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प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन एलबीएसएनएए, मसूरी में 92वें फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन एलबीएसएनएए, मसूरी में 92वें फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन एलबीएसएनएए, मसूरी में 92वें फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन एलबीएसएनएए, मसूरी में 92वें फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अपनी यात्रा के दूसरे दिन मसूरी के एलबीएसएनएए में 92वें फाउंडेशन कोर्स के 360 अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया। ये अधिकारी प्रशिक्षु 17वें सिविल सेवा और रॉयल भूटान सिविल सर्विस की 3 सेवाओं से संबंधित हैं।

इस संबो‍धन से पहले अधिकारी प्रशिक्षुओं ने ‘मैं सिविल सेवा में क्यों जुड़ा’ विषय पर अपने द्वारा लिखे गए निबंधों और आवास, शिक्षा, एकीकृत परिवहन व्‍यवस्‍था, कुपोषण, ठोस कचरा प्रबंधन, कौशल विकास, डिजिटल लेनदेन, एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत एवं न्‍यू इंडिया-2022 जैसे विषयों पर प्रस्‍तुति दी।

अधिकारी प्रशिक्षुओं ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन पर भी अपने बेहतरीन विचार प्रस्‍तु‍त किए।

अधिकारी प्रशिक्षुओं (ओटी) को उनकी प्रस्‍तुतियों पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन शुरू किया। उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने निर्देश दिए हैं कि इन प्रस्‍तुतियों का भारत सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा गहराई से अध्‍ययन किया जाए। उन्‍होंने कहा कि फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अंत से पहले ओटी को उनकी टिप्पणियों और प्रतिक्रिया के बारे में बताया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने अधिकारी प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण खत्‍म होने के तत्‍काल बाद जीवन के लिए तैयारी के बारे में सलाह देते हुए कहा उन्‍हें आसपास के लोगों के प्रति हमेश सतर्क और सावधान रहना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि किताबी ज्ञान उन्‍हें गलत राह पर भटकने से रोकेगा, लेकिन संपर्क और घनिष्‍ठता के जरिये वे अपनी टीम तैयार कर सकते हैं जो उन्‍हें सफल बनाने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री ने नीतिगत पहल के सफल कार्यान्‍वयन के लिए जन-भागीदारी के महत्‍व पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले सिविल सेवा का काम ब्रिटिश राज को बनाए रखने के उद्देश्‍यों पर आधारित होता था। उन्‍होंने कहा कि अब सिविल सेवा का उद्देश्‍य लोगों की समृद्धि और जनकल्‍याण है। उन्‍होंने कहा कि सिविल सेवा के अधिकारी यदि इन उद्देश्‍यों को आत्‍मसात कर लेते हैं तो सरकारी मशीनरी और लोगों के बीच खाई को पाटा जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिविल सेवकों के बीच टीम भावना का अभाव और साइलो जैसी समस्‍याओं को मसूरी में प्रारंभिक प्रशिक्षण के दौरान प्रभावी तौर पर निपटाया जा सकता है। फाउंडेशन पाठ्यक्रम के दौरान अधिकारी प्रशिक्षुओं के प्रदर्शन का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान मिली टीम भावना और नेतृत्‍व जैसी सीख को उन्‍हें अपने पूरे करियर पर लागू करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक आंदोलन लोकतंत्र में बदलाव ला सकते हैं और सिविल सेवा को उसके लिए उत्‍प्रेरक होना चाहिए। कल सांस्‍कृतिक कार्यक्रम में अधिकारी प्रशिक्षुओं द्वारा भक्ति गीत ‘वैष्‍णव जन’ की प्रस्‍तुति का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा अधिकारी प्रशिक्षुओं को इसमें ‘वैष्‍णव जन’ की जगह ‘सिविल सेवक’ रखते हुए गाने को पूरा करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुमनामी सिविल सेवकों की सबसे बड़ी ताकत है। उन्‍होंने सिविल सेवा की तुलना अशोक प्रतीक के चौथे शेर से की जो हमेशा अदृश्‍य रहता है लेकिन वह हर समय अपनी उपस्थिति महसूस कराता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यात्रा भारत की एक महान परंपरा है और यात्रा करना एवं लोगों के साथ बातचीत करना सीखने का एक जबरदस्‍त अनुभव है। उन्‍होंने अधिकारी प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे अपनी पोस्टिंग के दौरान क्षेत्रों का दौरा अवश्‍य करें।

अधिकारी प्रशिक्षुओं को प्रोत्‍साहित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘करियर की भावना’ जो उन्‍हें एलबीएसएनएए तक लाई है, को अब भारत के लोगों की सेवा के लिए ‘मिशन की भावना’ से बदला जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि भविष्‍य में जब वे क्षेत्र में अपनी सेवा देंगे तो यह उनके ‘जीवन का उद्देश्‍य’ होना चाहिए।

इससे पहले आज सुबह प्रधानमंत्री ने अकादमी के लॉन में हिमालय की पृष्‍ठभूमि में आयोजित अधिकारी प्रशिक्षुओं के योग सत्र में भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने नई हॉस्‍टल बिल्डिंग और 200 मीटर लंबे बहुउद्देशीय सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक के निर्माण के लिए आधारशिला का अनावरण किया।

प्रधानमंत्री ने अकादमी में बालवाड़ी का दौरा किया और बच्‍चों से बातचीत की। उन्‍होंने अकादमी में जिमनैजियम एवं अन्‍य सुविधाओं का भी दौरा किया।