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मंत्रिमंडल ने विश्‍वविद्यालयों/कॉलेजों और केंद्रीय सहायता प्राप्‍त तकनीकी संस्‍थानों के शिक्षकों और समतुल्‍य अकादमिक कर्मियों के वेतन-भत्‍तों में संशोधन को मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के तहत विश्‍वविद्यालयों/कॉलेजों और केंद्रीय सहायता प्राप्‍त तकनीकी संस्‍थानों के करीब 8 लाख शिक्षकों एवं समतुल्‍य अकादमिक कर्मियों के वेतन भत्‍तों में 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप संशोधन को मंजूरी दी है।

इस निर्णय से यूजीसी/एमएचआरडी द्वारा वित्‍त पोषित 106 विश्‍वविद्यालयों/कॉलेजों और राज्‍य सरकारों द्वारा वित्‍तपोषित 329 विश्‍वविद्यालयों के अलावा स्‍टेट पब्लिक यूनिवर्सिटीज द्वारा मान्‍यताप्राप्‍त 12,912 सरकारी एवं निजी सहायता प्राप्‍त कॉलेजों के 7.58 लाख शिक्षकों एवं समतुल्‍य अकादमिक कर्मियों को लाभ मिलेगा।

साथ ही, संशोधित वेतन पैकेज के दायरे में आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएसईआर, आईआईआईटी, एनआईटीआईई आदि केंद्रीय वित्‍तपोषित 119 तकनीकी संस्‍थानों के शिक्षक भी होंगे।

अनुमोदित वेतन पैकेज 1.1.2016 से लागू होगा। इससे सालाना केंद्रीय वित्‍तीय दायित्‍व करीब 9,800 करोड़ रुपये का होगा।

वेतन भत्‍ते में इस संशोधन से शिक्षकों के वेतन में 10,400 रुपये से 49,800 रुपये के दायरे में बढ़ोतरी होगी जो छठे केंद्रीय वेतन आयोग के लागू होने पर शिक्षकों के शुरुआती वेतन पर आधारित है। इस संशोधन से शुरुआती वेतन वृद्धि 22 प्रतिशत से 28 प्रतिशत के दायरे में होगी।

राज्‍य सरकारों द्वारा वित्‍तपोषित संस्‍थानों के लिए संशोधित वेतन पैकेज को संबंधित राज्‍य सरकार द्वारा लागू किया जाना आवश्‍यक होगा। वेतन भत्‍ते में इस संशोधन के कारण राज्‍यों के अतिरिक्‍त वित्‍तीय बोझ का वहन केंद्र सरकार करेगी। संशेधित वेतन ढांचे में प्रस्‍तावित उपायों से उच्‍च शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार लाने और प्रतिभाओं को आकर्षित करने एवं उन्‍हें बरकरार रखने में मदद मिलेगी।