प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र में निवेश, क्षेत्र की मजबूती तथा व्यावसायिक सहजता बढ़ाने के लिए दो महत्वपूर्ण कदमों को अपनी स्वीकृति दे दी।
विवरण:
1. स्पेक्ट्रम के लिए दूरसंचार सेवाप्रदाओं की स्थगित भुगतान देनदारियों को नया ढांचा देना
वर्तमान में स्वीकृत 10 किश्तों के अतिरिक्त अधिकतम किश्तों (अधिकतम 16 किश्त) का विकल्प चुनने का एक बार का अवसर प्रदान करके। बढ़ाई गई किश्तें इस सिद्धांत पर आधारित हैं कि बकाये भुगतान का शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) 2012 से स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रित करने संबंधी नोटिस के अनुसार संरक्षित है। कुल प्राप्त की गई राशि 2034-35 तक 74446.01 करोड़ रु. तक अधिक होगी।
2. स्पेक्ट्रम रखने के लिए अधिकतम सीमा में संशोधन
ट्राई तथा दूरसंचार आयोग की सिफारिशों के आधार पर मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम रखने की अधिकतम सीमा में संशोधन को भी अपनी मंजूरी दे दी जो इस प्रकार हैं:-
• समग्र स्पेक्ट्रम सीमा वर्तमान 25 प्रतिशत से संशोधित करके 35 प्रतिशत की गई।
• वर्तमान इंट्रा-बैंड सीमा समाप्त कर दी गई है। इसके बदले सब-1 गीगाहर्ट्स बैंडों (700 मेगाहर्ट्स, 800 मेगाहर्ट्स तथा 900 मेगाहर्ट्स बैंडों) में सम्मिलित स्पेक्ट्रम रखने पर 50 प्रतिशत की सीमा तय की गई है।
• 1 गीगाहर्ट्सबैंड से ऊपर व्यक्तिगत और सम्मिलित रूप से स्पेक्ट्रम रखने के लिए कोई सीमा नहीं होगी।
• विश्व रेडियो संचार सम्मेलन (डब्ल्यूआरसी) 2019 की अंतिम कार्रवाई के बाद संशोधित स्पेक्ट्रम की अधिकतम सीमाओं में संशोधन किया जा सकता है।
ट्राई ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रगति, स्पेक्ट्रम के सक्षम उपयोग, क्षेत्र की मजबूती में सहायक उपायों को ध्यान में रखते हुए स्पेक्ट्रम रखने के लिए वर्तमान अधिकतम सीमाओं में संशोधन की सिफारिश की थी।
प्रभाव:
स्थगित भुगतान देनदारी को नया ढांचा देने के साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाओं के लिए नकदी प्रवाह बढ़ेगा और उन्हें कुछ राहत मिलेगी। स्पेक्ट्रम रखने की अधिकतम सीमा में संशोधन से दूरसंचार लाइसेंसधारियों में मजबूती आएगी और इससे भविष्य में होने वाली नीलामियों में भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा।