प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत और बांग्लादेश के बीच साइबर सुरक्षा सहयोग पर आधारित समझौते से अवगत कराया गया। यह समझौता भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) और बांग्लादेश के डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन बांग्लादेश गवर्नमेंट कंप्यूटर इंसिडेंट रिस्पांस टीम- बांग्लादेश कंप्यूटर कौंसिल सूचना और संचार प्रौद्योगिकी डिवीजन के बीच किया गया था। 8 अप्रैल 2017 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इस समझौता ज्ञापन का लक्ष्य सीईआरटी- इन और बीजीडी e-gov सीआईआरटी के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है और इसमें साइबर हमले और साइबर सुरक्षा से जुड़ी घटनाएं, साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग, साइबर सुरक्षा नीतियों का आदान-प्रदान और सर्वश्रेष्ठ परंपराएं और प्रत्येक देश के संबंधित कानूनों और नियमों के अनुसार इस क्षेत्र में मानव संसाधन विकास की श्रेष्ठ परंपराएं शामिल हैं, जो समानता, सौहार्द्र और परस्पर लाभ पर आधारित है।
साइबर सुरक्षा के मामले पर विधिवत गठित एक संयुक्त समिति के माध्यम से सीईआरटी-इन और बीजीडी e-gov सीआईआरटी के बीच समझौते को कार्यान्वित किया जाएगा।
पृष्ठभूमि:
सीईआरटी- इन भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक राष्ट्रीय शीर्ष एजेंसी है। इसका लक्ष्य भारतीय साइबर स्पेस को सुरक्षित रखना है। अतः सीईआरटी-इन की ओर से विदेशी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के साथ घटना के प्रत्युत्तर और समाधान के लिए सहयोग किया जा रहा है।
सरकारों, कारोबार और उपभोक्ताओं के सामने कई प्रकार की साइबर चुनौतियों को देखते हुए यह समझौता किया गया है। इसके अलावा, इस बात की आवश्कयता है कि साइबर सुरक्षा संबंधी तैयारी में सुधार किया जाए तथा सिस्टम को सुरक्षित रखने के महात्मय, सुरक्षा प्रक्रियाओं तथा परिचलनों को नवीनतम रखने और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों संगठनों के सहयोग के महात्मय को मान्यता देने के बारे में जागरूकता को बढाए जाए।