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मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिक्‍स देशों- ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका- के बीच कर मामलों से संबंधित एमओसी को मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिक्‍स देशों- ब्राजील, रूसी गणराज्‍य, चीन और दक्षिण अफ्रीका- के राजस्‍व विभागों के साथ कर मामलों से संबंधित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्‍ताक्षर के लिए मंजूरी दी है।

उद्देश्‍य:

इस एमओसी का उद्देश्य कर मामलों में साझा हितों पर अंतरराष्‍ट्रीय फोरम में ब्रिक्‍स देशों के राजस्‍व विभागों के बीच सहयोग और क्षमता निर्माण एवं ज्ञान की साझेदारी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत ब्रिक्‍स देशों के राजस्‍व विभागों के प्रमुखों के बीच साझा हित वाले क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए नियमित बातचीत की परिकल्‍पना की गई है ताकि अंतरराष्‍ट्रीय कर के क्षेत्र में समकालीन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कर विशेषज्ञों की बैठक आयोजित करते हुए विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके। साथ ही, इस एमओसी के तहत होने वाले सूचनाओं के आदान-प्रदान की गोपनीयता एवं सुरक्षा का भी यह एमओसी समर्थन करता है।

प्रभाव:

यह एमओसी कर मामलों में प्रभावी सहयोग को प्रोत्‍साहित करेगा। ब्रिक्‍स देशों का सामूहिक रुख न केवल इन देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है बल्कि जी20 द्वारा संचालित कर मामलों के संदर्भ में अन्‍य विकासशील देशों को भी लंबी अवधि में इसका फायदा मिल सकता है।

पृष्‍ठभूमि:

ब्रिक्‍स देशों के राजस्‍व प्रमुख कर मामलों में सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा और 16 अक्‍टूबर 2016 को जारी गोवा घोषणा पत्र में उल्‍लेखित खुलेपन, एकजुटता, समानता, आपसी समझ, समावेशी एवं पारस्‍परिक रूप से लाभप्रद सहयोग के लिए प्रतिबद्धता पर आधारित विचारों के आदान-प्रदान के लिए नियमित तौर पर बैठक करते हैं। ब्रिक्‍स देशों ने आपसी हितों के चार क्षेत्रों की पहचान की है जहां आपसी समझ और सहयोग को कहीं अधिक मजबूत किया जा सकता है। ब्रिक्‍स देशों के राजस्‍व प्रमुखों ने मई 2016 में चीन के बीजिंग में आयोजित एफटीए सम्‍मेलन के दौरान अपनी बैठक की थी जिसमें सहयोग के इन क्षेत्रों में एक एमओसी पर हस्‍ताक्षर करने का निर्णय लिया गया था।