए उम्मीद की किरण भी दिखाता है।

योग की संभावनाओं पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग में व्यक्तिगत के साथ ही समाज के सामने आने वाली अधिकांश समस्याओं का समाधान मौजूद है। उन्होंने कहा कि योग शांत, रचनात्मक और सुखी जीवन की ओर ले जाता है, तनाव और अनावश्यक चिंता को दूर करता है। उन्होंने कहा, ‘बांटने की बजाय योग एकजुट करता है। शत्रुता के बजाय योग आत्मसात करता है। समस्याएं बढ़ाने के बजाय योग उपचार करता है।’