प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और बांग्लादेश के बीच निवेश के संवर्द्धन एवं संरक्षण पर ज्वाइंट इंटरर्प्रिटेटिव नोट्स यानी संयुक्त व्याख्यात्मक नोट (जेआईएन) को अपनी मंजूरी दे दी है।
जेआईएऩ भारत और बांग्लादेश के बीच निवेश के संवर्द्धन एवं संरक्षण (बीआईपीए) के मौजूदा समझौते की व्याख्या के लिए स्पष्टता प्रदान करेगा। जेआईएन में कई खंडों के लिए संयुक्त रूप से अपनाने की खातिर व्याख्यात्मक नोट शामिल हैं। इसमें निवेशक की परिभाषा, निवेश की परिभाषा, कराधान उपायों को हटा देना, निष्पक्ष एवं न्यायसंगत व्यवहार (एफईटी), राष्ट्रीय व्यवहार (एनटी) और सबसे पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) जैसा बर्ताव, जब्ती, जरूरी सुरक्षा हित और एक निवेशक तथा ठेका लेने वाली पार्टी के बीच के विवादों का निपटान शामिल है।
आमतौर पर संयुक्त व्याख्यात्मक बयान निवेश संधि व्यवस्था को मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण पूरक की भूमिका निभाते हैं। द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) में बढ़ते हुए विवादों के साथ, ऐसे बयान जारी करने से ट्रिब्यूनल के समक्ष एक मजबूत प्रेरक मूल्य बनने की संभावना होती है। राष्ट्रों के इस तरह के सक्रिय दृष्टिकोण से मध्यस्थता ट्रिब्यूल संधि की शर्तों को उम्मीद के अनुसार और सुसंगत व्याख्या के जरिए बढ़ावा दे सकता है।