प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक में समापन टिपण्णियां कीं।
प्रधानमंत्री ने रचनात्मक विचार विमर्श एवं विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए उपस्थित समूह को आश्वस्त किया कि निर्णय-निर्माण करते समय इन सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने नीति आयोग से कहा कि वह तीन महीनों के भीतर सुझाए गए कार्रवाई योग्य बिन्दुओं पर राज्यों के साथ अनुवर्ती कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित 115 आकांक्षापूर्ण जिलों की तर्ज पर, राज्य आकांक्षापूर्ण ब्लॉक के रूप में राज्य के कुल ब्लॉक के 20 प्रतिशत को चिन्हित करने के लिए अपने खुद के मानकों को निर्धारित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्रियों द्वारा उठाए गए पर्यावरण के मुद्वे पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से उनके सरकारी भवनों, कार्यालय निवासों एवं स्ट्रीटलाइटों में एलईडी बल्ब का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे एक निश्चित समयसीमा के भीतर कार्यान्वित किया जा सकता है।
उन्होंने विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा जल संरक्षण, कृषि, मनरेगा आदि मसलों पर दिए गए कई अन्य सुझावों की सराहना की।
उन्होंने मध्य प्रदेश, बिहार, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बुवाई-पूर्व एवं कटाई-उपरांत, दोनों ही चरणों समेत ‘कृषि एवं मनरेगा‘ के दो विषयों के प्रति एक समन्वित नीतिगत दृष्टिकोण पर अनुशंसाएं करने के लिए एक साथ मिल कर कार्य करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पंक्ति में अंतिम स्थान पर खड़े लोगों‘ की पहचान करना अहम है जिससे कि अभिशासन के लाभ उन तक पहुंच सकें। इसी प्रकार, सामाजिक न्याय भी एक महत्वपूर्ण अभिशासन लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इन नेक कामों के लिए घनिष्ठ समन्वयन एवं सतत निगरानी की आवश्यकता है।
उन्होंने 15 अगस्त, 2018 तक 115 आकांक्षापूर्ण जिलों के 45,000 अतिरिक्त गांवों तक सात प्रमुख योजनाओं का सार्वभौमिक कवरेज उपलब्ध कराने के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दुहराई।
केंद्र सरकार के सबका साथ सबका विकास के दिशानिर्देशकारी सिद्धांत की व्याख्या करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं अब केवल खास लोगों, या विशेष क्षेत्रों तक सीमित नहीं रह गई हैं और वे संतुलित तरीके से, बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सभी गांवों तक अब बिजली पहुंच चुकी हैं और सौभाग्या योजना के तहत अब 4 करोड़ घरों तक बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता कवरेज चार वर्षों में लगभग 85 प्रतिशत तक पहुंच चुका है जो 40 प्रतिशत से भी कम था। उन्होंनें कहा कि जन धन योजना के कार्यान्वयन के बाद देश की पूरी आबादी बैंकिंग प्रणाली से जुड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि, इसी प्रकार उज्जवला योजना कूकिंग गैस की सुविधा उपलब्ध करा रही है, मिशन इंद्रधनुष सार्वभौमिक टीकाकरण की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से गरीबों के कल्याण के लिए योजनाओं के 100 प्रतिशत कार्यान्वयन के इस लक्ष्य की दिशा में अपने प्रयासों के द्वारा योगदान देने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन से लोगों के जीवन में व्यवहारगत बदलाव भी आ रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में, उन्होंने यूरिया का नीम लेपन, उज्जवला योजना, जन धन खातों और रूपे डेबिट कार्डों का उल्लेख किया। उन्होंने वर्णन किया कि किस प्रकार ये योजनाएं लोगों के जीवन में सुधार ला रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। पिछले चार वर्षों के दौरान, 7.70 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने वहां उपस्थित सभी व्यक्तियों से महात्मा गांधी की 150 जयंती, 2 अक्टूबर, 2019 तक 100 प्रतिशत स्वच्छता कवरेज की दिशा में काम करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने युद्ध स्तर पर जल संरक्षण एवं जल प्रबंधन की दिशा में प्रयास करने की अपील की।
अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व को उम्मीद है कि भारत जल्द ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। उन्होंने राज्यों को प्रेरित किया कि वे परिणाम आधारित आवंटनों एवं व्यय सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए वित आयोग को नए-नए विचार दें।
उन्होंने प्रसन्नता जताई की कि राज्य अब निवेशक सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने परामर्श दिया कि राज्यों को निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने राज्यों को ‘व्यवसाय करने की सुगमता‘ को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को व्यवसाय करने की सुगमता को और बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों के साथ एक बैठक आयोजित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए आज ‘जीने की सुगमता‘ भी आवश्यक है और राज्यों को इस संबंध में अब पहल करनी चाहिए।
कृषि पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में इस क्षेत्र में कॉरपोरेट निवेश बहुत निम्न है। उन्होंने कहा कि राज्यों को एक नीतियां बनानी चाहिए जो वेयरहाउसिंग, परिवहन, मूल्य संवर्द्धन एवं खाद्य प्रसंस्करण आदि जैसे क्षेत्रों में कॉरपोरेट निवेश को बढ़ावा दे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन खनन ब्लॉकों की सफलतापूर्वक बोली लगाई चुकी है, उनमें जल्द से जल्द उत्पादन आरंभ करना चाहिए। उन्होंने राज्यों से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिला खनिज फाउंडेशन व्यापक तरीके से गरीबों एवं जनजातीय लोगों की सहायता करेगा।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय बचत एवं उससे संसाधनों के बेहतर उपयोग जैसे विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लोकसभा एवं विधानसभा के लिए एक ही साथ चुनाव कराए जाने पर व्यापक परिचर्चा करने एवं सलाहों मशविरों की अपील की।
अंत में, प्रधानमंत्री ने एक बार मुख्यमंत्रियों को उनके सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।