प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ओमान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी। इस एमओयू पर भारत की ओर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और ओमान के परिवहन एवं संचार मंत्रालय ने फरवरी 2018 में मस्कट में हस्ताक्षर किए थे।
विवरण :
· इस एमओयू से इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा – अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग जैसे पृथ्वी की रिमोट सेंसिंग, उपग्रह आधारित नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान एवं सौरमंडल से संबंधित खोज, अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष प्रणाली एवं ग्राउंड सिस्टम का इस्तेमाल और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग।
· इस एमओयू के तहत एक संयुक्त कार्य समूह का गठन होगा जिसमें डीओएस/इसरो और ओमान के परिवहन एवं संचार मंत्रालय (एमटीसी) से सदस्य लिए जाएंगे जो समय सारणी एवं इस एमओयू को लागू करने के लिए साधनों सहित कार्य योजना की रूपरेखा तैयार करेंगे।
· इससे पृथ्वी के रिमोट सेंसिंग, उपग्रह नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान एवं बाहरी अंतरिक्ष के अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में नई अनुसंधान गतिविधियों की संभावनाएं तलाशने एवं संभावित अनुप्रयोगों को बल मिलेगा।
कार्यान्वयन रणनीति एक लक्ष्य :
इस हस्ताक्षरित एमओयू से एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना होगी जो समय सारणी और इस एमओयू के प्रावधानों को लागू करने के साधनों सहित एक कार्य योजना की रूपरेखा तैयार करेगा।
लाभ:
यह एमओयू मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इस प्रकार इससे देश के सभी क्षेत्रों और तबकों को लाभ मिलेगा।
प्रभाव:
इस एमओयू के जरिए ओमान सल्तनत के साथ सहयोग बढ़ेगा और मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
पृष्ठभूमि:
· ओमान सल्तनत ने अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम तैयार करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ सहयोग में दिलचस्पी दिखाई थी। इसी क्रम में मार्च 2011 में ओमान के संचार विभाग के एक 4-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इसरो का दौरा किया था और इसरो के तकनीकी प्रतिष्ठानों को देखा था। उसके बाद ओमान सल्तनत ने मई 2016 में ओमान में भारत के राजदूत के समक्ष इसरो के साथ अपने अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में सहयोग की इच्छा जताई थी।
· तदनुसार दोनों पक्षों ने बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए पारस्परिक रूप से सहमति जताई। इस एमओयू पर भारत की ओर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और ओमान के परिवहन एवं संचार मंत्रालय ने 11 फरवरी, 2018 में मस्कट में हस्ताक्षर किए गये थे।